श्रीडूंगरगढ टाइम्स 24 मार्च 2020। कोरोना के आंतक के समय में सोनियासर मिठिया गांव के लोग डरे सहमे से है। गांव में बाहर से बड़ी संख्या में प्रवासी नागरिक लौट कर आए है। महाराष्ट्र से 6 ग्रामीण गांव में 20 मार्च के बाद लौटे है। बाहर से करीब 30 से ज्यादा प्रवासी ग्रामीण गांव में लौट कर आए है जिनमें गुजरात, पश्चिम बंगाल, जयपुर से लौटे है। हालांकि बड़ी संख्या में लगातार विभाग द्वारा स्क्रिनिंग की जा रही है परन्तु अभी भी स्क्रिनिंग से नागरिक बचे हुए है। कल देर रात भी गांव में कुछ और ग्रामीण बाहर से लौट कर आने की सूचना भी प्राप्त हो रही है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर गांव में कोई आपातकालीन परिस्थिति आती है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा? ग्रामीण खासा नाराज नजर आए। गांव के भंवरलाल ने कहा कि एक और सरकार जहां कोरोना को लेकर जबरदस्त सक्रिय और सचेत है वहीं यह लापरवाही हमारे गांव में 6 माह से एएनएम भी नहीं है ऐसे समय में हमारे गांव में ग्रामीण कोई सस्पेकट निकला तो जवाबदेही किसकी होगी? गांव में प्राथमिक चिकित्सा की भी सुविधा नहीं है और गांव में साधारण सर्दी, जुकाम के मरीज भी अब दहशत में दिन गुजार रहें है। गांवो में प्रशासन के प्रयास प्रयाप्त भी नहीं है और ना ही पूरी तरह से पहुंच रहे है। ग्रामीणों ने बताया कि सोमवार को गांव में चिकित्सा टीम आई थी पर कल देर शाम बाहर से और भी प्रवासियों के गांव में आने की सूचना भी मिल रही है।
ब्लॉक सीएमएचओ श्रीमोहन जोशी ने कहा कि— हमारी टीम मुस्तैदी से जुटी हुई है और श्रीडूंगरगढ उपखण्ड में बाहर से आने वाले सभी लोगों की स्क्रिनिंग तुरंत की जा रही है। सोमवार व मंगलवार को करीब एक हजार लोगों की स्क्रिनिंग की गयी है। 52 लोग जो विदेश से आए है रोजाना चिकित्साकर्मी फोन पर उनसे सम्पर्क कर रहें है और उनके स्वास्थ्य की अपडेट ले रहे है उन्हें घर में ही रहने के लिए कहा जा रहा है। किसी भी गांव में बाहर से आने वाले नागरिक की जानकारी हमें वहां नियुक्त एएनएम या सरपंच या किसी भी स्वयंसेवी संस्था द्वारा दी जाती है तो हमारी टीम तुरन्त एक्शन ले रही है।
6 महिने से ताले पड़े है उपस्वास्थ्य केन्द्र पर
श्रीडूंगरगढ टाइम्स। गांव सोनियासर मिठिया में भामाशाहों ने सरकार को उपस्वास्थ्य सेवा केंद्र बना कर सुपूर्द कर दिया परन्तु अभी तक यहां किसी डॉक्टर की तो क्या एएनएम की भी पॉस्टिंग नहीं हो पाई है। 700 घरों की आबादी वाले इस गांव में भामाशाहों ने गांव में स्वास्थ्य व्यवस्था हो सके इस हेतु भवन तो बना दिया पर यह भवन अब धूल फांक रहा है और राह देख रहा है किसी स्टाफ के आने की। सरपंच नंदकिशोर बिहाणी ने कहा कि बार बार प्रशासन से यहां स्टाफ की गुहार लगा चुके है परन्तु अभी तक कोई सुनवाई नहीं हो सकि है। उन्होनें कहा कि 6 महिने से कोई डॉकटर या नर्स स्टाफ गांव में नहीं आया है। अब कोरोना के कारण ग्रामीणों में भय व्याप्त है। बिहाणी ने कहा कि किसी को बुखार भी हो जाए तो तहसील मुख्यालय से हम इतने दूर है कि साधारण ग्रामीण परेशान हो जाते है।
ब्लॉक सीएमएचओ श्रीमोहन जोशी ने कहा कि सोनियासर मिठिया में एएनएम नहीं है यह जानकारी जिला प्रशासन व स्थानीय विधायक को है व इसके लिए प्रयास किए जा रहे है व राज्य सरकार को लिखा जा चुका है।
जागरूक युवा स्वयं जुटे है ग्रामीणों को जानकारी देने में
श्रीडूंगरगढ टाइम्स। गांव के जागरूक युवा स्वयं ही कोरोना के खिलाफ अपने स्तर पर भी जंग लड़ रहे है। ये युवा सोशल मीडिया के माध्यम से गांव में एएनएम की मांग को लगातार वायरल भी कर रहें है और बाहर से आने वाले की सूचना ये दे रहे है। ये लोग प्रवासियों को समझा भी रहें है कि वे घर से ना निकले व परिवार से भी दूरी बना कर रखें। सामाजिक कार्यकर्ता भंवरलाल जोशी, शहीद हेतराम गोदारा के भाई राजाराम गोदारा दोनो ही ग्रामीण अपने स्तर पर बाहर से आए लोगों को ओइसोलेशन के लिए प्रेरित कर रहे है। वे बाहर से आने वालों की जानकारी भी जुटा रहे है और सभी से घर में ही रहने की अपील भी कर रहें है।