श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 24 जुलाई 2020। क्या आप पीठ और कमर दर्द की समस्या से परेशान हैं? अगर हां तो गलत मुद्रा में खड़ा होना इसकी बड़ी वजह हो सकता है। ऑस्ट्रेलिया की जानी-मानी व्यायाम विज्ञानी क्रिस्टी हेल ने इसी के मद्देनजर टिकटॉक पर 45 सेकेंड का वीडियो साझा कर कुछ आसान उपाय सुझाए हैं, जिनकी मदद लोग घर बैठे पता लगा सकते हैं कि वे ज्यादा झुककर या तनकर तो नहीं खड़े होते। हेल ने खड़े होने और बैठने की मुद्रा में सुधार लाने में मददगार कुछ व्यायाम भी बताए हैं। आइए इन पर नजर डालें-
गलत मुद्रा के पांच खतरे
1.मांसपेशियों और अस्थिबंध (लिगामेंट) में क्षरण की शिकायत तेज होती है
2.रीड़ के जोड़ों के बीच का अंतर घटने से नसों के दबने की समस्या पनपती है
3.पीठ, कमर, घुटनों में अहसनीय दर्द के साथ फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है
4.सैक्रोलियैक डिस्फंक्शन (रीढ़ के निचले हिस्से में मौजूद जोड़ों की चाल बिगड़ना) का शिकार हो सकता है व्यक्ति
5.गलत मुद्रा के मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी होते हैं, विभिन्न अध्ययनों में आत्मविश्वास में कमी का संकेत करार दिया गया है
ऐसे जानें कहां हो रही चूक
-फर्श पर दस से 20 सेकेंड के लिए ठीक उसी तरह से खड़े हो जाएं, जैसे कि आमतौर पर खड़े होते हैं। इस दौरान ध्यान दें कि आपके कूल्हे की मांसपेशियों में दबाव तो नहीं महसूस हो रहा है। अगर हां तो समझ जाइए कि शरीर को सहारा देने के लिए बनीं पेट और पीठ की निचले हिस्से की मांसपेशियां ठीक से काम नहीं कर रही हैं। मुद्रा सुधारने के साथ ही आपको पेट-पीठ की मांसपेशियों को मजबूत बनाने की जरूरत है।
इन लक्षणों को देख सतर्क हो जाएं
-खड़े होने के दौरान कंधे झुकना, कूल्हा या पेट बाहर की ओर निकला होना, गर्दन सीधी न होना, सिर का आगे की तरफ झुकना
ये व्यायाम फायदेमंद
1.इलास्टिक हिप एक्सटेंशन
-एड़ी के ऊपर दोनों पैरों में इलास्टिक बैंड डालकर फर्श पर सीधे खड़े हो जाएं। इसके बाद बायां पैर स्थिर रखते हुए, जितना हो सके दाएं पैर को दस बार पीछे ले जाएं। फिर दायां पैर स्थिर रखते हुए बाएं पैर पर भी यही प्रक्रिया दोहराएं।
2.सेतुबंधासन
-जमीन पर चटाई बिछाकर सीधे लेट जाएं। अब दोनों पैरों को घुटनों के पास से मोड़ें। पैरों के बीच कम से कम एक फीट का फासला रखें। अब दोनों हाथों से एड़ी या पिंडलियों को पकड़ें और फिर कमर व कूल्हे के हिस्से को ऊपर उठाएं।
3.फॉरवर्ड लंजेस
-फर्श पर सीधे खड़े हो जाएं। दोनों हाथों को कमर पर रखें। अब दायां पैर आगे बढ़ाते हुए उसे फर्श पर टिकाएं और घुटने के पास से मोड़ते हुए बैठने की मुद्रा में जाएं। इसके बाद खड़े होकर पुरानी मुद्रा में लौटें। दोनों पैरों से दस-दस बार दोहराएं यह प्रक्रिया।