श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 28 जून 2021। श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र में गत वर्ष बड़ी संख्या में टिडि्डयों ने आक्रमण किया था तथा खेतों में थालियां, पीपे पिटते किसान और टिडि्डयों के पीछे दौड़ती सरकारी गाड़ियां के दृश्य पूरे उपखंड में नजर आ रहें थे। इस बार किसानों की नींद उड़ाने वाली टिडि्डयों के नहीं आने की सूचनाओं से किसान राहत की सांस ले रहें है। बता देवें टिडि्डयों का झुंड एक दिन में 35 लाख लोगों का खाना खा चट कर जाती है परंतु इस बार किसान अच्छी फसल की उम्मीद कर सकते है। यूएन के टिडि्ड विशेषज्ञो ने कहा है कि इस साल टिडि्डयों का हमला नहीं होगा। बता देवें 22 जून को भारत सरकार की रिपोर्ट पर श्रीडूंगरगढ टाइम्स ने खबर प्रकाशित की थी की इस वर्ष टिडि्डयों के प्रकोप की संभावना न के बराबर है। अब दुनिया भर में टिडि्डयों के हमलों पर नजर रखने वाली संयुक्त राष्ट्र की खाद्य एवं कृषि संस्था के वरिष्ठ लोकस्ट फोरकास्टिंग ऑफिसर कीथ क्रेसमान ने कहना है कि बीते वर्ष भारत और पाकिस्तान ने 50 करोड़ से अधिक टिड्डों का आक्रमण झेला था। लेकिन इस बार इन देशों ने मिलकर टिडि्डयों के आतंक को नाकाम कर दिया। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के सरकारी लोकस्ट मॉनिटरिंग संस्थाओं ने मिलकर इतना बढिया काम किया है कि आज किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है क्यों कि फसलों को टिडि्डयों से कोई खतरा नहीं है।
राजस्थान की अन्तर्राष्ट्रीय सिमाओं पर हो रहा है टिडि्डयों का खात्मा
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। कीथ क्रेसमान बताते है कि टिडि्डयां रेतीली जमीन में अंडे देना पसंद करती है। भारत में टिडि्यों के लिए समस्या हो रही है क्यों राजस्थान तेजी से हरियाली की ओर बढ रहा है। अब उन्हें पनपने के लिए जैसलमेर के पश्चिमी क्षेत्र और पाकिस्तान के सीमा के इलाकों को चुनना पड़ रहा है। यहीं भारत व पाकिस्तान की संस्थाएं मुस्तैदी से काम कर रहीं है और आपस में मिलकर न सिर्फ डटा साढा कर रहीं है बल्कि एक्शन भी ले रही है।
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