श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 30 मई 2020। क्षेत्र में तीन दिनों से लगातार किसानों व टिडि्डयों के बीच में जंग जारी है और यह जंग आने वाले दिनों में और भी अधिक गहराने का अंदेशा जताया जा रहा है। क्षेत्र में टिडिडयों का कहर जारी है, किसान इससे परेशान है और इनका पीछा करते हुए कृषि विभाग के कार्मिकों, पटवारियों का दल भी हैरान हो रहा है। तमाम कोशिशों के बावजुद इन टिड्डी दलों ने क्षेत्र के गांव जोधासर, झंझेऊ, सूडसर, देराजसर, उदरासर, लोढेरा, माणकरासर आदि गांवो में कोहराम मचा रखा है। क्षेत्र में टिडि्डयों का एक बड़ा दल शुक्रवार को आया लेकिन आंधी के कारण यह दल बिखर गया व कई छोटे छोटे दलों में बंट कर क्षेत्र के अलग अलग गांवों में फसलों पर नुकसान पहुंचाने में लगे हुए है। ग्रामीणों की सूचना पर कृषि विभाग द्वारा शुक्रवार रात्रि को बेनीसर व भोजास की रोही में करीब 75 हैक्टेयर भूमि पर एवं जोधासर की रोही में करीब 50 हैक्टेयर भूमि पर किटनाशकों का छिड़काव कर लाखों टिडि्डयों को मारा भी गया है। अलसुबह तक चली इस कार्यवाही में कृषि विभाग के कृषि अधिकारी भैराराम गोदारा, सहायक कृषि अधिकारी रमेश भाम्भू, कृषि पर्यवेक्षक ओमप्रकाश बाना, रमेश बाना, बलवीर भादू, बनवारीलाल सैनी, पवन कुमार आदि जुटे रहे। रात भर चले इस टिड्डी नियंत्रण अभियान से ये कार्मिक राहत ले ही रहे थे कि शनिवार सुबह राजेडू गांव से होते हुए एक और दल के श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र में प्रवेश करने की सूचना मिली है। यह दल राजेडू, लिखमीसर दिखणादा, सोनियासर मिठिया आदि की रोही में अभी उपस्थित है एवं किसान भी टिड्डियों को उड़ाने में जुटे हुए है।
लगातार आएगें हमलावर टिड्डी दल, किसान रहे सर्तक, बने सहयोगी।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 30 मई 2020। क्षेत्र में टिडि्डयों के हमले अब लगातार होने का अंदेशा जताया जा रहा है। तीन दिनों से लगातार टिडि्डयां क्षेत्र में आतंक मचा ही रही है। ऐसे में कृषि विभाग एवं प्रशासन ने भी किसानों को सर्तक होकर सहयोगी बनने की अपील की है। कृषि अधिकारी कैलाश शर्मा ने बताया कि नुकसान से बचने के लिए आवश्यक है कि दिन में उड़ने वाली इन टिडि्डयों को बैठने ही नहीं दिया जाए। सभी किसान आपस में जुडें रहे एवं एक गांव में टिड्डी दल आने पर हवा के रूख के अनुसार अगले गांव के किसानों को आपस में सूचनाएं देवें ताकि वे भी तैयार रहे एवं शोर मचा कर टिडि्डयों को अपने गांव में बैठने से रोक सके। वहीं रात ढलने पर जहां ये बैठ जाएं उसकी सूचना भी तुरंत प्रशासन, कृषि पर्यवेक्षकों, पटवारियों को दें ताकि रात में ही उन पर किटनाशकों का स्प्रे कर उन्हे खत्म किया जा सके।