श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 30 सितम्बर 2023। श्रीडूंगरगढ़ नगरपालिका में करीब पांच वर्षों तक अधिशासी अधिकारी पद पर सेवाएं देने वाले भवानीशंकर व्यास की पुन: नियुक्ति श्रीडूंगरगढ़ नगरपालिका में हो, इस पर चल रहा नाटकीय घटनाक्रम लगातार जारी है। यहां एक गुट जहां भवानीशंकर को हर हाल में श्रीडूंगरगढ़ पालिका में लगाना चाहता है वहीं दूसरा गुट उन्हें घुसने तक नहीं दे रहा है। और दोनों ही पक्षों द्वारा अपनी अपनी जोर आजमाईश के चलते पालिका में भवानीशंकर व्यास की इनकमिंग व आउटगोइंग लगातार चल रही है। ताजा खबर यह है कि गत 27 सितम्बर को स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक द्वारा सिंगल नाम का विशेष आदेश निकाल कर एपीओ चल रहे व्यास को श्रीडूंगरगढ़ नगरपालिका में लेखाधिकारी द्वितीय पद पर स्थानांतरित किया गया था। व्यास यह आदेश लेकर 28 सितम्बर को श्रीडूंगरगढ़ नगरपालिका पहुंच भी गए लेकिन यहां उन्हें जॉइनिंग नहीं दी गई और पालिका अधिशासी अधिकारी द्वारा निदेशक को पत्र देकर व्यास को जिस पद पर स्थानांतरित किया गया है वह पद श्रीडूंगरगढ़ पालिका में सृजित ही नहीं होने की जानकारी देते हुए स्थानांतरण आदेश रद्द करने की मांग की है। होने को जो भी हो लेकिन क्षेत्र की जनता इस आया राम, गया राम के खेल को देख इसी आश्चर्य में है कि आखिर ऐसा क्या है श्रीडूंगरगढ़ नगरपालिका में जो व्यास की नियुक्ति यहां हर हाल में करवाने के प्रयास चल रहे है।
ट्रांसफर, स्टे, एपीओ, मारपीट, जारी है दौर।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। अगस्त 2018 में बतौर अधिशासी अधिकारी भवानीशंकर व्यास ने श्रीडूंगरगढ़ नगरपालिका में जॉइन किया था। तत्कालीन विधायक किशनाराम नाई की गुड लिस्ट में भी थे। 2018 दिसम्बर में सरकार बदली तो कांग्रेस के प्रत्याशी एवं पूर्व विधायक मंगलाराम गोदारा की गुड लिस्ट में शामिल रहे। बाद में पायलट प्रकरण के बाद प्रशासनिक हस्तक्षेप विधायक गिरधारीलाल महिया का बढ़ा तो व्यास महिया की गुड लिस्ट में भी शामिल रहे। इस दौरान कई बार विरोधियों के प्रयासों के कारण व्यास को स्थानांतरित किया गया और व्यास स्टे लेकर यहीं रूक जाते थे। बाद में महिया की गुड लिस्ट से बाहर हुए तो दो दिनों में व्यास के स्थानांतरण, स्टे, दुबारा स्थानांतरण एवं एपीओ जैसे तीन आदेश निकाले गए एवं नए ईओ को जॉइन होने से पहले व्यास को मारपीट का शिकार भी होना पड़ा। मारपीट के बाद यहां से गए व्यास ने नोखा जॉइन किया एवं तीन बार श्रीडूंगरगढ़ में सहायक लेखाधिकारी द्वितीय के पद पर अपना ट्रांसफर करवा लिया। लेकिन तीनों बार ही उन्हें यहां जोइनिंग नहीं दी गई व दो बार तो उनके आदेश रद्द किए गए थे। अब देखना यह है कि सोमवार को अभी के आदेश के संबंध में जयुपर में क्या निर्णय होता है.?