श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 12 जनवरी 2021। श्रीडूंगरगढ़ के गांव लोढ़ेरा में एक ओर जहां मातृत्व को कलंकित करने की घटना सामने आई वहीं बच्चे को जिंदा बचा कर आज मानवता की लाज बचा लेने वाले भी सामने आए।गांव के युवक श्योकरण गोदारा, एएनएम गंगा, थानाधिकारी वेदपाल शिवराण ने तुरंत कार्रवाई करके इंसानियत को बचा लिया। बच्चे को अलसुबह अंधेरे में गांव की गली के बाहर कांटों की बाड़ में फेंक जाने वालों को नहीं पता की उसके जीवन में कुदरत ने उजाले लिखें है। टाइम्स के साथ आप भी जाने घटनाक्रम की पूरी सच्चाई- गांव के 28 वर्षीय श्योकरण सुबह गांव के पास ही स्थित बॉइलर पर दूध देने गया तो दो छोटे बच्चों ने आकर कहा कि गली की बाड़ में एक बच्चा पड़ा है। मौके पर पहुंचने पर श्योकरण ने देखा की बच्चे को रूक रूक कर सांस आ रही थी। उसने पुलिस को सूचना दी इस पर थानाधिकारी वेदपाल शिवराण ने गोदारा को आश्वस्त करते हुए कहा उसे कि वे तुरंत बच्चे को गोद में ले और उसकी जान बचाएं और डरे नहीं उन्हें कोई नुकसान नहीं होगा। तब गोदारा पास ही स्थित रेंवतराम नैण के घर से एक तौलिया और कबंल लेकर आए और बालक को बाड़ में से निकाला। श्योकरण उसे तौलिए व कंबल में लपेट कर गांव की एएनएम गंगा के पास ले गए और पूनरासर से एम्बुलेंस बुलाई गई। गंगा ने बताया कि बच्चा करीब चार से पांच घंटे बिना कपड़े ठंड में रहा इस वजह से उसे हाइपोथर्मिया हो गया और शरीर नीला पड़ गया था। गंगा ने बच्चे की मिट्टी साफ कर उसे कृत्रिम श्वसन दिया और बच्चे को एक और कंबल में लपेट कर गर्म किया गया। थानाधिकारी वेदपाल शिवराण भी तुरंत मौके पर पहुंच गए और जांच प्रारंभ कर दी। एम्बुलेंस के आने पर उसे ऑक्सीजन लगा कर श्योकरण व गंगा सहित श्रीडूंगरगढ़ अस्पताल लाया गया। यहां शिवराण ने डॉ. एसएस नांगल को पहले ही बालक के लिए तैयारी रखने के लिए फोन कर दिया व बच्चे के आते ही उसे आईसीयु में लेकर ईलाज प्रारम्भ कर दिया गया। नांगल ने बताया कि बच्चा बिल्कुल स्वस्थ है और जल्द ही सामान्य हो जाएगा। गंगा व श्योकरण अस्पताल व पुलिस को बयान देने के बाद अब अपने गांव लौट रहे है वहीं ग्रामीणों ने कहा कि हमारा गांव ऑनरोड है तो बालक को फेंकने का ये कृत्य किसी बाहरी का भी हो सकता है। थानाधिकारी स्वयं मामले की जांच कर रहें है।