श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 1 अगस्त 2022। राष्ट्र भाषा प्रचार समिति के प्रागंण में क्षेत्र के साहित्यकारों ने रविवार को उपन्यास सम्राट प्रेमचंद की जन्म जयंती को “आधुनिक साहित्य संदर्भ और प्रेमचंद” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन कर मनाई। प्रेमचंद को याद करते हुए मुख्य अतिथि डॉ. मदन सैनी ने कहा कि प्रेमचंद की कालजयी रचनाओं के पात्र आज भी आमजन जीवन में नजर आते है। उनके शोषित व पीड़ित पात्रों से जुड़ कर जनता उनकी कहानियों व उपन्यासों के माध्यम से वर्तमान समय में भी उन्हें अपने बीच पाती है और इसीलिए प्रेमचंद 21वीं सदी में भी खासे लोकप्रिय है। सैनी ने कहा कि प्रेमचंद का अनुभव उन्हें संसार में विराट बनाता है और सर्वमान्य भी। आयोजन में विशिष्ट अतिथि विशिष्ट अतिथि डॉ. चेतन स्वामी ने कहा कि प्रेमचंद का रचना संसार इतना व्यापक था कि आज हिंदी कहानी कई कालों से गुजरने के बाद भी प्रेमचंद परंपरा से अलग नहीं हो पाई है। संगोष्ठी के अध्यक्षता करते हुए साहित्यकार श्याम महर्षि ने प्रेमचंद बेजोड़ व अनूठे शब्द शिल्पीकार बताया। तथा उनकी उर्दू, हिंदी, देशज सहित आंचलिकता लिए शब्दों के कई उदाहरण भी दिए। संगोष्ठी में सत्यनारायण योगी ने प्रेमचंद के साहित्य में गांधीवाद, यथार्थ व आदर्श को रेखांकित किया। साहित्यकार रवि पुरोहित ने प्रेमचंद को भाषा का संस्कार, प्रवाह और तमीज देने वाला रचनाकार बताया। कार्यक्रम का संयोजन साहित्यकार सत्यदीप ने किया। इस दौरान बजरंग शर्मा, रामचंद्र राठी, तुलसीराम चौरड़िया, विजय महर्षि, महावीर सारस्वत सहित अनेक साहित्यकार प्रेमियों ने संगोष्ठी में भाग लिया व प्रेमचंद के रचना संसार से जुड़ने का प्रयास किया।