May 6, 2024

लखीमपुर खीरी में किसान आंदोलन के चलते कुचलने की हुई दुर्घटना कांग्रेस की राजनीति के लिए टर्निंग पाइंट साबित हो रही है। यूपी में हाशिये पर पहुंची कांग्रेस एक बार फिर वर्षों बाद इस प्रदेश में चर्चा का विषय बनी है। जिसका असर दूसरे राज्य के कांग्रेस संगठनों पर भी पड़ा है।
लखीमपुर खीरी में मरे आठ लोगों की तरफ से जो एफआईआर लिखवाई गई उसमें मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के पुत्र हैं, इसलिए ये हाई प्रोफाइल मामला बना। देश भर में इसकी चर्चा है।
सोशल मीडिया में आये दुर्घटना के वीडियो यूं तो सभी विपक्षी दलों ने देखे, मगर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इसमें तेज गति से एक्शन लिया। उसी दिन रात 2 बजे वे मृत परिवारों सर मिलने के लिए रवाना हो गई। जाहिर है यूपी सरकार हरकत में आनी थी। उसने प्रियंका को वहां जाने से रोका तो वे तीखे तेवर से उलझ गई। पैदल ही चल पड़ी। हारकर प्रियंका को हिरासत में लिया गया और सीतापुर गेस्ट हाउस में रखा गया। यूपी सरकार के इस एक्शन ने कांग्रेस को फ्रंट फुट पर ला दिया। पूरे देश में पार्टी का संगठन खड़ा हो गया और विरोध शुरू कर दिया।
कांग्रेस के सक्रिय होने के थोड़ी देर बाद ही आम आदमी पार्टी भी मैदान में आ गई। उसके सांसद संजय सिंह भी रात को ही चल पड़े लखीमपुर खीरी की तरफ। उन्हें भी रोककर यूपी सरकार ने डिटेन किया। बसपा के सतीश मिश्रा भी रात को ही एक्शन में आये मगर उनको भी डिटेन किया।
सुबह समाजवादी पार्टी पूरे जोश के साथ मैदान में उतरी। भीम आर्मी के चंद्रशेखर तो बाइक से लखीमपुर खीरी पहुंच ही गये। अखिलेश यादव को घर से निकलते ही यूपी प्रशासन ने रोक लिया। पार्टी ने राज्य के विभिन्न जिलों में उग्र प्रदर्शन आरम्भ कर दिये। अब तो सभी विपक्षी दल और योगी के नेतृत्त्व वाली यूपी सरकार आमने सामने थे।
प्रियंका के एक्शन को कांग्रेस ने हाथ से नहीं जाने दिया। छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल लखनऊ एयरपोर्ट पहुंच गये। जहां उनको रोक दिया, वे वहीं धरने पर बैठ गये। पंजाब के सीएम चन्नी भी विरोध में उतर गये।
प्रियंका डिटेन थी तो मोर्चा राहुल गांधी ने संभाला, साथ हुए बघेल और चन्नी। ये भी लखीमपुर खीरी के लिए रवाना हो गये। यूपी सरकार के लिए परेशानी खड़ी हो गई। पहले अनुमति नहीं दी, फिर दी। फिर एयरपोर्ट पर रोक लिया। कशमकश और अनिर्णय ने कांग्रेस की तरफ सबका ध्यान कर दिया। राजनीति में नेता हाथ मे आया मौका जाने नहीं देते, पहली बार कांग्रेस योजना से चलती लगी। सड़क मार्ग से सचिन पायलट और आचार्य प्रमोद कृष्ण चल पड़े। नवजोत सिद्धू ने पंजाब में धरना देकर कुच करने का एलान किया। राजस्थान कांग्रेस ने भी ये ही रास्ता अपनाया। कुल मिलाकर कांग्रेस पहली बार एक्शन में दिखी।
लखीमपुर खीरी की घटना का असर देश की राजनीति पर अब तो साफ नजर आने लगा। चूंकि आरोपी भाजपा सरकार के केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के पुत्र हैं तो वो ज्यादा आक्रामक नहीं हो पा रही है विपक्ष पर। सरकार के स्तर पर जरूर गति पकड़ी है। मगर अब तक केंद्रीय राज्य मंत्री के पुत्र की गिरफ्तारी न होने से विपक्ष को खुलकर कुछ करने का अवसर मिल रहा है। यूपी में आने वाले समय में विधान सभा चुनाव है और उसमें लखीमपुर खीरी का साया रहना तय है। कौन इसका फायदा लेगा, ये भविष्य के गर्भ में है। मगर भाजपा, कांग्रेस, सपा, बसपा, भीम आर्मी, आम आदमी पार्टी सहित सभी अभी इसी मुद्दे के इर्द गिर्द राजनीति कर रहे हैं। इसी कारण देश की निगाहें इस मामले पर है।
– मधु आचार्य ‘ आशावादी ‘
वरिष्ठ पत्रकार

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