श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 20 जून 2023। आजकल अनेक विवाह समारोह में नगदी नहीं लेकर उस विवाह को दहेज मुक्त विवाह का नाम देते, सामान नहीं लेकर लाखों के गहने, महंगे कपड़े या गाड़ी लेकर अन्यथा अन्य अनेकों प्रकार से छुपे हुए ढंग से दहेज लेने वाले कथित समाजसेवियों के लिए ये खबर प्रेरणा देने व जगाने वाली खबर है। गत दिनों 11 जून को कस्बे के निवासी कुलदीप मिस्त्री ने अपने पुत्रों विनोद व करण का विवाह संपन्न करवाया और पूरी तरह से दहेज मुक्त हुए इस विवाह की कस्बे सहित क्षेत्र में चर्चा हो रही है। इस विवाह में वर पक्ष द्वारा ना तो कोई सामान, ना कोई नगदी, ना गहने, ना बेटी या जवांई को देने के नाम पर कोई हिडन राशि नहीं ली गई। विनोद का विवाह लक्ष्मी पुत्री बीरबलसिंह कस्वां निवासी लालासर व करण का विवाह प्रियंका पुत्री केशराराम बेनीवाल निवासी रामसर कस्वां के साथ संपन्न हुआ। एक बारात 11 को सुबह प्रजापति भवन तथा दूसरी बारात शाम को लालासर गई। दोनों बारातों में भी परिजनों के अतिरिक्त इक्के दुक्के लोगों को ही शामिल किया गया। कुलदीप ने कहा कि वास्तव में तो दोनों बहूएं ही घर का उजाला बनकर लक्ष्मी स्वरूप लेकर आई है। उन्होंने बताया कि दोनों ही साहजी को बमुश्किल समझाईश से दहेज मुक्त विवाह के लिए मनाया। उनकी धर्मपत्नी पूजा देवी ने प्रसन्नता जताते हुए कहा कि आज के समय में समाज में दहेज प्रथा को समाप्त करने के लिए पहल स्वयं के घर से ही करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि पूरा परिवार दहेज को कुप्रथा मानता है व पहले से ये विचार बना रखा था की दोनों बेटों के विवाह में दहेज के नाम पर दृश्य या अदृश्य रूप से कोई दहेज नहीं लिया जाएगा। दोनों वधूओं के माता पिता ने अपनी पुत्रियों को ऐसा प्रगतिशील परिवार मिलने पर उनके भाग्य की सराहना की। सभी रिश्तेदारों ने इस निर्णय का स्वागत किया और क्षेत्र में सेवारत कांस्टेबल पूनित बरोड़ ने इस पहल को सही मायने में दहेज मुक्त बताते हुए इसे समाज के लिए प्रेरणीय बताया। विवाह के प्रीतिभोज में शामिल होने वाले सभी नागरिकों ने कुलदीप मिस्त्री की इस पहल की भूरी भूरी प्रशंसा की।