श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 18 फरवरी 2023। सनातन श्मशान भूमि में आयोजित सप्त दिवसीय रामकथा आज जय श्रीराम के जयघोष के साथ पूर्ण हुई। कथा व्यास संतोष सागर महाराज ने सीता हरण, लंका दहन, राम रावण युद्ध, विभीषण का राज्याभिषेक व राजा राम के राज तिलक का भावपूर्ण वर्णन किया। महाराज ने कहा कि रामकथा जीवन जीने का ढंग सिखाती है। भरत मिलाप की कथा में उपस्थित जनसमूह के नेत्रों से अश्रु बह चले। आज की कथा के मुख्य यजमान बाबूलाल सहदेवड़ा व उनकी पत्नी संगीतादेवी रहीं। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पूर्णाहुति की आरती में भाग लिया। बता देवें यहां रात्रिकालिन शिव अभिषेक पूजन का आयोजन किया जाएगा जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग लेंगे। इस दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा महाशिवरात्रि पर्व को घोष दिवस के रूप में मनाया गया। कथा स्थल पर घोष का सार्वजनिक प्रदर्शन करते हुए स्वयंसेवकों ने विभिन्न वाद्य यंत्रों पर किरण, उदय, शिवरंजनी, चेतक आदि रचनाओं का मधुर वादन किया गया। इस दौरान महाविद्यालय विद्यार्थी कार्य प्रचारक वीरेंद्र सिंह, जिला कुटुंब प्रबौधन प्रमुख भैराराम डूडी, मुख्य मार्ग एवं ग्रामीण कार्य प्रमुख गौरीशंकर तावनिया, खंड संपर्क प्रमुख सहीराम सायच, नगर कार्यवाहक मूलचंद पालीवाल, सहनगर कार्यवाहक महावीर प्रजापत, नगर व्यवस्था प्रमुख सुरेश तुनगरिया सहित सेवाधाम संयुक्त विद्यार्थी शाखा तथा श्रीडूंगरगढ़ नगर के अनेक घोष वादक उपस्थित रहे।