श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 1 जुलाई 2021। तुलासन नाम संस्कृत शब्द तुला से लिया गया है जिसका अर्थ स संतुलन है। यह ऐब्स के लिए बहुत ही लाभदायक आसन है।
विधि
1.इस आसन का अभ्यास करने के लिए जमीन पर चटाई बिछाकर बैठ जाए।
2.दाहिने पैर को घुटने से मोड़कर अपनी बायीं जांघ पर रखे। और बाएं पैर को घुटने से मोड़कर अपनी दाहिनी जांघ पर रख दे। इस आसन को पद्मासन कहा जाता है।
3.हाथों को कूल्हों के बगल में फर्श पर रख दे। अपने दोनों हाथों को मजबूती के साथ जमीन पर दबाये। और कूल्हों को ऊपर उठाये।
4. ४० सेकंड तक मुद्रा में बने रहे। कूल्हों को जमीन पर लाये और पुनः सामान्य स्थिति में आ जाए।
इसी क्रिया को पद्मासन के समय पैरों को बदलकर करें।
सावधानियां
1. जिन्हें कूल्हे, हाथ या पैर में चोट है, उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए।
2. शारीरिक क्षमता से ज्यादा जोर ना लगाएं।
लाभ
1.यह एक आनंददायक योगासन है ,इसके अभ्यास से मन का तनाव मिट जाता है।
2.नियमित अभ्यास संतुलन शक्ति को बढ़ाता है।
3.यह कूल्हों की बाहरी मांसपेशियों को फैलाने में मदद करता है।
4.पेट को प्रभावित कर पेट संबंधित समस्याओं का निदान करता है।
5.यह ऊपरी कंधों को बल प्रदान करता है।