April 24, 2024

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 5 मई 2019। खडे रहने के लिए टेंट की छाया, पिने के लिए ठंडा पानी, सुबह जल्दी से लेकर शाम देर तक का समय, माताओं द्वारा बच्चों को दुध पिलाने के लिए विशेष पालनागृह और दिव्यांगों को उनके घर से सरकारी वाहन द्वारा लाने व पहुंचाने की सुविधा। यह सभी सुविधाएं किसी शादी समारोह में अतिथियों के लिए नहीं बल्कि चुनाव आयोग द्वारा मतदाताओं को अधिकाधिक मतदान के लिए प्रेरित करने हेतु मतदान केन्द्रों की गई है। 6 मई के मतदान में मतदाता पहली बार इन सभी सुविधाओं का लाभ उठा सकेगें। लोकसभा चुनाव में अधिकाधिक मतदाताओं को मतदान करने के लिए चुनाव आयोग लगातार उत्साहित कर रहा है। चुनाव आयोग के निर्देशों पर प्रशासन द्वारा चुनाव से पूर्व लंबे समय तक चले स्वीप कार्यक्रम, संतरंगी सप्ताह के तहत शत प्रतिशत मतदान की अपील लिए वोट बारात, मानव श्रृंखला निर्माण, जागरूकता रैली सहित कई कार्यक्रम क्षेत्र में सैंकडों जगहों पर आयोजित किए जा चुके है और अब चुनाव आयोग एक कदम और आगे बढा कर 6 मई को होने वाले मतदान में मतदाताओं के लिए पहली बार कई नई व्यवस्थाएं कर मतदाताओं का मतदान के लिए रूझान बढाने का प्रयास कर रहा है। ब्लाक निर्वाचन अधिकारी रामरख मीणा ने बताया कि गर्मी के मौसम को देखते हुए मतदान का समय बढाया गया है। गत विधानसभा चुनाव तक सुबह 8 बजे से सांय 5 बजे तक 9 घंटे मतदान करवाया जाता था लेकिन इस लोकसभा चुनाव में सुबह 7 बजे से सांय 6 बजे तक 11 घंटे मतदान करवाया जाएगा। साथ ही मतदान केन्द्रों पर मतदाताओं के लाईनों में खडे होने के लिए टेंट लगाकार छाया, पीने के लिए पेयजल की व्यवस्था भी की गई है। इसी प्रकार पूर्व के चुनावों में दिव्यांगों को मतदान केन्द्र पर केवल रैम्प की सुविधा मिलती थी वहीं इस चुनाव में दिव्यांगों को उनके घरों से लाने के लिए वाहन व ब्रेल लिपि में छपी मतदान पर्चियां दी जाएगी। ब्लाक क्षेत्र में 1181 पंजीकृत दिव्यांग है इनमें से 461 मतदाता चलने एवं देखने में असर्मथ है। इनके परिजन मतदान केन्द्र पर उपस्थित बीएलओ को सुचित कर सरकारी वाहन में दिव्यांग मतदाता को मतदान केन्द्र तक लाने के अधिकारी होगें। इस बार मतदान केन्द्रों पर महिलाओं एवं मातृत्व का ध्यान रखते हुए सभी जगहों पर पालनागृह भी बनाए गए है। क्षेत्र के 231 बुथ 121 जगहों पर बने हुए है एवं इन सभी 121 जगहों पर महिलाओं के लिए पालनागृह बनाए गए है। इन पालनागृहों में नवप्रसुता महिलाएं अपने बच्चों को छाया मे बैठ कर एकांत में दुध पिला सकेगी। चुनाव आयोग के निर्देशों पर मतदाताओं की सुविधा के लिए यह सभी व्यवस्थाएं इस बार पहली की गई है। अब देखना यह है कि चुनाव आयोग के इन प्रयासों से मतदाताओं पर कितना प्रभाव पडता है एवं क्षेत्र में कितने प्रतिशत मतदान बढता है।

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