श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 29 जुलाई 2019। कटोरीनुमा आकार में बसे शहर में बरसात के मौसम में परेशानी संभव है परन्तु यंहा ये परेशानी नासूर बन गयी है। इतने वर्षों से यंहा पानी निकासी के प्लान बने और बिगड़े। ढुलमुल राजनीति ने कोई ठोस कदम उठने ही नही दिया। रही सही कसर भ्रष्टाचार ने पूरी कर दी। कस्बे की बसावट के साथ ही पानी निकासी की समस्या कस्बेवासियों को कुदरत ने दी, ओर बढ़ते शहर में ये बद से बदतर हालात में पहुंच गयी है। कस्बे में हुए बेतरतीब विकास ने कोढ़ में खाज का काम किया। हालत यह है कि कस्बे के कई इलाकों में पिछले छह दिनों से लोगों को अपने घर में घुसने तक की जगह नहीं मिल पा रही है। नई बनने वाली सड़कों की ढलान मनमर्जी से कर देने के कारण व नई बन रही सड़क के ऊंची हो जाने के कारण पिछली सड़क से पानी ठोकर लग कर इन इलाकों में जमा हो गया। थोड़ी सी बारिश से ही तालाब की तरह पानी नजर आ रहा है। यह नालियों से निकलने में 12 से 24 घंटे ले लेता है। पिछले छह दिनों में कस्बे में प्रतिदिन हल्की बारिश हो रही है और इन जगहों पर पानी सूख ही नहीं पा रहा है। पानी के इकठ्ठा रहने से घरों में सीलन आ गई है व नागरिकों के मन मे हादसों का अंदेशा भी उठ रहा है। वार्ड 22 में तो रास्ता बंद होने के कारण पिछले छह दिनों से वहां स्थित एक निजी स्कूल के बच्चों को स्कूल तक पहुंचने में खासी दिक्कतें हो रही है। तहसील विभाग द्वारा नापे जाने पर पिछले छह दिनों में क्रमश: 24 को 2, 25 को 13, 25 को 2, 27 को 18, 28 को 2 एवं 29 को 14 एमएम बारिश हुई है। ऐसे में श्रीडूंगरगढ़ में एक सप्ताह में मिला कर ही केवल 51 एमएम बारिश हुई है लेकिन हालात विकट हो रखे है। पिछले वर्षों का रिकार्ड उठा कर देखें तो मानसून के दौरान कस्बे में कई बार एक ही दिन में 50 से 80 एमएम तक बारिश हुई है। ऐसे में इन इलाकों के निवासियों में डर है कि अगर इस वर्ष एक ही दिन में जोरदार बारिश हो जाएगी तो इन घरों के पानी में डूबने की पूरी संभावना है। इस संबध में अलग अलग मोहल्लेवासियों ने सोमवार को तहसीलदार के माध्यम से जिला कलेक्टर को ज्ञापन भेजे व जल निकासी प्रबन्धन करने का आग्रह किया है। ज्ञापन देने वाले नागरिकों में वार्ड 20, 22, 25, 14, आदि में सडकों के निर्माण के कारण रूक रहे पानी की निकासी तुरंत प्रभाव से करवाने की मांग की है एवं जब तक निकासी सुचारू नहीं हो जाती तब तक इन स्थानों पर बुस्टर पम्प लगा कर निकासी व्यवस्था करने की मांग नागरिकों ने की है।



