May 20, 2024

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 29 जून 2022। युगप्रधान आचार्यश्री के क्षेत्र में आगमन से तेरापंथ धर्मसंघ ही नहीं बल्कि सभी समाज महान संत के सान्निध्य से हर्षित हुए और सभी उस समय अधिक गर्वित हुए जब विश्व भर में युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमण जी के नाम से पहला खेल स्टेडियम गांव मोमासर में बनने की सूचना प्रसारित की गई। लेकिन क्षेत्रवासियों का यह गर्व ज्यादा समय नहीं टिक पाया है क्योंकि शिक्षा विभाग के सुस्त सिस्टम और ग्राम पंचायत सरपंच की श्रेय लेने की होड़ में बिना स्वीकृति के ही अवैध रूप से पंचायत के स्तर पर ही स्टेडियम का नामकरण कर दिए जाने की बात सामने आई है। तेरापंथ धर्मसंघ से जुड़े हुए सरपंच और उपसरपंच द्वारा आचार्यश्री के मोमासर प्रवास के दौरान वाहवाही लूटने के प्रयास में बिना स्वीकृति के ही आचार्यश्री के नाम से स्टेडियम का नामकरण करने के बाद विवाद गहरा गया है। शिक्षा विभाग द्वारा की गई सुस्ती और सरपंच द्वारा की गई जल्दीबाजी के कारण आचार्यश्री के प्रति आस्था रखने वाले श्रद्धालुओं में नाराजगी है। आचार्यश्री महाश्रमण के प्रति आस्थावान क्षेत्र के तेरापंथ समाज और जैनत्र समाज के लोगो में आचार्यश्री का नाम राजनैतिक व सामाजिक प्रतिष्ठा लाभ के लिए प्रयोग करने के कारण रोष व्याप्त है।

यह है पूरा मामला।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय मोमासर के खेल मैदान का गांव में प्रचलित नाम भगतसिंह खेल स्टेडियम था। यहां पर ग्राम पंचायत द्वारा पंचायत कोटे से 50 लाख, नरेगा से 8 लाख और दानदाताओं के सहयोग से 12 लाख रुपये खर्च कर बंजर पड़े खेल मैदान को स्टेडियम का रूप दिया गया है। इससे पूर्व पंचायत द्वारा शिक्षा विभाग को स्टेडियम का नाम आचार्यश्री महाश्रमण स्टेडियम रखने का प्रस्ताव भी भेजा गया। लेकिन शिक्षा विभाग द्वारा अभी तक इस प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिली है। पंचायत द्वारा बिना स्वीकृति ही स्टेडियम का नामकरण अपने स्तर पर ही कर लेने से गांव में विरोध के स्वर उठने लगे हैं। यही कार्य अगर स्वीकृति के बाद किया जाता तो कहीं, किसी प्रकार का कोई विरोध होता ही नहीं। अब गांव में विवाद की स्थिति बनने से बड़ी संख्या में ग्रामीण इस खेल मैदान के प्रचलित नाम भगतसिंह स्टेडियम का नाम बदलने का विरोध कर रहे हैं। विरोध करने वाले ग्रामीणों का कहना है कि बिना शिक्षा विभाग की अनुमति के सरपंच ने विभाग की सरकारी संपत्ति पर अपनी मनमर्जी की है। विरोधी गुट ने शिक्षा विभाग को नाम नहीं बदलने के लिए ज्ञापन भी दिया है।

शिलालेख द्वार लोकार्पण का और प्रचार स्टेडियम लोकार्पण का, मामला असमंजस में।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। मोमासर के राउमावि के खेल मैदान को स्टेडियम में बदलने के लिए ग्राम पंचायत द्वारा 58 लाख रुपये सरकारी धन लगाने के साथ साथ यहां करीब 12 लाख रुपये का खर्च दानदाताओं द्वारा भी किया गया है। इसी खर्च में शामिल होकर दानदाता अमृतलाल, रायचंद, सुशील कुहाड़ द्वारा अपने पिता पानमल कुहाड़ की स्मृति में धौलपुर पत्थर लगवाए गए हैं और प्रवेश द्वार पर भी पत्थर लगवाए गए हैं। इस पत्थर लगाने के कार्य का लोकार्पण 28 जून को करवाया गया और यही शिलालेख मौके पर लगा हुआ है। स्टेडियम में द्वार तथा स्टेडियम के अंदर पत्थर कार्य करवाने के लोकार्पण को स्टेडियम का लोकार्पण कह कर जम कर प्रचारित किया गया है। सत्य का मार्ग दिखलाने वाले आचार्यश्री के नाम पर इस असत्य के कारण आचार्यश्री के प्रति श्रद्धा रखने वाले अनेक श्रद्धालुओं में भी रोष व्याप्त है।

“विद्यालय प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम के दौरान इस सबंध का प्रस्ताव ग्राम पंचायत द्वारा दिया गया था। लेकिन इस पर किसी प्रकार के निर्णय की कोई सूचना विद्यालय को नही मिली है।”
मुकेश मीणा, प्राचार्य राउमावि, मोमासर।
“स्टेडियम का नामकरण आचार्यश्री महाश्रमण जी के नाम पर करने के निर्णय की जानकारी नहीं मिली है। इस सबंध में उच्चाधिकारियों से मार्गदर्शन मांगा जा रहा है।”
शीशराम कुलहरि, ब्लाक शिक्षा अधिकारी, श्रीडूंगरगढ़।
“मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी को लिखित में नामकरण का प्रस्ताव दिया था और उसी समय उन्होंने मौखिक आश्वासन भी दिया था कि नामकरण हो सकता है। लिखित में आदेश आये या नही यह फाइल में ही होगा। इस विषय में ग्राम विकास अधिकारी से जानकारी ले रहा हूं।”
जुगराज संचेती, उपसरपंच ग्राम पंचायत मोमासर

यह हुआ है निर्माण।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। राज्य सरकार के खेल मंत्री अशोक चांदना की महत्वाकांक्षी योजना के अनुरूप हर गांव में सरकारी स्कूल के खेल मैदानों को पंचायत के माध्यम से स्टेडियम के रूप में विकसित करवाया जा रहा है। क्षेत्र के भी कई गांवों में 10 से 60 लाख तक का खर्चा पंचायतों द्वारा किया गया है और कई गांवो में स्टेडियम बनवाये गये है। इसी क्रम में ग्राम पंचायत मोमासर द्वारा भी राउमावि के खेल मैदान में दीवार ऊंची करने, मिट्टी भराव करने, पुराने जर्जर कमरों की मरम्मत करने, बास्केटबॉल का मैदान बनाने, दौड़ का ट्रैक बनाने, दो पार्क बनाने, लाइटिंग लगाने जैसे कार्य किये गए हैं। अब नाम का विवाद चाहे कुछ भी हो गांव के युवा स्टेडियम में विकास कार्य होने से खुश नजर आ रहे हैं।

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। द्वार पर पत्थर लगवाने के कार्य का उद्घाटन करवाया गया और ग्राम पंचायत द्वारा अवैध रूप से स्टेडियम के लोकार्पण का प्रचार किया गया।

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