April 25, 2024

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 26 नवंबर 2022। हमारे शरीर के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण खनिजों में से एक आयोडीन भी है. आयोडीन आमतौर पर समुद्री फोजन (Sea Food) में पाया जाता है. आपके गले में मौजूद थायरॉइड ग्लैंड इसका इस्तेमाल कर थायरॉइड हार्मोन का निर्माण करता है. चिंताजनक बात यह है कि दुनिया की एक-तिहाई जनसंख्या आयोडीन की कमी से जूझ रही है. गर्भवती महिलाएं, दक्षिण एशिया, दक्षिण-पूर्व एशिया, न्यूजीलैंड और यूरोपीय देशों के लोगों में आयोडीन की कमी देखने को मिलती है. शाकाहारी और वीगन डाइट लेने वाले लोग भी आयोडीन की कमी का शिकार बनते हैं. आयोडीन की कमी की वजह से कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. आयोडीन की कमी के कुछ लक्षणों के बारे में हम यहां बात करेंगे.

गर्दन में सूजन

गर्दन के अगले हिस्से या गोइटर में सूजन, आयोडीन की कमी का एक बहुत ही सामान्य सा लक्षण है. ऐसा तब होता है, जब शरीर में आयोडीन की कमी हो जाती है और आपके गले में मौजूद थायरॉइड ग्रंथि को थायरॉइड हार्मोन बनाने के लिए बहुत अधिक मेहनत करनी पड़ती है.

अकारण वजन बढ़ना

आयोडीन की कमी की वजह से आपके शरीर की चयापचय क्रिया (Metabolism) कम हो जाता है और इससे भोजन ऊर्जा के रूप में जलने की बजाए शरीर में फैट के रूप में इकट्ठा होने लगता है. इसकी वजह से आपका वजन अकारण ही बढ़ने लगता है.

थकान और कमजोरी रहना

आयोडीन का स्तर कम होने पर आपको हर समय थकान महसूस हो सकती है. आप थका हुआ और कमजोरी महसूस कर सकते हैं. अगर ऐसा हो रहा है तो समझ लें कि आपमें आयोडीन की कमी हो रही है और आपके शरीर को ऊर्जा बनाने के लिए आयोडीन की सख्त जरूरत है.

बाल झड़ने की समस्या

आयोडीन की कमी की वजह से आपके सिर में मौजूद बालों के रोम पूरी तरह से बंद हो जाते हैं. आयोडीन की कमी होने पर यह पुनर्जीवित नहीं हो पाते. अच्छी बात यह है कि आयोडीन की उचित मात्रा लेने से आपके बात एक बार फिर से उगना शुरू हो जाते हैं.

सूखी और परतदार त्वचा

आयोडीन की कमी की वजह से आपकी त्वचा रूखी-सूखी और परतदार हो सकती है. ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि आयोडीन त्वचा की कोशिकाओं को पुन: उत्पन्न करने में मदद करता है. आयोडीन आपको पसीना लाने में मदद करता है और पसीने से त्वचा की कोशिकाओं को हाइड्रेट रखता है. आयोडीन की कमी के कारण आपको पसीना नहीं आता है.

सामान्य से ज्यादा ठंड लगना

आयोडीन हमारे शरीर में गर्मी पैदा करने में मदद करता है. जब शरीर में आयोडीन की कमी हो जाती है तो आपको अधिक ठंड लगती है. आयोडीन हमारे शरीर में थायरॉइड हार्मोन बनाता है और शोध के अनुसार 80 फीसद से ज्यादा लोग जिनका थायरॉइड हार्मोन का स्तर कम है, उन्हें ठंड ज्यादा लगती है.

हृदय गति में परिवर्तन

आयोडीन की कमी की वजह से हृदय की गति धीमी पड़ सकती है. इसके कारण आपको थकान, कमजोरी, चक्कर आना और बेहोशी जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं. हालांकि, आयोडीन का अधिक सेवन करने से हार्टबीट बढ़ भी सकती है.

याद रखने में दिक्कत

किसी भी उम्र में अगर आपको आयोडीन की कमी होती है तो इससे आपके सीखने और याद रखने की क्षमता प्रभावित होती है. ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि आयोडीन की कमी के कारण मस्तिष्क का विकास अवरुद्ध हो जाता है. 1000 से अधिक बालिगों पर किए गए एक अध्ययन के मुताबिक जिन लोगों में थायरॉइड का स्तर अधिक था उन्होंने कम थायरॉइड स्तर वाले लोगों के मुकाबले लर्निंग और मेमोरी टेस्ट में बेहतर प्रदर्शन किया.

गर्भावस्था में समस्याएं

अगर आप गर्भवती हैं या बच्चे को दूध पिलाती हैं तो आपके लिए आयोडीन की उचित मात्रा बहुत जरूरी है, क्योंकि आपको इस मिनरल की बहुत अधिक आवश्यकता है. आयोडीन की कमी की वजह से कई तरह के गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं, जिसमें बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास अवरुद्ध हो सकता है.

भारी या अनियमित पीरियड्स

आयोडीन की कमी की वजह से महिलाओं के मासिक धर्म अनियमित हो सकते हैं या मासिक धर्म के दौरान भारी रक्तस्राव हो सकता है. एक शोध के अनुसार जिन महिलाओं में थायरॉइड हार्मोन कम बनते हैं, उन्हें जल्दी-जल्दी पीरियड्स आते हैं और इस दौरान बहुत भारी ब्लीडिंग होती है.

आयोडीन के स्रोत

हमारे दैनिक भोजन में आयोडीन के स्रोत बहुत ही कम हैं. यही कारण है कि दुनियाभर में आयोडीन की कमी से जूझ रहे लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है. एक व्यक्ति को प्रतिदिन 150 mcg आयोडीन की आवश्यकता होती है. हर एक वयस्क व्यक्ति को इस जरूरत का कम से कम 97-98 फीसद आयोडीन लेना बहुत जरूरी है. हालांकि गर्भवती और बच्चे को दूध पिलाने वाली महिलाओं को अधिक आयोडीन की आवश्यकता होती है. गर्भवती महिलाओं को प्रतिदिन 220 और बच्चे को दूध पिलाने वाली महिलाओं को प्रतिदिन 290 mcg आयोडीन की जरूरत होती है.

आयोडीन की कमी को पूरा करने के लिए आपको अपने भोजन में आयोडीन युक्त नमक का इस्तेमाल करना चाहिए. अगर आपको लगता है कि आपको नमक की कमी है तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें.

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