पुरुषों और महिलाओं में अलग-अलग होते हैं इन 5 बीमारियों के लक्षण

श्रीडूंगरगढ टाइम्स 2 फरवरी 2020। पुरुषों और महिलाओं को बीमारियां अलग-अलग तरीके से प्रभावित करती हैं, क्योंकि उनका शरीर का ढांचा, हार्मोन अलग-अलग होते हैं। तभी तो बीमारियों के लक्षण भी अलग नजर आते हैं। उसी तरह इन बीमारियों के उपाय भी अलग होते हैं।

हार्ट अटैक 
www.myupchar.com से जुड़े एम्स के डॉ. नबी वली का कहना है कि जब व्यक्ति की एक या एक से अधिक कोरोनरी धमनी अवरुद्ध हो जाए तो हार्ट अटैक आ सकता है। महिलाओं और पुरुषों में हार्ट अटैक के एक जैसे लक्षण नहीं होते हैं। सीने में दर्द हार्ट अटैक का एक आम लक्षण हैं, लेकिन हार्ट अटैक के समय पुरुषों की तुलना में महिलाओं में जी मिचलाना, उलटी जैसे लक्षण अधिक दिखाई देते हैं। उन्हें शरीर के ऊपरी हिस्से में ज्यादा दर्द का अनुभव होता है, जिसमें गर्दन, पीठ, भुजाएं और कंधे की हड्डी में दर्द शामिल है। महिलाओं को जबड़े में दर्द है तो हो सकता है कि हार्ट अटैक आया है, क्योंकि इसके पास की नसें हृदय से निकलती हैं।

स्ट्रोक
50 साल की उम्र तक पुरुषों और महिलाओं में स्ट्रोक की आशंका एक समान होती है और इस उम्र के बाद महिलाओं में स्ट्रोक की आशंका पुरुषों की तुलना में अधिक हो जाती है। स्ट्रोक आने पर चेहरे, बाजू या टांग में कमजोरी या सुन्न होना, चेहरे का एक ओर लटकना, बोलने में परेशानी, किसी एक हाथ या पैर में पैरालिसिस, चलने में परेशानी, लडख़ड़ा कर चलना, संतुलन न बना पाना, चक्कर आना जैसे लक्षण भी हो सकते हैं। महिलाओं में कई बार कुछ अलग लक्षण दिखाई देते हैं। इसमें अचानक हिचकी आना, मतली, अचानक कमजोरी महसूस होना, अचानक छाती में दर्द होना, सांस लेने में परेशानी और धड़कनों में तेजी शामिल हैं। इसके अलावा पुरुषों की तुलना में महिलाओं को रिकवर होने में ज्यादा दिक्कत होती है।

मुंहासे
महिलाओं और पुरुषों की त्वचा अलग-अलग होती है। आमतौर पर महिलाओं को मुंहासे निकलने की आशंका पुरुषों से ज्यादा होती है। महिलाओं के मुंहासों के लिए हार्मोंस को जिम्मेदार माना जाता है। www.myupchar.com के डॉ. उमर अफरोज का कहना है कि टीन-एज और गर्भावस्था के दौरान हार्मोन बदलते रहते हैं। इस समय तेल ग्रंथियों की गतिविधि बढ़ जाती है और कभी-कभी अत्यधिक कैमिकल निकलने लगता है, जो कि त्वचा के फॉलिकल को रोकता है। यह मुंहासे का कारण बनता है। जिन पुरुषों की त्‍वचा ऑयली होती है और बड़े छिद्रों वाली होती है उन पुरूषों की त्वचा पर ज्‍यादा एक्‍ने (मुंहासे) होते हैं। उन्‍हें शेव करने के बाद मुंहासे होने की समस्‍या हो सकती है। पुरुषों की त्वचा महिलाओं के मुकाबले थोड़ी सख्त होती है, इसलिए उनके लिए उपाय भी महिलाओं से अलग होते हैं।

ऑस्टियोपोरोसिस
अधिक उम्र, विटामिन डी और कैल्शियम की कमी इस बीमारी का मुख्य कारण हैं। महिलाओं में इस बीमारी का प्रकोप थोड़ा ज्यादा देखने को मिलता है। महिलाओं में 45 से 50 साल और पुरुषों में 55 साल के आसपास इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। महिलाओं में मेनोपॉज के दौरान हड्डियों का कमजोर होना प्रमुख है और पुरुषों में यह रोग पोषक तत्वों की कमी से हो सकता है। वहीं पुरुषों में इसके लिए टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन की कमी जिम्मेदार है।

तनाव
तनाव पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा शिकार बनाता है। पुरुषों और मह‍िलाओं में स्‍ट्रेस हार्मोंस का बढ़ना अलग-अलग ढंग और दर से होता है। यूं तो तनाव के लक्षण दोनों में समान रहते हैं जैसे सिर दर्द, चिढ़चिढ़ापन, थकान, बीपी बढ़ना या कम होना, भूख न लगना लेकिन महिलाओं में तनाव के कारण पेट खराब होने की भी शिकायत होती है।