May 18, 2024

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 31 अगस्त 2023। श्रीडूंगरगढ़ उपजिला अस्पताल से एक सुखद खबर सामने आई है। यहां हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर जगदीश गोदारा ने एक नवजात के जन्म से टेढ़े पैरों को बिना ऑपरेशन पूरी तरह से ठीक कर दिया है। सालासर निवासी सोहनलाल कूकणा की पुत्री ने जून माह में पुत्र को जन्म दिया और नवजात के दोनों पैर टेढ़े थे। डॉक्टर गोदारा ने बताया कि पूजा पत्नी भूराराम निवासी बापेऊ ने नॉर्मल डिलीवरी में 4 जून 2023 को स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। प्रसूता को 6 जून को अस्पताल से डिस्चार्ज देकर घर भेज दिया गया। सात दिन नारियल तेल लगाने के बाद 12 जून को वे बच्चे को लेकर अस्पताल आए। उसी दिन से बच्चे का ईलाज प्रारंभ कर दिया गया और पीओपी प्लास्टर बांधा गया। 2 अगस्त तक चार प्लास्टर प्रति सातवें दिन लगाया गया व पांचवा प्लास्टर 21 दिन का किया गया। उसके बाद एक विशेष प्रकार के जूते पहनाने को दिए और आज बच्चे के दोनों के पैर बिल्कुल ठीक हो गए है। प्लास्टर करने के दौरान सहायक नर्सिंग ऑफिसर हनुमान कूकणा का भी सहयोग रहा। परिवार के सदस्यों ने डॉक्टर टीम का आभार जताते हुए कहा कि बच्चे के घर दोनों पैर एकदम टेढ़े होने के कारण परिवार में हर कोई चितिंत और बैचेन हो गया था। बच्चे को जीवन में अनेक तकलीफें झेलनी पड़ेगी इससे दादी नानी सभी परेशान हो उठी। ऐसे में डॉ गोदारा की राय के अनुसार कार्य किया। सही समय पर अस्पताल पहुंचने व डॉक्टर गोदारा के प्रयास से बच्चे का जीवन ही सुधर गया है। ग्रामीण परिवार ने भावूक होकर बार बार डॉक्टर को धन्यवाद दिया।
लापरवाही नहीं बरतें, जन्म के सातवें दिन शुरू करवाएं ईलाज।
श्रीडूंगरगए़ टाइम्स। डॉ जगदीश गोदारा ने बताया कि 100 प्रसव में से तीन या चार बच्चे ऐसे होते है जिनके शरीर में टेढ़ेपन की शिकायत होती है। समय पर ईलाज शुरू होने पर यह पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। बच्चे के जन्म से सातवें दिन ईलाज प्रारंभ हो जाना चाहिए। गोदारा ने बताया कि पीओपी प्लास्टर के बाद नवजात के लिए विशेष प्रकार के जूते पीबीएम के एबडेक्शन बार में मिलते है वे जूते पहनाए जाते है। अभी पूजा के बेटे को भी वही पहनाए जा रहें है और जब वह चलने योग्य होगा तब भी उसे एक विशेष प्रकार के सिटी ईवीशुज पहनने होंगे और कुछ समय बाद बच्चा बिल्कुल ठीक प्रकार से चलने लगेगा। नर्सिंग ऑफिसर हनुमान कूकणा ने बताया कि इससे पूर्व ऐसे बच्चों का ईलाज बीकानेर जाकर करवाया जाता था। प्रति सप्ताह प्लास्टर बदलवाने जाने के कारण नागरिकों का समय व धन अनावश्यक खर्च भी हो रहा था जिससे अब लोगों को राहत मिलेगी और पूरा ईलाज हड्डी रोग विशेषज्ञ की देखरेख में श्रीडूंगरगढ़ में पूरा हो सकेगा।

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स नवजात बालक के पैर जन्म से टेढ़े, डॉ गोदारा ने सात दिन बाद प्रारंभ किया ईलाज।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। प्रति सप्ताह पीओपी से किया प्लास्टर, अंतिम प्लास्टर 21 दिन का।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। 100 में से तीन या चार बच्चों को हो सकती है दिक्कत, नहीं जाना होगा बीकानेर, श्रीडूंगरगढ़ में संभव हुआ पूरा ईलाज।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। ईलाज के बाद बच्चे के दोनो पैर पूरी तरह से ठीक हुए, परिजनों ने जताया डॉक्टर का आभार। 

 

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