श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 22 सितबंर 2023। सरकारी अस्पताल आजकल उठाईगिरी का अड्डा बनता जा रहा है और यहां आने वाले मरीज व उनके परिजन आए दिन इनके आसान शिकार बन रहें है। आज सुबह अस्पताल आए नंदकिशोर ओझा की जेब से 45 हजार रूपए चोरी हो गए है। ओझा शिकायत दर्ज करवाने श्रीडूंगरगढ़ थाने पहुंच गए है। उन्होंने बताया कि वे किसी जांच के लिए अस्पताल पहुंचे और उन्हें अस्पताल से बैंक जाकर रूपए जमा करवाने थे। अस्पताल से बैंक पहुंच कर जेब संभाली तो वे सकते में आ गए और उनके रूपए किसी ने पार कर लिए थे।
इस हफ्ते में हुई आज तीसरी वारदात।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। गत सात दिनों में नगदी चोरी की अस्पताल में ये तीसरी वारदात हुई है। यहां परिसर के भीतर दो दिन पूर्व एक मरीज के परिजन की जेब से 2 हजार रूपए, गत चार पांच दिन पहले एक मरीज के 8-10 हजार रूपए चोरी हुए। लगातार फोन, थैले, टिफिन चोरी हो रहें है। इससे मरीजों के साथ उनके परिजन भी मानसिक व आर्थिक नुकसान उठाने को मजबूर है।
पुलिस बेपरवाह, नहीं है कोई नियुक्ति।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। राजकीय अस्पताल सीएचसी से उपजिला स्वास्थ्य चिकित्सालय के रूप में क्रमोन्नत हो गया है। पूरे उपखंड का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल होने के नाते यहां रोजाना सैंकड़ो मरीजों का आना जाना रहता है। ऐसे में पुलिस द्वारा इसकी अनदेखी कर आमजन की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। अस्पताल प्रशासन ने अनेकों बार पुलिस प्रशासन से यहां स्थाई पुलिस जवानों की नियुक्ति करने की मांग की है परंतु जिम्मेदारों का इस ओर ध्यान ही नहीं जा रहा है। अस्पताल प्रभारी डॉक्टर एसके बिहाणी ने बताया कि कोरोना काल में एक जवान को नियुक्त किया था परंतु उसके बाद से यहां कोई पुलिस कर्मी की नियुक्ति नहीं की गई है। इसके लिए कई बार पुलिस को सूचित किया गया है। अस्पताल में बढ़ती चोरी की वारदातें चिंता का विषय बन गई है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में कोई जरूरत हो तो फोन करके ही पुलिस को मौके पर बुलाना पड़ता है। बता देवें ऐसे में आमजन के मन में अपराधियों के प्रति भय का माहौल बन रहा है व बेपरवाह पुलिस प्रशासन के प्रति लोगों में नाराजगी भी है। नागरिकों का कहना है कि कम से कम यहां होमगार्ड की नियुक्ति ही कर दी जाए तो कुछ तो सुधार की उम्मीद हो सके।