श्रीडूंगरगढ टाइम्स 1 मई 2020। मजदूर दिवस पर हमारे क्षेत्र में सुखद खबर आई है कि मोमासर में रतनगढ प्रशासन द्वारा लाकर छोड़े गए मजदूरों को मोमासर में मेहमानों की तरह 14 दिन क्वारेंटाइन में रखा गया और कल देर रात हरियाणा के 182 मजदूरों को चार बसों द्वारा उनके घर पहुंचा दिया गया। हालांकि पंजाब के 16 मजदूर अभी परमिशन का इंतजार कर रहें है और श्रीडूंगरगढ प्रशासन परमिशन लेने के प्रयास कर रहा है। गुरूवार को सरपंच सरिता देवी संचेती ने जिलाकलेक्टर से इनके क्वारेंटाइन समय पूरा होने पर इन्हें भी अपने घरों तक पहुंचाने की मांग की। इस संबंध में गुरूवार को ही बीकानेर से प्रशासनिक अधिकारी आए और उन्होंने इनके स्वास्थ्य संबंधी जानकारियाँ ली और इन्हें भेजने की व्यवस्थाओं पर चर्चा की। चार बसों की व्यवस्था प्रशासन ने की और 14 दिन रहने खाने की व्यवस्थाऐं मोमासर के दानदाताओं ने संभाली। सरपंच सरिता देवी संचेती ने उपखण्ड अधिकारी राकेश कुमार न्यौल व जिलाक्लेक्टर कुमार पाल गोतम का आभार जताया।
क्योंकि इंसानियत अभी जिंदा है……
श्रीडूंगरगढ टाइम्स। हमेशा से समाज में अच्छाई और बुराई दोनों साथ साथ चलते आए है। ये गरीब मजदूर दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर दो ट्रक में बच्चों सहित तिरपाल से ढक कर कैसे सफर में परेशान हुए होगें ये वर्णन की आवश्यकता नहीं। परन्तु रतनगढ प्रशासन ने जिम्मेदारी टालते हुए इन्हें सड़क पर छुड़वा दिया। ये डरे सहमे लोग घबराहट में पुलिस के सवालों के जवाब भी नहीं पा रहे थे। ऐसे में इंसानियत के नाते श्रीडूंगरगढ उपखण्ड अधिकारी राकेश कुमार न्यौल ने इन्हें गांव मोमासर में राजकीय विद्यालय में क्वारेंटाइन करवाया। और गांव के जागरूक युवा कोरोना के भय से तो घबराऐं परन्तु मजदूरों के साथ उन्होंने इंसानियत का रिश्ता निभाया और पलक पावंडें बिछा कर अनचाहे मेहमानों का स्वागत किया। इन स्वयंसेवकों ने दानदाताओं की सहायता से हर जरूरत का सामान इन लोगों तक पहुंचाया। दानदाताओं ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी और इन सभी मजदूरों के रहने खाने संबंधी सभी व्यवस्थाओं को संभाला। इन मजदूरों को सेनेटाइजर, साबुन, तौलिया, जुस, चाय-बिस्किट, गुड़ सहित रोटी, चावल, सब्जी, दाल यहां तक की बच्चों के लिए टॉफियाँ भी उपलब्ध करवाई। दानदाता कन्हैयालाल पटावरी, गुमानमल सेठिया, पन्नालाल नाहटा, मांगीलाल मघराज संचेती के इस सहयोग के लिए सरपंच सरिता संचेती व उनके पति तथा उपसरपंच जुगराज संचेती ने दानदाताओं का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि इन दानदाताओं के कारण ही मोमासर की साख क्षेत्र में ही नहीं बीकानेर जिले में बढी है।