श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 21 जनवरी 2023, 🚩श्री गणेशाय नम:🚩 शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।
नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।
योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।
*करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।
इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना, पढ़ना चाहिए ।
📜 आज का पंचांग 📜
☀ 21 – Jan – 2023
☀ Sri Dungargarh, India
☀ पंचांग
🔅 तिथि अमावस्या +02:25 AM
🔅 नक्षत्र :
पूर्वाषाढ़ा 09:40 AM
उत्तराषाढ़ा 09:40 AM
🔅 करण :
चतुष्पाद 04:23 PM
नाग 04:23 PM
🔅 पक्ष कृष्ण
🔅 योग हर्शण 02:33 PM
🔅 वार शनिवार
☀ सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएँ
🔅 सूर्योदय 07:25 AM
🔅 चन्द्रोदय चन्द्रोदय नहीं
🔅 चन्द्र राशि धनु
🔅 चन्द्र वास
🔅 सूर्यास्त 06:04 PM
🔅 चन्द्रास्त 05:26 PM
🔅 ऋतु शिशिर
☀ हिन्दू मास एवं वर्ष
🔅 शक सम्वत 1944 शुभकृत
🔅 कलि सम्वत 5124
🔅 दिन काल 10:38 AM
🔅 विक्रम सम्वत 2079
🔅 मास अमांत पौष
🔅 मास पूर्णिमांत माघ
☀ शुभ और अशुभ समय
☀ शुभ समय
🔅 अभिजित 12:24:03 – 13:06:39
☀ अशुभ समय
🔅 दुष्टमुहूर्त 07:25 AM – 08:08 AM
🔅 कंटक 12:24 PM – 01:06 PM
🔅 यमघण्ट 03:14 PM – 03:57 PM
🔅 राहु काल 10:05 AM – 11:25 AM
🔅 कुलिक 08:08 AM – 08:51 AM
🔅 कालवेला या अर्द्धयाम 01:49 PM – 02:31 PM
🔅 यमगण्ड 02:05 PM – 03:25 PM
🔅 गुलिक काल 07:25 AM – 08:45 AM
☀ दिशा शूल
🔅 दिशा शूल पूर्व
☀ चन्द्रबल और ताराबल
☀ ताराबल
🔅 अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, आर्द्रा, पुष्य, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, स्वाति, अनुराधा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद
☀ चन्द्रबल
🔅 मिथुन, कर्क, तुला, धनु, कुम्भ, मीन
📜 चोघडिया 📜
🔅काल 07:25:53 – 08:45:45
🔅शुभ 08:45:45 – 10:05:37
🔅रोग 10:05:37 – 11:25:29
🔅उद्वेग 11:25:29 – 12:45:21
🔅चल 12:45:21 – 14:05:13
🔅लाभ 14:05:13 – 15:25:05
🔅अमृत 15:25:05 – 16:44:57
🔅काल 16:44:57 – 18:04:48
🔅लाभ 18:04:48 – 19:44:55
🔅उद्वेग 19:44:55 – 21:25:01
🔅शुभ 21:25:01 – 23:05:07
🔅अमृत 23:05:07 – 24:45:14
🔅चल 24:45:14 – 26:25:20
🔅रोग 26:25:20 – 28:05:26
🔅काल 28:05:26 – 29:45:32
🔅लाभ 29:45:32 – 31:25:39
❄️ लग्न तालिका ❄️
🔅 मकर चर
शुरू: 07:04 AM समाप्त: 08:47 AM
🔅 कुम्भ स्थिर
शुरू: 08:47 AM समाप्त: 10:16 AM
🔅 मीन द्विस्वाभाव
शुरू: 10:16 AM समाप्त: 11:41 AM
🔅 मेष चर
शुरू: 11:41 AM समाप्त: 01:17 PM
🔅 वृषभ स्थिर
शुरू: 01:17 PM समाप्त: 03:13 PM
🔅 मिथुन द्विस्वाभाव
शुरू: 03:13 PM समाप्त: 05:28 PM
🔅 कर्क चर
शुरू: 05:28 PM समाप्त: 07:49 PM
🔅 सिंह स्थिर
शुरू: 07:49 PM समाप्त: 10:06 PM
🔅 कन्या द्विस्वाभाव
शुरू: 10:06 PM समाप्त: अगले दिन 00:22 AM
🔅 तुला चर
शुरू: अगले दिन 00:22 AM समाप्त: अगले दिन 02:41 AM
🔅 वृश्चिक स्थिर
शुरू: अगले दिन 02:41 AM समाप्त: अगले दिन 05:00 AM
🔅 धनु द्विस्वाभाव
शुरू: अगले दिन 05:00 AM समाप्त: अगले दिन 07:04 AM
🌺।। आज का दिन मंगलमय हो।।🌺
शनिवार के दिन प्रात: पीपल के पेड़ में दूध मिश्रित मीठे जल का अर्ध्य देने और सांय पीपल के नीचे तेल का दीपक जलाने से कुंडली की समस्त ग्रह बाधाओं का निवारण होता है ।
अगर धन की लगातार परेशानी रहती है, धन नहीं रुकता हो, सर पर कर्ज चढ़ा तो
शनिवार के दिन पीपल के नीचे हनुमान चालीसा पढने से समस्त बिग़डे कार्य भी बनने लगते है ।
शिवपुराण के अनुसार शनि देव पिप्लाद ऋषि का स्मरण करने वाले, उनके भक्तो को कभी भी पीड़ा नहीं देते है इसलिए जिन के ऊपर शनि की दशा चल रही हो उन्हें अवश्य ही ना केवल शनिवार को वरन नित्य पिप्लाद ऋषि का स्मरण करना चाहिए।
शनिवार के दिन पिप्पलाद श्लोक का या पिप्पलाद ऋषि जी के केवल इन तीन नामों (पिप्पलाद, गाधि, कौशिक) को जपने से शनि देव की कृपा मिलती है, शनि की पीड़ा निश्चय ही शान्त हो जाती है ।
आज माघ माह की अमावस्या मौनी अमावस्या हैं। इस दिन स्नान से पूर्व मौन रहकर यमुना / गंगा किसी पवित्र नदी , जलाशय अथवा घर में जल में तिल और गंगाजल डालकर स्नान करना चाहिए।
ऐसा करने से पितृदोष से, गृहक्लेश से मुक्ति मिलती है, सभी तरह के संकटो एवं दुर्घटना से रक्षा होती है।
‘मौनी’ का अर्थ मुनि है। इसलिए इस दिन इस व्रत को मौन धारण करके समापन करने वाले को या स्नान से पहले मौन रहने वाले को मुनि पद की प्राप्ति होती है।
मान्यता यह भी है कि यदि कोई मौन ना रह पाए तो वह अपने मन मस्तिष्क में किसी भी प्रकार का मैल न आने देने, किसी को भी कोई कटुवचन न कहे , तब भी मौनी अमावस्या का पूर्ण पुण्य प्राप्त होगा है।
पण्डित विष्णुदत्त शास्त्री
8290814026