श्रीडूंगरगढ टाइम्स 19 फरवरी 2020। यह मौसम सच में बड़ा ही बेईमान है। तभी तो हम सब के जान-पहचान में कोई-न-कोई वायरल इन्फेक्शन की चपेट में है। कैसे इस इन्फेक्शन से खुद को और अपने परिवार को बचाएं, बता रही हैं स्वाति गौड़
सर्दियां अब लगभग जाने वाली हैं, इसलिए दिन गर्म होने लगे हैं, लेकिन रातें अभी भी सर्द हैं। तापमान में यह उतार-चढ़ाव अपने साथ बहुत-सी बीमारियां लेकर आता है, जिनमें से एक वायरल इन्फेक्शन भी है। वायरल इन्फेक्शन से आजकल हर घर में कोई न कोई पीड़ित है। दरअसल, यह संक्रमण किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है। पर बच्चों, बुर्जुगों और पहले से ही किसी बीमारी से पीड़ित लोग इसकी चपेट में सबसे ज्यादा आते हैं।
हालांकि आमतौर पर यह इन्फेक्शन बहुत घातक नहीं होता और दवा लेने पर 5 से 7 दिनों के भीतर ठीक हो जाता है। पर यदि इसके बाद भी तेज बुखार, गले में दर्द, जुकाम, उल्टी या दस्त जैसे लक्षण बने रहें, तो डॉक्टरी सलाह पर खून की जांच करा लेनी चाहिये। वैसे इस बदलते मौसम में यदि घर पर ही कुछ सावधानियां बरत ली जाएं तो वायरल इन्फेक्शन को होने से रोका जा सकता है।
-टिश्यू पेपर और स्किन वाइप्स का इस्तेमाल
सर्दी-जुकाम और बहती नाक जैसे लक्षणों में बार-बार कपड़े के रूमाल का इस्तेमाल करने से बेहतर है कि टिश्यू पेपर और स्किन केयर वाइप्स का इस्तेमाल किया जाए। दरअसल, एक ही रूमाल के एक से ज्यादा बार इस्तेमाल से उसमें वायरस तेजी से पनपने लगते हैं।
साथ ही इससे बच्चों की कोमल त्वचा छिल जाने का भी खतरा रहता है, जो उन्हें ठीक करने की जगह और ज्यादा बीमार बना सकते हैं। उसकी बजाय हर बार एक नया टिश्यू पेपर इस्तेमाल करना सुविधाजनक होने के साथ-साथ एक साफ-सुथरा विकल्प भी है। इसके साथ ही मेडिकेटेड स्किन केयर वाइप्स सौम्य होने के कारण त्वचा पर जलन पैदा नहीं करतीं और उन्हें इस्तेमाल के बाद धोने का झंझट भी नहीं होता।
-सफाई का रखें पूरा ध्यान
इस मौसम में मच्छर और कीड़े-मकौड़े तेजी से पनपने हैं, जो हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस के वाहक होते हैं। वायरल इन्फेक्शन से बचने के लिए अपने घर के साथ-साथ घर के बाहर भी साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें। कहीं पर भी पानी इकट्ठा न होने दें। इस बात का भी ख्याल रखें कि कूड़ा खुले में न पड़ा हो, साथ ही कोशिश करें कि बच्चे शाम के समय पेड़-पौधों के आस-पास न खेलें।
-टीकाकरण हो समय पर
अकसर मां-पिता शिकायत करते हैं कि साफ-सफाई और संतुलित आहार का पूरा ध्यान रखने के बावजूद उनका बच्चा वायरल इन्फेक्शन का शिकार हो जाता है। तो ऐसे में जरा गौर करें कि बच्चे का टीकाकरण ठीक ढंग से हुआ है या नहीं। आमतौर पर माता-पिता अपने बच्चे के बीमार पड़ने पर ही अस्पताल का रुख करते हैं और टीकाकरण के बारे में सोचते हैं, जबकि सच यह है कि सही समय पर लगवाया गया टीका नवजात शिशुओं और बच्चों को बहुत से घातक संक्रमणों और बीमारियों से बचाता है। इसलिए सुनिश्चित करें कि बच्चे को टिटनेस, डिप्थीरिया, काली खांसी, पोलियो, खसरा, चेचक और फ्लू आदि के टीके नियत समय पर जरूर लगवाए जाएं।
-ध्यान में रखें ये बातें भी
-वायरल इन्फेक्शन हो जाने पर पर्याप्त मात्रा में आराम की जरूरत होती है।
-बीमार को ज्यादा से ज्यादा मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करवाएं, ताकि शरीर का तापमान नियंत्रण में रहने के साथ-साथ विषैले तत्व भी शरीर से सही समय पर बाहर निकलते रहें।
-छाती में बलगम जमा होने की स्थिति में डॉक्टरी सलाह पर नेबुलाइजर दें तथा भाप दें। इससे कफ निकलने में आसानी होगी।
-बिना डॉक्टरी सलाह के कोई भी दवा न दें।
-कभी-कभी वायरल इन्फेक्शन की स्थिति में सांस लेने में भी दिक्कत होने लगती है। ऐसे में घबराएं नहीं, बल्कि तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
-यदि खांसने के साथ-साथ सांस में से तेज सीटी जैसी आवाज आए तो मरीज को फौरन डॉक्टर के पास ले जाएं।
-गले में दर्द, वायरल इन्फेक्शन का शुरुआती लक्षण होता है। ऐसे में गर्म चीजों का सेवन की करें और नमक वाले गुनगुने पानी से गरारे करें।
-छोटे बच्चों को निमोनिया हो जाना एक आम बात है, जो सर्दी-खांसी-जुकाम से शुरू होता है। ऐसे में बिना देर किए डॉक्टर से परामर्श लें।
-बेशक दिन का तापमान काफी गर्म हो रहा है, लेकिन एकदम से गर्म कपड़े कम न करें और शरीर को पूरी गर्माहट दें।
(डॉ. अवनीत कौर, वरिष्ठ सलाकार-नवजात एवं बाल रोग विशेषज्ञ, अपोलो क्रेडल, नई दिल्ली से बातचीत पर आधारित)
पौष्टिक आहार है जरूरी-
यूं तो बीमारी से दूर रहने के लिए अच्छे आहार की जरूरत सभी को होती है, लेकिन बच्चे अकसर खाने में बहुत ना-नुकुर करते हैं। ऐसे में उन्हें पर्याप्त पोषण देना हर मां के लिए बहुत बड़ी चुनौती बन जाता है। वायरल इन्फेक्शन से बचने के लिए आहार में पर्याप्त पोषण का होना जरूरी है। जंक फूड की जगह ताजे फलों और मौसमी सब्जियों को अपने आहार में शामिल करें। बच्चों को सूखे मेवे भी खिलाएं। जाती हुई सर्दियों में बाजरा, रागी, ज्वार और मक्का जैसे सुपरफूड शरीर को आवश्यक पोषण देने के साथ-साथ शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करते हैं।
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