आचार्य तुलसी ब्रह्मा, विष्णु, महेश के स्वरूप थे- साध्वी पावन प्रभा


श्रीडूंगरगढ टाइम्स 20 जून, 2019। तेरापंथ भवन में आचार्य तुलसी का 23वां महाप्रयाण दिवस आज सुबह मनाया गया। कार्यक्रम में सेवाकेंद्र की व्यवस्थापिका साध्वी पावन प्रभा ने कहा कि भारतीय संस्कृति में त्रिमुर्ति का विशेष महत्व है और आचार्य तुलसी में तीनों रूप देखे। तुलसी स्रष्टा की तरह सृजन किया व विष्णु की तरह तेरापंथ की परम्पराओं को अक्षुण्ण रखने के लिए संरक्षण दिया व समाज में कुप्रथाओं का संहार कर महेश का कार्य किया। उन्होंने कहा कि तुलसी अणुव्रत के माध्यम से मानव को मानव बनाना चाहते थे। कार्यक्रम का आरम्भ मंगलाचरण “महाप्राण गुरूदेव” गीत से सुशील बोथरा ने किया। साध्वी सम्पत प्रभा, साध्वी धर्मयशा, ने गीतिका, साध्वी कृष्णा, साध्वी मुक्तिश्री, साध्वी दीपयशा, साध्वी रम्यप्रभा, ने तुलसी पुराण कार्यक्रम की प्रस्तुति दी। तेरापंथ सभा के मंत्री तेजकरण डागा, मोहन ठिया, मधु पटावरी, महिला मंडल से उर्मिला, हेमलता, राजूदेवी धारीवाल ने गीतिका, झंकार देवी बोथरा व्यक्तव्य दिया। हर्षित दुग्गड़ ने कविता पाठ किया। धनराज पुगलिया ने कार्यक्रम का संचालन किया।