श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 30 नवंबर 2022। आजादी से पूर्व जब बीकानेर रियासत काल में रेल पटरियों पर दौड़ी तब से श्रीडूंगरगढ़ रेल विकास का गवाह है। तब से अब तक यात्री भार व आय देने में हम आस पास के सभी स्टेशनों से अव्वल है। फिलहाल हाल ये है कि हर एक गाड़ी को यहां बड़ी संख्या में यात्री भार मिल रहा है। दूरंतो जैसी ऐसी व महंगी गाड़ियों में भी खासी सवारियां श्रीडूंगरगढ़ से सफर कर रही है। परंतु फिर भी विकास के लिए तरस रहें हमारे स्टेशन पर रेल विभाग के सौतले व्यवहार के कारण समस्याओं का अंबार लग गया है। कल गुरूवार को रेल विभाग के सक्षम अधिकारी उत्तरी पश्चिमी रेलवे के जनरल मैनेजर सभी रेल विभागों के एचओडी के साथ अपनी स्पेशल ट्रेन में श्रीडूंगरगढ़ रेलवे स्टेशन का निरीक्षण करेंगे। वे दोपहर 1.30 बजे से 3 बजे के बीच आएंगे तथा चुरू से बीकानेर के बीच रेल सेवाओं का जायजा लेंगे। बता देवें रेल विभाग ने श्रीडूंगरगढ़ रेलवे स्टेशन को एनएसजी-5 ग्रेड तो दे दिया है परंतु सुविधाओं के अभाव से क्षेत्र के यात्री समस्याओं से जुझ रहें है। नागरिक व सामाजिक संगठन इन समस्याओं के समाधान की मांग जीएम के सामने उठा सकेंगे।
नहीं है वेटिंग रूम, सर्दी-गर्मी हो या हो बरसात, नहीं है बचने को यहां शेड भी।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। यात्री भार व आय कलेक्शन में टॉप पर होते हुए भी श्रीडूंगरगढ़ रेलवे स्टेशन पर प्रतीक्षालय कक्ष की व्यवस्था भी नहीं है। यहां हरिद्वार की गाड़ी देर रात 12.15 बजे आए या दिल्ली के लिए अलसुबह 6 बजे गाड़ी आएं यात्री खुले में ही बैठने को मजबूर है। अनेक बार ग्रामीण अंचल के बुजुर्ग यात्री हरिद्वार जाने के लिए खुले में गाड़ी का इंतजार करते नजर आते है तो वेटिंग रूम की कमी खासी अखरती है। यहां प्लेटफॉर्म 1 पर मात्र डेढ़ कोच का शेड है जिससे सर्दी-गर्मी हो या हो बरसात यात्रियों के पास धूप, ठंड व बारीश को सहन करने के अतिरिक्त कोई चारा नहीं होता है। यहां वेटिंग रूम निर्माण के साथ 1 नम्बर पर पूरी दूर शेड निर्माण व प्लेटफार्म 2 पर भी शेड को बड़ा करने की नितांत आवश्यकता है।
नीचा प्लेटफॉर्म है जी का जंजाल, नहीं है कोच इंडिकेटर।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। यहां 20 गाड़ियों की आवाजाही रोजाना है व ट्रेंनो के ठहराव का समय 2 से 4 मिनट है। प्लेटफॉर्म नंबर एक अत्यधिक नीचा होने के कारण सीनियर सिटीजन, बीमार व महिलाओं को चढ़ने में बड़ी दिक्कत का अनुभव होता है। कोच इंडिकेटर नहीं होने के कारण भी यात्री इधर उधर भागते नजर आते है जिससे दुर्घटना की आंशका बनी रहती है। कोच इंडिकेटर नहीं होने, प्लेटफॉर्म नीचा होने व ट्रेन के रूकने का समय कम होने के कारण अनेक बार सीनियर सिटीजन अपनी यात्राओं को स्थगित भी कर देते है। अनेक बार बीमार नागरिकों को ट्रेन में बैठने के लिए मश्क्कत करते देखना बड़ा दयनीय प्रतीत होता है।
स्टाफ की कमी के कारण परेशानी झेल रहा आमजन।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। श्रीडूंगरगढ़ रेलवे स्टेशन पर कर्मचारियों की कमी के कारण आमजन खासी परेशानी झेल रहा है। यहां औसतन हर दूसरे दिन तत्काल के यात्री कई घंटे तत्काल टिकिट बनवाने के लिए खड़े रहते है और जनरल यात्रियों की भीड़ के कारण वे बेरंग ही लौट जाते है। उन्हें टिकिट नहीं मिल पाती और वे परेशानी का अनुभव करते हुए बसों में जाने को मजबूर हो जाते है। ऐसे में यहां स्टॉफ की उचित व्यवस्था की मांग कई बार नागरिकों ने उठाई भी है।
पांच साल बाद मिलेगा मौका, उठाएं अपनी समस्या, करें हक की मांग।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। पांच साल में एक बार रेलवे जीएम का निरीक्षण दौरा होता है। 2017 में जीएम श्रीडूंगरगढ़ के दौरे पर आए थे व कल 1 दिसम्बर 2022 के बाद सम्भवतः पुनः पांच साल बाद ही आएंगे। श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र के जागरूक नागरिक अपने क्षेत्र के यात्रियों के लिए सुविधा विस्तार की मांगे उठाएं जिससे रेलवे के ये सक्षम अधिकारी हमें राहत देकर ही जांए। ध्यान रहें एनएसजी-5 में शामिल हमारे स्टेशन को उसकी सुविधाएं प्राप्त नहीं है।