श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 11 सितम्बर 2020। क्षेत्र के नरेगा श्रमिकों का भुगतान करीब एक माह से लंबीत पड़ा है एवं पंचायत समिति एईएन व बीडीओ मध्य चल रही तनातनी में रोज नए मोड़ आ रहे है। इस संबध में जिला कलेक्टर द्वारा पंचायत समिति बीडीओ को चार्जशीट देने के बाद आज बीडीओ ने लोकायुक्त में कलेक्टर एवं जिला परिषद सीईओ पर नियमविरूद्ध प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए शिकायत की है। कलेक्टर द्वारा चार्जशीट में 17सीसीए का नोटीस दिया गया एवं 15 दिनों में जवाब मांगा गया था लेकिन बीडीओ द्वारा जवाब के बजाए लोकायुक्त में शिकायत देने के बाद यह विवाद क्षेत्र में खासा गर्मा गया है।
यह है अंदर की बात।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 11 सितम्बर 2020। राजस्थान सरकार द्वारा पंचायत समिति में भुगतान के लिए तकनीकी अधिकारी द्वारा वेरीफिकेशन को अनिवार्य किया गया है। लेकिन नरेगा में एक सप्ताह में भुगतान करने के लक्ष्य के कारण चलने वाली सैंकडों नरेगा साईटों का एक सहायक अभिंयता द्वारा निरीक्षण कर वेरीफाई करना संभव भी नहीं है। ऐसे में श्रीडूंगरगढ़ पंचायत समिति में अभी तक ऐसा ही चलता रहा कि केवल बीडीओ के हस्ताक्षरों से भुगतान होता हो। नए आए विकास अधिकारी मनोज कुमार ने ऐसा करने से मना कर दिया एवं पहले एईएन के हस्ताक्षर होने के बाद ही भुगतान पर हस्ताक्षर करने की बात कही। विवाद बढ़ा तो प्रकरण जिला परिषद एवं जिला कलेक्टर के समक्ष पहुंचा। जहां पर तकनीकी अधिकारियों ने भी अपनी बात रखते हुए सैंकडों साईटों पर जाना संभव नहीं होना बताया व केवल जेटीओ के वेरीफिकेशन पर भुगतान होने की परम्परा की बात कही। ऐसे में कलेक्टर व जिला परिषद सीईओ ने श्रीडूंगरगढ़ बीडीओ को यह निर्देश दिए कि जिले की अन्य पंचायत समितियों में जैसा हो रहा है वैसा ही कर दिया जाए। लेकिन यह निर्देश भी नियमानुसार नहीं होने के कारण श्रीडूंगरगढ़ विकास अधिकारी ने इसे वित्तीय अनियमिता मानी व हस्ताक्षर नहीं किए। ऐसे में जिला कलेक्टर व सीईओ ने विकास अधिकारी को चार्जशीट थमा दी एवं विकास अधिकारी ने इनके खिलाफ लोकायुक्त में शिकायत की है। इस प्रकरण के बाद पूरे जिले में तकनीकी अधिकारियों एवं विकास अधिकारियों के गुट बन रहे है एवं इसकी आंच अब जिले की हर पंचायत समिति में पहुचंने का अंदेशा भी लगाया रहा है।
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