श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 25 जून 2022। श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र में किसानों की समस्याएं हर दिन बढ़ ही रही है और किसान कहीं सुनवाई नहीं होने से परेशान है। यहां पर गत तीन दिनों से सैंकडों किसान सडकों पर सोने को मजबूर है। श्रीडूंगरगढ़ कृषि उपज मंडी में चने की सरकारी खरीद चल रही है एवं खरीद की अंतिम दिनांक 30 जून है। ऐसे में एक ओर जहां क्षेत्र के किसान का बड़ी संख्या में सरकारी खरीद पर अपना चना बेचने के लिए नम्बर आना ही मुश्किल है वहीं दूसरी और जिन किसानों का नम्बर आ गया उन किसानों का भी तीन-तीन दिनों तक माल नहीं तुल पाया है। किसान चना पिकअप गाडियों में डाल कर मंडी के बाहर खुले आसमान में रह रहे है। प्राप्त जानकारी के अनुसार मंडी में खरीद केन्द्र में पहले से खरीदे गए माल का उठाव नहीं होने के कारण टोकन नम्बर वाले किसानों की खरीद रोक दी गई और खराब मौसम का हवाला देते हुए किसानों को अपना माल लेकर मंडी के अंदर भी नहीं आने दिया गया। ऐसे में तीन दिनों में करीब 250 से अधिक किसान अपनी गाडियां लेकर मंडी के बाहर खडे है। हालांकि शुक्रवार को प्रधान पति केसराराम गोदारा मंडी पहुंचे एवं खरीद एंजेसी के अधिकारियों से वार्ता की। अधिकारियों ने आज माल का उठाव हो जाने की जानकारी देते हुए लंबे इंतजार के बाद आज से खरीद शुरू कर दी है लेकिन फिर भी किसानों के मनों में यही सवाल रहा कि आखिर क्यों सरकारी एंजेसियों में आपसी समन्वय की कमी का परिणाम उन्हें ही भुगतना पड़े। विदित रहे कि इस बार किसानों को प्रतिदिन 80 टोकन जारी किए जा रहे है एवं अभी तक 1369 किसानों से 28875.5 क्विंटल माल की खरीद की गई है लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में किसान अपना माल तुलवाने के लिए कतार में लगे हुए है। तुलवाई के लिए तीन दिनों से इंतजार कर रहे किसान बलवीर सिंह जाखासर, बजरंग बिश्नोई सांवतसर, ओम प्रकाश बाना, सीताराम बाना, गजेंद्र सिंह बिका जैसलसर, कालूराम भुआल, तोलाराम सारण मोमासर, उतमनाथ रिड़ी, रामरतन कल्याणसर, भींवराज, रामेश्वरलाल दुसारणा, बनवारी लाल पूनिया मोमासर, मालाराम तोलियासर, राधेश्याम रेगर बिग्गा, लेखनाथ बापेऊ, बद्रीनाथ बापेऊ आदि ने इस अव्यवस्था पर रोष जताया है।