श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स, 31 दिसंबर 2022, 🚩श्री गणेशाय नम:🚩शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।
नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।
योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।
*करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।
इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना, पढ़ना चाहिए ।
📜 आज का पंचांग 📜
☀ 31 – Dec – 2022
☀ Sri Dungargarh, India
☀ पंचांग
🔅 तिथि नवमी 06:35 PM
🔅 नक्षत्र रेवती 11:47 AM
🔅 करण :
कौलव 06:35 PM
तैतिल 06:35 PM
🔅 पक्ष शुक्ल
🔅 योग :
परिघ 08:18 AM
शिव 08:18 AM
🔅 वार शनिवार
☀ सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएँ
🔅 सूर्योदय 07:25 AM
🔅 चन्द्रोदय 01:11 PM
🔅 चन्द्र राशि मीन
🔅 सूर्यास्त 05:48 PM
🔅 चन्द्रास्त +02:17 AM
🔅 ऋतु शिशिर
☀ हिन्दू मास एवं वर्ष
🔅 शक सम्वत 1944 शुभकृत
🔅 कलि सम्वत 5124
🔅 दिन काल 10:23 AM
🔅 विक्रम सम्वत 2079
🔅 मास अमांत पौष
🔅 मास पूर्णिमांत पौष
☀ शुभ और अशुभ समय
☀ शुभ समय
🔅 अभिजित 12:16:00 – 12:57:34
☀ अशुभ समय
🔅 दुष्टमुहूर्त 07:25 AM – 08:06 AM
🔅 कंटक 12:16 PM – 12:57 PM
🔅 यमघण्ट 03:02 PM – 03:43 PM
🔅 राहु काल 10:00 AM – 11:18 AM
🔅 कुलिक 08:06 AM – 08:48 AM
🔅 कालवेला या अर्द्धयाम 01:39 PM – 02:20 PM
🔅 यमगण्ड 01:54 PM – 03:12 PM
🔅 गुलिक काल 07:25 AM – 08:43 AM
☀ दिशा शूल
🔅 दिशा शूल पूर्व
☀ चन्द्रबल और ताराबल
☀ ताराबल
🔅 अश्विनी, भरणी, रोहिणी, आर्द्रा, पुष्य, आश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, स्वाति, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद, रेवती
☀ चन्द्रबल
🔅 वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला, मकर, मीन
📜 चोघडिया 📜
🔅काल 07:25:08 – 08:43:03
🔅शुभ 08:43:03 – 10:00:58
🔅रोग 10:00:58 – 11:18:52
🔅उद्वेग 11:18:52 – 12:36:47
🔅चल 12:36:47 – 13:54:42
🔅लाभ 13:54:42 – 15:12:36
🔅अमृत 15:12:36 – 16:30:31
🔅काल 16:30:31 – 17:48:26
🔅लाभ 17:48:26 – 19:30:34
🔅उद्वेग 19:30:34 – 21:12:43
🔅शुभ 21:12:43 – 22:54:52
🔅अमृत 22:54:52 – 24:37:00
🔅चल 24:37:00 – 26:19:09
🔅रोग 26:19:09 – 28:01:18
🔅काल 28:01:18 – 29:43:27
🔅लाभ 29:43:27 – 31:25:35
❄️ लग्न तालिका ❄️
🔅 धनु द्विस्वाभाव
शुरू: 06:23 AM समाप्त: 08:27 AM
🔅 मकर चर
शुरू: 08:27 AM समाप्त: 10:10 AM
🔅 कुम्भ स्थिर
शुरू: 10:10 AM समाप्त: 11:38 AM
🔅 मीन द्विस्वाभाव
शुरू: 11:38 AM समाप्त: 01:04 PM
🔅 मेष चर
शुरू: 01:04 PM समाप्त: 02:40 PM
🔅 वृषभ स्थिर
शुरू: 02:40 PM समाप्त: 04:36 PM
🔅 मिथुन द्विस्वाभाव
शुरू: 04:36 PM समाप्त: 06:51 PM
🔅 कर्क चर
शुरू: 06:51 PM समाप्त: 09:11 PM
🔅 सिंह स्थिर
शुरू: 09:11 PM समाप्त: 11:28 PM
🔅 कन्या द्विस्वाभाव
शुरू: 11:28 PM समाप्त: अगले दिन 01:45 AM
🔅 तुला चर
शुरू: अगले दिन 01:45 AM समाप्त: अगले दिन 04:04 AM
🔅 वृश्चिक स्थिर
शुरू: अगले दिन 04:04 AM समाप्त: अगले
🌺 दिन विशेष 🌺
शनिवार के दिन प्रात: पीपल के पेड़ में दूध मिश्रित मीठे जल का अर्ध्य देने और सांय पीपल के नीचे तेल का दीपक जलाने से कुंडली की समस्त ग्रह बाधाओं का निवारण होता है ।
अगर धन की लगातार परेशानी रहती है, धन नहीं रुकता हो, सर पर कर्ज चढ़ा तो अवश्य करें ये उपाय
शनिवार के दिन पीपल के नीचे हनुमान चालीसा पड़ने और गायत्री मन्त्र की एक माला का जाप करने से किसी भी तरह का भय नहीं रहता है, समस्त बिग़डे कार्य भी बनने लगते है ।
शिवपुराण के अनुसार शनि देव पिप्लाद ऋषि का स्मरण करने वाले, उनके भक्तो को कभी भी पीड़ा नहीं देते है इसलिए जिन के ऊपर शनि की दशा चल रही हो उन्हें अवश्य ही ना केवल शनिवार को वरन नित्य पिप्लाद ऋषि का स्मरण करना चाहिए।
शनिवार के दिन पिप्पलाद श्लोक का या पिप्पलाद ऋषि जी के केवल इन तीन नामों (पिप्पलाद, गाधि, कौशिक) को जपने से शनि देव की कृपा मिलती है, शनि की पीड़ा निश्चय ही शान्त हो जाती है ।
पण्डित विष्णुदत्त शास्त्री
8290814026