श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 28 जून 2022। श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र के गांव आड़सर से 11 किलोमीटर विहार कर आचार्यश्री महाश्रमण गांव मोमासर पहुंचे। गांव के सभी समाजों ने आचार्यश्री के मार्ग में 61 स्वागत द्वार सजाए और गांव के बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक सभी युगप्रधान आचार्यश्री के स्वागत में खड़े नजर आए। बैंड की धुनों के साथ आचार्यश्री का मंगल प्रवेश हुआ और ग्रामीणों ने जय जय महाश्रमण के जयघोष लगाएं। मोमासर में आचार्यश्री का नागरिक अभिनंदन किया गया।
व्यक्ति विचार और ज्ञान से महान होता है- आचार्यश्री।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। मोमासर में नवनिर्मित तेरापंथ भवन में पगल्या कर आचार्यश्री प्रवचन स्थल पर पहुंचे और सभी के लिए मंगलकामना करते हुए कहा कि व्यक्ति मंहगे कपड़ों या मंहगी वस्तुओं के प्रयोग से महान नहीं होता है। व्यक्ति तो अपने उच्च विचार, ज्ञान, सद्व्यवहार से महान होता है। आचार्यश्री ने सद्वृतियों व दुरवृतियों के बारे में समझाते हुए अर्थ के अर्जन में नैतिकता व अनैतिकता को ध्यान में रखने की बात कही है। उन्होंने कहा कि गृहस्थी भी अर्थ अर्जन के लिए शुद्ध मार्ग ही अपनाएं। आचार्यश्री ने उपस्थित जनसमूह को झूठ नहीं बोलने, झूठा आरोप नहीं लगाने की प्ररेणा देते हुए कहा कि अपनी जबान या लेखनी से झूठा आरोप लगा कर पाप के भागी नहीं बने। आचार्यश्री ने कहा कि दूसरों के हक की चीज लेना भी चोरी की ही श्रेणी में आता है और दूसरे के हक पर दृष्टि नहीं डाले। उन्होंने बाह्य दिखावे में उलझे बिना सेवा से जुड़ने का आह्वान किया। आचार्य ने कहा कि अपने लिए तो सभी करते है परंतु दूसरों के लिए क्या किया ये बड़ी बात है। साध्वी प्रमुखा विश्रुत विभा जी ने श्रावकों के चार प्रकार के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गुरूवर के आगमन से अमावस्या के दिन मोमासर में महादिवाली का आभास हो रहा है। संत दिनेश मुनि ने कार्यक्रम का संचालन किया है। आयोजन में तेरापंथ सभा के सदस्यों ने सभी व्यवस्थाएं संभाली और मोमासर के संचेती परिवार से संत मार्ग अपनाने वाले मुनिश्री व साध्वी कमलयशा, आरोग्यश्री सहित सभी ने आचार्यश्री का अभिवादन किया और मोमासर में चातुर्मास फरमाने की अर्ज भी की।
बच्चे से लेकर बुजुर्गों तक आचार्यश्री को किया नमन, सुने प्रवचन।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक सभी ने आचार्य का अभिनंदन किया। पांडाल में तेरापंथ समाज के साथ गांव के सभी पंच हुणताराम गोदारा, भंवराराम गोदारा, राजूराम शर्मा, ओमप्रकाश खांखोलिया, भागीरथ मेघवाल, गिरधारीलाल खटीक, नानूदेवी, सुरजाराम ढोली, विद्याधर शर्मा, पुनमचंद सुथार, पवन सैनी, शांति देवी, गोपाल गोदारा, तेजपाल सारण, मुकेश नाई, कांता देवी (बनवारी स्वामी), प्रेम कंवर (सुशील राजपुरोहित), कानाराम बावरी, अर्जुन वाल्मीकि सभी ने गुरूवर का स्वागत किया। स्थानीय तेरापंथ महिला मण्डल व तेरापंथ कन्या मण्डल, मोमासर तेरापंथ समाज अलग अलग गीतों का संगान कर आचार्यश्री से आशीर्वाद प्राप्त किया।