April 25, 2024

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 16 अक्टूबर 2021। शनिवार को दिल्ली में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई जिसने साफ संकेत दिये कि पार्टी पर गांधी परिवार का ही वर्चस्व रहेगा। ये जरूर स्पष्ट हो गया कि अब राहुल के साथ सीधे सीधे प्रियंका निर्णय करेगी। सोनिया गांधी ने अपने को पीछे कर लिया है। ये कांग्रेस का बदलाव है। गांधी से गांधी तक की यात्रा।
कार्यसमिति में बड़ें धड़े ने पार्टी का नेतृत्त्व फिर से राहुल गांधी को सौंपने की बात कही। इसका किसी ने विद्रोह नहीं किया। जी 23 के नेता भी इस प्रस्ताव पर मौन साधे रहे। जो साफ संकेत है कि गांधी परिवार का विरोध करके कांग्रेस में राजनीति करना सम्भव नहीं। पार्टी के कार्यकर्ता भी इस परिवार से आगे नहीं सोचते है। ये भी बड़ा सत्य है कि पार्टी को देश में जितने भी वोट मिलते हैं उसमें बड़ा हिस्सा इसी परिवार के नाम का होता है।
सोनिया गांधी के तेवर इस बैठक में थोड़े सख्त थे। उनका ये कहना कि मैं पार्टी की पूर्णकालिक अध्यक्ष हूं और जिसे भी शिकायत हो मुझसे बात करे। प्रेस में बयान न दे। ये जी 23 के नेताओं को दो टूक थी। जिस पर इस ग्रुप का कोई नेता नहीं बोल सका। सोनिया गांधी ने पार्टी के चुनाव का कार्यक्रम भी घोषित कर दिया। 2022 में नया अध्यक्ष बनेगा। राहुल गांधी ने भी अरसे बाद अध्यक्ष बनने के प्रस्ताव पर विचार कर कुछ अलग संकेत दिए हैं। सोनिया ने तुरंत चुनाव समितियां भी बना दी। सोनिया की पार्टी पर पकड़ साफ दिख रही थी।
प्रियंका का दखल
—–
राजस्थान में पार्टी के असंतोष को थामने के लिए भी कार्यसमिति की बैठक हुई। जिसमें अशोक गहलोत से बात हुई, सुलह का फार्मूला चर्चा में था। इस बैठक में राहुल के साथ सोनिया नहीं, प्रियंका गांधी थी। ये पार्टी निर्णयों में प्रियंका का सीधा दखल स्पष्ट करता है।
कार्यसमिति की बैठक से साफ हो गया कि कांग्रेस अब चुनावी रण के लिए अपने को तैयार करने में जुट गई है। पांच राज्यों के विधान सभा चुनाव और अगले लोक सभा चुनाव के लिए रोड मैप बना लिया गया है। इस बार कांग्रेस को हल्के में लेना भूल होगी। कांग्रेस कन्हैया कुमार, जिग्नेश के साथ कुछ और युवाओं को लाने का प्रयास कर रही है, ये भी बदलाव की ही पदचाप है।
– मधु आचार्य ‘ आशावादी ‘
वरिष्ठ पत्रकार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!