श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 21 सितंबर 2023। चारों ओर माहौल चुनावी हो रहा है। ऐसे में बात केवल नेताओं और पार्टियों की होती है और आम मतदाता कहीं गुम सा हो जाता है। श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स ऐसा प्रयास कर रहा है जिससे हर एक मतदाता अपने महत्व को पहचान कर लोकतंत्र का जागरूक प्रहरी बन सकें। विशेष आलेख पढें राज्य स्तरीय निर्वाचन प्रशिक्षक डॉक्टर राधाकृष्ण सोनी की कलम से-
सी-विजिल – मात्र 100 मिनट में निस्तारण।
चुनावों में होने वाली धांधलियों को रोककर मतदाताओं को ओर अधिक सशक्त बनाने के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा सी-विजिल विकसित किया गया है। झूठी शिकायतों को रोकने व उल्लंघनकर्ता को पकड़ने में यह ऐप सहायता करता है तथा घटना स्थल को ट्रैक करने एवं उसके बारे में सटीक जानकारी का प्रभावी माध्यम है।
इस ऐप के माध्यम से
कोई भी नागरिक आदर्श आचरण संहिता के उल्लंघन की ऑनलाइन शिकायत कर सकता है जिसका त्वरित गति से अधिकतम 100 मिनट में निस्तारण किया जाता है।
यह एंड्रॉइड बेस्ड ऐप है एवं इसके लिए कैमरा, इंटरनेट एवं जीपीएस एक्सेस जरूरी है। निर्वाचन की घोषणा के दिन से यह प्रभावी होता है। शिकायतकर्ता को गूगल प्ले स्टोर से सी-विजिल ऐप को इंस्टाल करना होगा। यूजर द्वारा अपना नाम, पता, विधान सभा, जिला, राज्य का नाम आदि की जानकारी देने के बाद ओटीपी से वेरीफाई होगा। शिकायतकर्ता गैर कानूनी बांटने, भ्रष्टाचार, विवादित बयान आदि से सम्बंधित शिकायत फोटो, ऑडियो या वीडियो के माध्यम से इस पर दर्ज करा सकता है। शिकायतकर्ता लोकेशन पर फ़ोटो खींचकर या वीडियो बनाकर ऐप पर अपलोड कर सकता है। गैलरी में सुरक्षित पहले से खींचा हुआ फोटो या बना हुआ वीडियो अपलोड नहीं किया जा सकता। शिकायतकर्ता फोटो/वीडियो के नीचे बॉक्स में विवरण अंकित करेगा। शिकायत जिला नियन्त्रण कक्ष में पहुँचने के बाद 5 मिनट में उसे लोकेशन के अनुसार निकटतम फील्ड यूनिट (फ्लाइंग स्क्वायड, रिज़र्व टीम आदि) को फॉरवर्ड किया जाएगा। फील्ड यूनिट जीआईएस संकेतों एवं नेविगेशन तकनीक के अनुसार 15 मिनट में लोकेशन पर पहुँचती है तथा अधिकतम 30 मिनट में जाँच कर रिपोर्ट अन्वेषक ऐप के माध्यम से रिटर्निंग अधिकारी को भेजती है। जिसका 50 मिनट में रिटर्निंग अधिकारी निर्णय-निस्तारण करता है। शिकायत सही पाई जाने पर आयोग के राष्ट्रीय पोर्टल पर अग्रिम कार्यवाही के लिए भेजा जाता है। इस ऐप के मोबाइल एवं डैशबोर्ड दो मॉड्यूल्स हैं। नागरिक, फील्ड टीम, आब्जर्वर मोबाइल से, आर ओ डैशबोर्ड एवं आयोग, सीईओ एवं डीईओ दोनों मॉड्यूल्स का प्रयोग करते हैं।
शिकायत करने पर शिकायतकर्ता को एक यूजर आई डी मिलती है जिसके आधार पर वह स्टेट्स जान सकता है। उसे 100 मिनट के भीतर सूचित भी कर दिया जाता है। शिकायतकर्ता की पहचान गुप्त रहती है। एक शिकायतकर्ता 5 मिनट बाद दूसरी शिकायत कर सकता है।
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