श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 21 सितबंर 2020। केन्द्र सरकार पर अंग्रेजों की तरह तानाशाही का आरोप लगाते हुए पास किए गए कृषि विधेयकों को वापस लेने की मांग करते हुए श्रीडूंगरगढ कृषि मंडी व्यापारियों ने आज मंडी को बंद रखा और जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। व्यापारियों ने भारतीय किसान यूनियन को पूर्ण समर्थन देते हुए आज कृषि मंडी बंद रखी। बता देवें राज्य की सभी 247 कृषि मंडियों में आज पूर्ण बंद रखा गया है। श्रीडूंगरगढ व्यापार संघ के अध्यक्ष श्यामसुदंर पारीक ने कहा कि सरकार के सलाहकार बड़े बड़े कॉर्पोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए किसानों को गुलाम बनाने व कृषि मंडियों का अस्तित्व ही समाप्त करने का कार्य कर रही है जो कतई सहन नहीं किया जाएगा। पारीक ने इस विधेयक को काला कानून बताते हुए कहा कि यह कानून व्यापारी, किसान, मजदूर विरोधी कानून है और इसे तुरन्त वापस लिया जाना चाहिए। पारीक ने कहा कि इस अध्यादेश को रद्द करवाने के लिए व्यापारी पूरी तरह से किसानों के साथ है। कृषि मंडी प्रागंण में व्यापारियों ने धरना दिया व किसान उत्पाद एवं वाणिज्य अध्यादेश के सभी प्रावधानों पर विस्तार से चर्चा भी की। व्यापारियों ने अध्यादेश से होने वाले नुकसानों के बारे में किसान व मजदूरों से चर्चा की। उपस्थित किसानों ने भी इसका विरोध करते हुए उपखंड अधिकारी को कृषि मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। बता देवें केंद्र सरकार इस विधेयक को लेकर अपने फैसले पर अडिग बनी हुई है और हरियाणा पंजाब सहित राजस्थान में इसका विरोध बढ़ता जा रहा है। श्रीडूंगरगढ़ कृषि मंडी के व्यापारी ओम प्रकाश बाना, मदनलाल कस्वां, भगवाना राम महिया, सीताराम लुखा, आसुराम नैण, दुर्गादत्त सारस्वत, रामपाल सारस्वत, राजकुमार पुरोहित, नवरत्न प्रजापत, सीताराम ज्याणी सहित बड़ी संख्या में व्यापारी उपस्थित रहें व अध्यादेश का पूरजोर विरोध केन्द्र सरकार को दर्ज करवाया।