April 24, 2024

श्रीडूंगरगढ टाइम्स 16 दिसम्बर 2019। श्रीडूंगरगढ में ट्रोमा सेंटर की मांग फिर जोर पकड़ने लगी है। कस्बे के साथ आस पास के गांवो के ग्रामीण भी ट्रोमा सेंटर की मांग में शामिल हो गये है। लोगों को अशोक गहलोत सरकार से क्षेत्र में ट्रोमा सेंटर की स्वास्थ्य सुविधाएं मिलने की उम्मीद बंधी हुई है। लंबे समय से यहां सेंटर की मांग की जा रही है। क्षेत्र के अस्पताल में डॉ. की कमी भी बड़ी समस्या बनी हुई है। शहर से नेशनल हाईवे व दिल्ली का मार्ग निकलने के कारण यहां दुर्घटनाएं होती रहती है। इसलिए यहां ट्रोमा सेंटर की मांग सर्वथा उचित ही है। पिछले अकेले नवम्बर माह में भयावह हादसे लोगों ने देखें व इन सड़क हादसों में करीब 23 लोगों ने अपनी जान गंवाई। इनमें से 70 प्रतिशत जानों को बचाया जा सकता था अगर श्रीडूंगरगढ में ट्रोमा सेंटर होता।

उपखण्ड अधिकारी को युवाओं ने सौंपा ज्ञापन
श्रीडूंगरगढ टाइम्स। उपखण्ड अधिकारी राकेश न्यौल को आज श्रीडूंगरगढ के युवकों ने ट्रोमा सेंटर को लेकर ज्ञापन सौंपा और मुख्यमंत्री से मांग की है कि क्षेत्र में ट्रोमा सेंटर बनाया जाये। युवाओं ने बताया कि श्रीडूंगरगढ में प्रतिदिन ग्रामीण क्षेत्रों से हजारों छात्र व ग्रामीण अपडाउन करते है और सैंकड़ों गाड़ियां राष्ट्रीय राजमार्ग से गुजरती है जिससे दुर्घटनाओं की संभावना लगातार बनी रहती है। यहाँ अतिव्यस्त मार्ग है जहाँ यातायात दबाव लगातार बढ रहा है। क्षेत्र में बीकानेर में ही ट्रोमा सेंटर होने के कारण वहाँ पहुंचते हुए कई बार मरीज को जान से हाथ धोना पड़ता है। गत दिनों युवा नेता विवेक माचरा, युवा नेता व युथ कांग्रेस के हरिराम बाना ने भी ट्रोमा सेंटर की मांग उठाई व क्षेत्र के लिए इसे सबसे प्राथमिक जरूरत बताया। भरत सुथार, पूरनाथ जाखड़, महावीर पारीक, महेन्द्र, विक्रम सिंह, रोहित पारीक, सहित कई युवाओं ने भाग लिया।

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। युवाओं ने उपखंड अधिकारी को ज्ञापन देते हुए ट्रोमा सेंटर की मांग की।

प्रशासन की तरफ से मिलेगा सहयोग- न्यौल
श्रीडूंगरगढ टाइम्स। उपखण्ड अधिकारी राकेश न्यौल ने युवाओं की पूरी बात सुनी व युवाओं से कहा कि प्रशासन अपने स्तर पर इसे प्रोसेस में ले रहा है और सरकार को रिपोर्ट कर देंगे। प्रशासन की तरफ से क्षेत्र में ट्रोमा खोलने के लिए जो सहयोग किया जाना चाहिए हम उसके लिए तत्पर हैं। ट्रोमा सेंटर के लिए चिह्नित भूमि विवाद में उलझी है। जिसे क्षेत्र के प्रगतिशील नागरिक आपस में बैठ कर सुलझा लें और सब मिल कर मानवता के लिए प्रयास करें तो निश्चित तौर पर क्षेत्र में ट्रोमा का सपना पूरा हो सकता है।

ट्रोमा होता तो मरीजों को मिलती ये सुविधाएं

ट्रोमा सेंटर में आपातकालीन चिकित्सा, आघात सर्जरी, क्रिटिकल केयर, न्यूरो सर्जरी, आर्थोपेडअक सर्जरी, रेडियोलॉजिस्ट के साथ के साथ ही अत्याधुनिक सुविधाएं प्राप्त हो सकेगी।

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