June 16, 2024

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 24 मई 2024। (विशेष अनुभव में पढे़ छात्र नेता करन जाड़ीवाल के साथ एबीवीपी छात्र संगठन के तीन दिवसीय बॉर्डर दौरे में उनके अनुभव)

48 डिग्री तापमान, धूल मिट्टी से धूप से तपता बॉर्डर इलाका जहां आर्मी के जवान हो या गांवो के ग्रामीण बेहद कठिन जीवन यापन करते नजर आते है। 40 युवाओं व युवतियों के दल ने छात्र संगठन के सामाजिक अनुभूति कार्यक्रम के तहत यहां भ्रमण किया और महसूस की सुदूर इलाकों में जीवन की कठिनाईयां, श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स के माध्यम से आप सभी पाठकों से अपने अनुभव साझा कर रहें है दल में शामिल करन जाड़ीवाल। पढें पूरा आलेख-

एबीवीपी के प्रांत कार्यकारिणी सदस्य, तीन दिवसीय सामाजिक अनुभूति-2024 का आयोजन किया गया। हमारी टोली आर्मी जवानों के साथ पहले दिन सीमावर्ती कस्बा खाजूवाला में पहुंची। यहां के निवासियों ने स्वागत, अभिनंदन किया। ग्रामीणों ने उन्हें सीमा दर्शन करवाया। हम अनेक घरों में गए और यहां के लोगों की समस्याओं को निकट से देखा। हमने जाना गांव में महिलाओं के प्रसव के लिए उचित व्यवस्थाएं नहीं है और सड़कें टूटी फुटी है। अस्पताल के लिए लोगों को बहुत दूर-दूर का सफर करना पड़ता है। दूसरे दिन हमारा दल बज्जू के नजदीक सीमावर्ती गांव भूरासर, बरसलपुर, छिला कश्मीर व अन्य गांवो में पहुंचे। हमने यहां पाक विस्थापित परिवारों के बारे में व उनके इतिहास के बारे में जाना तो सबके चेहरे गमगीन हो गए। उनके दर्द का अनुभव किया और विस्थापन की भयंकर पीड़ा का अनुभव किया। ये लोग उस समय तंबूओं में रहें और उन्हें इस सुनसान और रेगिस्तानी इलाके में भूमि आवंटन हुई। हम अचंभित हो गए कि विषम परिस्थितियों में इस क्षेत्र को इन लोगों ने आबाद किया है। सीमावर्ती गांवो में विद्यालयों में पदों की रिक्तता के कारण बच्चे अच्छे से पढ़ नहीं पा रहें है। तीसरे दिन हमारा दल सांचू पोस्ट के दर्शन करने पहुंचे। यहां हम हैरान हुए और रोमांच से भर गए, देश का गौरव बीएसएफ के जवान यहां 50 डिग्री तापमान में दिन और रात सीमा पर नजरें गड़ाए खड़े है। हमारी सुरक्षा के लिए इन्हें तैनात देख दल सदस्यों की आंखे नम हो गई और सभी ने भारत माता के जयकारे लगाए। हमने जवानों के कठिन जीवन को देखा, इस धूप में जब चारों ओर अर्लट जारी कर नागरिकों को घर में रहने की सलाह दी जा रही है तब ये जवान चमकती सड़क पर गश्त करते नजर आ रहें थे। धूल व धूप के बीच चौकी पर हथियार बंद जवान दूरबीन थामें सीमा पर टकटकी लगाए थे। दल के सभी सदस्यों ने खूद को इनका ऋणी महसूस किया। दल ने जवानों से बातचीत की और उनके प्रति गर्व प्रकट किया। दल ने अनुभव किया की सरकारी प्रयासों से इस इलाकें में खान व खनिज उद्योग संबंधी विनिर्माण इकाइयां लगाकर इस क्षेत्र की समस्याओं को कम किया जा सकता है। हमने देखा कि सीमावर्ती गांव के नागरिक सुरक्षा बलों के साथ पूरा तालमेल बनाकर रखते हैं। वे किसी भी अवांछित गतिविधि की सूचना तुरंत बीएसएफ को देना ही उचित मानते हैं।

यात्रा के दौरान दल में शामिल बीकानेर जिले से संगठन के सदस्य साथ रहें और भारत स्काउट एवं गाइड के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ.विमला डुकवाल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में बीकानेर विभाग के प्रचारक विनायक, खाजूवाला ज़िला प्रचारक योगेश, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जोधपुर के प्रांत संगठन मंत्री पूर्ण, प्रांत मंत्री श्याम शेखावत, बीकानेर विभाग संगठन मंत्री पूनम का सान्निध्य भी दल सदस्यों को प्राप्त हुआ। यात्रा के दौरान हम सभी ने महसूस किया कि हम विभिन्न स्तरों पर अनेक शिकायतें करते ही रहते है। परंतु सीमावर्ती रेगिस्तानी इलाकें के इन लोगों की जीजीविषा देख कर जीवन में संवेदनशील बनने व समस्याओं के समाधान का दृष्टिकोण विकसित करने की सीख मिली है।

देखें सीमावर्ती इलाकें से छात्र नेताओं के दल भ्रमण के अनेक फोटो-

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