श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 5 नवंबर 2024। श्रीडूंगरगढ़ व जिला प्रशासन ही घटिया राजनीति के दबाव में ट्रॉमा सेंटर बनाने में अड़चनें लगा रहा है, आमजन की जिंदगियों से किया जा रहा यह खिलवाड़ किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जायेगा। स्थानीय प्रशासन पर यह आरोप लगाए ट्रॉमा निर्माण संघर्ष समिति के धरने पर बैठे क्षेत्रवासियों ने। मौका था सोमवार को एसडीएम के समक्ष आक्रोश जताने के बाद एसडीएम के निर्देशों पर मंगलवार को धरनास्थल पर वार्ता करने के लिए अधिकारियों के धरनास्थल पर पहुंचने का। धरने के 22वें दिन आज वार्ता करने तहसीलदार कुलदीप मीणा, स्वास्थ्य विभाग के ब्लॉक सीएमएचओ राजीव सोनी, उपजिला चिकित्सालय प्रभारी डॉ एसके बिहानी आदि पहुंचे तो धरनार्थियों ने उनके सामने अपना रोष जताया। धरनार्थियों ने अधिकारियों को राज्य सरकार के निर्देशों के बाद भी एमओयू में अड़ंगे अड़ाने का आरोप लगाया। इस पर अधिकारियों ने एमओयू से पहले भूमिगत पार्किंग, चारदीवारी, मिट्टी भराई, भूमिगत अन्य सुविधाएं आदि को शामिल कर नया नक्शा बनाए जाने की जानकारी दी एवं नया नक्शा बनाने के बाद ही एमओयू होने की बात कही। इस पर धरनार्थियों आक्रोशित हो गए व पहले के दिए गए नक्शे पर ही निर्माण क्यों नहीं करवाने का सवाल उठाया। धरने की अगुवाई कर रहे आशीष जाड़ीवाल ने नए नक्शे के नाम पर प्रशासन द्वारा और छह महीने निकाल देने का अंदेशा जताया व इसे तो निर्माण शुरू करवाने में अड़ंगा डालने वाली बात कही। धरनार्थियों ने दानदाता परिवार द्वारा 40 करोड़ रुपए से अधिक राशि खर्च करने की स्थिति में भी विभिन्न अन्य खर्च जोड़ कर दानदाता को परेशान करने का आरोप लगाया व अगर सरकार द्वारा चारदीवारी, मिट्टी भराई से मना करने व इस मुद्दे पर निर्माण रुकने की स्थिति में शहरवासियों द्वारा सामूहिक रूप से चंदा कर चारदीवारी व भर्ती करवाने की बात कही गई। इसे में वार्ता बेनतीजा रही एवं अधिकारी वापस लौट गए, वहीं दूसरी ओर धरनार्थियों ने आंदोलन को और तेज करने का संकल्प लिया। उपजिला चिकित्सालय प्रभारी डॉ एसके बिहाणी ने टाइम्स को बताया कि “जिला प्रशासन द्वारा नया नक्शा बनाकर रिपोर्ट मांगी गई है। धरनार्थी पुराने नक्शे के अनुसार ही निर्माण कार्य प्रारंभ करवाने की मांग कर रहें है। नक्शे की कार्रवाई जिला प्रशासन द्वारा ही की जाएगी। प्रशासन को वस्तुस्थिति से अवगत करवा दिया गया है।“ वार्ता के दौरान संघर्ष समिति के आशीष जाड़ीवाल, श्याम सुंदर आर्य, हरि प्रसाद सिखवाल, प्रकाश गांधी, राजेंद्र, राजेंद्र नौसरिया, रामकिशन गावड़िया, प्रभुराम बाना, चुन्नीलाल टाडा, जावेद बेहलीम, ताहिर काजी, रवि बारूपाल, आरिफ, मदनलाल प्रजापत, अबू भुट्टा, भंवरलाल प्रजापत, अकबर मुंशी, पूर्व सरपंच पुरखाराम बिँझासर, डालूराम सिंवर, दानाराम भादू, सुखाराम महिया, शौकीन काजी, डूंगराराम महिला, गायत्री मेघवाल, मंगतूराम तेजी, भंवरलाल महला, अयूब तंवर आदि शामिल हुए।