May 20, 2024

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 31 मई 2023। 🚩श्री गणेशाय नम:🚩 शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।
नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।
योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है
*करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।
इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना, पढ़ना चाहिए ।

📜 आज का पंचांग 📜

☀ 31 – May – 2023
☀ Sri Dungargarh, India

☀ पंचांग
🔅 तिथि एकादशी 01:47 PM
🔅 नक्षत्र हस्त 06:00 AM
🔅 करण :
विष्टि 01:47 PM
बव 01:47 PM
🔅 पक्ष शुक्ल
🔅 योग व्यतीपात 08:14 PM
🔅 वार बुधवार

☀ सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएँ
🔅 सूर्योदय 05:37 AM
🔅 चन्द्रोदय 03:41 PM
🔅 चन्द्र राशि कन्या
🔅 सूर्यास्त 07:25 PM
🔅 चन्द्रास्त +03:21 AM
🔅 ऋतु ग्रीष्म

☀ हिन्दू मास एवं वर्ष
🔅 शक सम्वत 1945 शोभकृत
🔅 कलि सम्वत 5125
🔅 दिन काल 01:47 PM
🔅 विक्रम सम्वत 2080
🔅 मास अमांत ज्येष्ठ
🔅 मास पूर्णिमांत ज्येष्ठ

☀ शुभ और अशुभ समय
☀ शुभ समय
🔅 अभिजित कोई नहीं
☀ अशुभ समय
🔅 दुष्टमुहूर्त 12:04 PM – 12:59 PM
🔅 कंटक 05:35 PM – 06:30 PM
🔅 यमघण्ट 08:23 AM – 09:18 AM
🔅 राहु काल 12:31 PM – 02:15 PM
🔅 कुलिक 12:04 PM – 12:59 PM
🔅 कालवेला या अर्द्धयाम 06:33 AM – 07:28 AM
🔅 यमगण्ड 07:21 AM – 09:04 AM
🔅 गुलिक काल 10:48 AM – 12:31 PM
☀ दिशा शूल
🔅 दिशा शूल उत्तर

☀ चन्द्रबल और ताराबल
☀ ताराबल
🔅 अश्विनी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुष्य, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, अनुराधा, मूल, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद
☀ चन्द्रबल
🔅 मेष, कर्क, कन्या, वृश्चिक, धनु, मीन

📜 चोघडिया 📜

🔅लाभ 05:37:54 – 07:21:20
🔅अमृत 07:21:20 – 09:04:45
🔅काल 09:04:45 – 10:48:11
🔅शुभ 10:48:11 – 12:31:37
🔅रोग 12:31:37 – 14:15:03
🔅उद्वेग 14:15:03 – 15:58:29
🔅चल 15:58:29 – 17:41:55
🔅लाभ 17:41:55 – 19:25:22
🔅उद्वेग 19:25:22 – 20:41:54
🔅शुभ 20:41:54 – 21:58:26
🔅अमृत 21:58:26 – 23:14:58
🔅चल 23:14:58 – 24:31:31
🔅रोग 24:31:31 – 25:48:03
🔅काल 25:48:03 – 27:04:35
🔅लाभ 27:04:35 – 28:21:07
🔅उद्वेग 28:21:07 – 29:37:40

❄️ लग्न तालिका ❄️

🔅 वृषभ स्थिर
शुरू: 04:44 AM समाप्त: 06:41 AM

🔅 मिथुन द्विस्वाभाव
शुरू: 06:41 AM समाप्त: 08:56 AM

🔅 कर्क चर
शुरू: 08:56 AM समाप्त: 11:16 AM

🔅 सिंह स्थिर
शुरू: 11:16 AM समाप्त: 01:33 PM

🔅 कन्या द्विस्वाभाव
शुरू: 01:33 PM समाप्त: 03:49 PM

🔅 तुला चर
शुरू: 03:49 PM समाप्त: 06:09 PM

🔅 वृश्चिक स्थिर
शुरू: 06:09 PM समाप्त: 08:27 PM

🔅 धनु द्विस्वाभाव
शुरू: 08:27 PM समाप्त: 10:32 PM

🔅 मकर चर
शुरू: 10:32 PM समाप्त: अगले दिन 00:15 AM

🔅 कुम्भ स्थिर
शुरू: अगले दिन 00:15 AM समाप्त: अगले दिन 01:43 AM

🔅 मीन द्विस्वाभाव
शुरू: अगले दिन 01:43 AM समाप्त: अगले दिन 03:09 AM

🔅 मेष चर
शुरू: अगले दिन 03:09 AM समाप्त: अगले दिन 04:44 AM

🌺।। आज का दिन मंगलमय हो।।🌺

बुधवार के दिन गणेश जी को रोली का तिलक लगाकर, दूर्वा अर्पित करके लड्डुओं का भोग लगाकर उनकी पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

* बुधवार को सभी ग्रहो के राजकुमार बुध देव की आराधना करने से ज्ञान मिलता है, वाकपटुता में प्रवीणता आती है, धन लाभ होता है ।

⭐ निर्जला एकादशी ⭐

ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी कहते है चूँकि इस व्रत मे पानी पीना भी वर्जित है इसिलिये इस एक एकादशी को निर्जला एकादशी कहते है।

मान्यता है कि इस एकादशी का व्रत रखने से पूरे वर्ष भर की एकादशियों का पुण्य मिलता है । महाभारत काल में कुंती पुत्र भीम ने भी इस कठिन व्रत को किया था जिसके लिए एक बार का भोजन छोड़ना भी अत्यंत दुष्कर था इसलिए इस एकादशी को पांडव एकादशी या भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है।

पण्डित विष्णुदत्त शास्त्री
8290814026

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