March 28, 2024

श्रीडूंगरगढ टाइम्स 24 दिसम्बर 2019। कस्बे में सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे हटाने पर आज प्रशासन के खिलाफ जम कर नारे लगाए गये। स्थानीय नेताओं ने आरोप लगाए कि प्रशासन ने आधी रात को घरों से निकाल कर लोगों को बेघर किया गया है। नेताओं ने मिडिया के समक्ष बयान भी दिए एवं जिला कलेक्टर के समक्ष हाजीर होकर स्थानीय प्रशासन पर यह आरोप भी लगाए। जबकि प्रशासन इस बयान को सख्ती से खारिज कर रहा है। मौके पर जा कर जानकारी ली गयी तो पता चला जो लोग घरों में रह रहें थे वे लोग अभी वहीं बसे हुए है। सोमवार को श्रीडूंगरगढ़ प्रशासन ने नगरपालिका भूमि पर कब्जे किये हुई चारदीवारीयों को, कब्जा प्रमाणित करने के लिए बनाए गए छोटे-मोटे कमरों को तोड़ते हुए जमीन खाली करवा दी। प्रशासन ने किसी को बेघर करने से इनकार करते हुए नेताओं से लोकप्रियता के लिए सस्ते हथकंडे नहीं अपनाने की अपील की। कस्बे में आम जन के बीच भी यह अतिक्रमण हटाओ अभियान चर्चा का विषय रहा। चारों और यही चर्चा रही कि आखिर में तो इन अवैध कॉलोनियों का नियमन ही होना है परन्तु इस पर राजनैतिक रोटियां सेंकने के बजाए नेता दोषियों पर प्रभावी कार्यवाही की मांग करते तो सार्थकता होती। कसनेवासी यही कहते सुने की किसी ने प्लॉट काट कर रुपए कमाए तो कोई अब विरोध कर संवेदना कमा रहें है। और इस चक्की में घुण बन कर पीस रही है जनता।

यहां आकर हमसे जवाब लें नेता
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। उपखंड अधिकारी राकेश न्यौल ने अतिक्रमण पर सख्त रवैया अपनाते हुए कहा कि अतिक्रमण विरोधी दस्ता रात को किसके घर गया इसका कोई सबूत लेकर यहां आए। राकेश न्यौल ने कहा कि ऐसे झूठ फैलाने वालों से जनता सावधान रहें। और प्रशासन किसी गरीब के साथ अन्याय नहीं कर रहा। सरकारी जमीन की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है। मौके पर बसे हुए लोगों को नहीं छेडा गया है एवं उन्हे अपने स्वामित्व संबधी दस्तावेज प्रस्तुत करने का समय दिया गया है।

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। बुडानिया पेट्रोल पंप के पास हटाये गए अतिक्रमण।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। बुडानिया पेट्रोल पंप के पास हटाये गए अतिक्रमण।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। बुडानिया पेट्रोल पंप के पास हटाये गए अतिक्रमण।

कौन है जिम्मेदार? क्यों हुआ जनता से धोखा।
श्रीडूंगरगढ टाइम्स। नेशनल हाईवे पर बुडानीया पम्प के पीछे बसी गोरखनाथ कालोनी हो या वीर तेजा कालोनी हो या शहर में कई जगहों पर सरकारी जमीन पर बसी कालोनियां हो। हर बार हर जगह आम जनता को ही नुकसान झेलना पड़ता है। क्षेत्र में छुटभैया नेताओं द्वारा भ्रष्ट अधिकारियों को चंद टुकड़े डाल कर अवैध कालोनियां बसाने का गोरखधंधा श्रीडूंगरगढ़ में पिछले लंबे समय से चल रहा है। इस गोरखधंधे में आम जनता की जेब से करोडों रुपए भूमाफियाओं, नेताओं एवं अधिकारियों की जेबों में चले गए एवं ठगे गए आमजन। बड़े नेताओं के नाम के फायदे से इनके शागिर्द सरकारी भूमि पर कब्जे कर प्लॉट काट कर कॉलोनियों का निर्माण कर देते है। मोटी जानकारी के अनुसार कस्बे में ऐसी करीब 10 से अधिक कॉलोनियों का निर्माण हुआ है। ऐसे में जब भी कोई अफसर कानून व नियम पर चलने वाला आये तो उसकी प्राथमिकता ऐसे भूमाफियाओं पर शिंकजा कसते हुए सरकारी भूमि को मुक्त करवाने की रहती है। प्रशासन द्वारा भूमि मुक्त करवाई जाए इससे पहले ही भूमाफिया आमजन को औने पौने दामों में प्लाट आम लोगों को सरकारी भूमि पर बेच कर रफुचक्कर हो जाते है। प्रश्न ये खड़ा होता है कि भोली जनता को बहकावे में लेकर सस्ते में प्लॉट देने के सब्जबाग दिखाने का यह क्रम कब तक चलता रहेगा। आवश्यकता है कि आमजन इस संबध में जागरूक बने एवं प्रशासन भी आमजन के खिलाफ कार्यवाही करने के बजाए ऐसे भूमाफियाओं पर कठोर कार्यवाही कर सकारात्मक संदेश दे जिसका लंबे समय से क्षेत्र को इंतजार है।

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