March 28, 2024

श्रीडूंगरगढ टाइम्स 17 अप्रेल 2020। कोरोना वायरस के संक्रमण का प्रभाव तब मामूली हो सकता है जब व्यक्ति का इम्यून सिस्टम मजबूत हो। अपनी प्लेट को खूब सारे फूड्स के साथ भरने से जरूरी नहीं कि इम्यूनिटी मजबूत हो। जो खाते हैं उसके फायदे और नुकसान के बारे में जानना जरूरी है।

www.myupchar.com की डॉ. आकांक्षा मिश्रा का कहना है कि इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता या प्रतिरक्षा है। ये किसी भी प्रकार के रोग पैदा करने वाले बैक्टीरिया, वायरस आदि से शरीर को लड़ने की क्षमता देती है। इम्यूनिटी ही शरीर को बीमारियों से लड़ने की शक्ति देती है। यह सब जानते हैं कि ज्यादा नमक वाले आहार से उच्च रक्तचाप (हाई बीपी) हो सकता है। लेकिन हाल के अध्ययनों में नमक युक्त आहार और कमजोर इम्यून सिस्टम के बीच एक कड़ी का पता चला। नमक का सेवन शरीर के इम्यून की प्रतिक्रिया में बदलाव के साथ जुड़ा हुआ है। यह शरीर में प्रतिरक्षा कोशिकाओं की सक्रियता पर भी प्रभाव डालता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि लोग प्रतिदिन 2.3 ग्राम से अधिक सोडियम का सेवन नहीं करते हैं। यह मात्रा लगभग 5.8 ग्राम नमक के बराबर है, जो एक चम्मच में फिट होगी। अध्ययन यह भी सुझाव देते हैं कि यदि कोई व्यक्ति प्रतिदिन छह ग्राम अतिरिक्त नमक का सेवन करता है, तो इससे इम्यून डिफिशियंसी होगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक दिन में अधिकतम पांच ग्राम नमक के सेवन को सही माना है।

अत्यधिक नमक का सेवन इम्यून सेल्स को कमजोर बना सकता है और इसलिए शरीर में बैक्टीरिया व वायरल के हमलों का खतरा अधिक होगा। इम्यून सिस्टम में असंतुलन पैदा करने के अलावा, अत्यधिक नमक उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, मधुमेह और किडनी की विभिन्न समस्याएं भी बढ़ाता है। ये समस्याएं इम्यून को और कम कर देंगी, जिससे कोरोना वायरस हमले का खतरा बढ़ जाएगा।

www.myupchar.com से जुड़े डॉ. लक्ष्मीदत्ता शुक्ला का कहना है कि शरीर सोडियम का सही स्तर बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत कर खुद को नियमित रखता है। जब बहुत ज्यादा नमक खाते हैं तो शरीर द्वारा बनाए नमक के संतुलन को खो देते हैं। सोडियम का ज्यादा सेवन करने से स्वास्थ्य पर कई तरह से प्रभाव पड़ता है।

रक्तचाप : बहुत अधिक नमक खाना उच्च रक्तचाप से जुड़ा होता है। नमक का सेवन प्रतिदिन 5,000-6,000 मिलीग्राम कम करने से रक्तचाप कम होता है।

हृदय स्वास्थ्य : 
यदि हृदय रोग है, तो अतिरिक्त नमक वॉटर रिटेंशन यानी शरीर के अंगों में पानी के जमाव का कारण बन सकता है। इससे सांस की तकलीफ हो सकती है। ज्यादा नमक का सेवन करने से शरीर में सोडियम का स्तर बढ़ जाता है, जो पानी को उत्तकों में खींच लाता है।

किडनी फंक्शन : अगर  किडनी की बीमारी है, तो आहार में बहुत अधिक नमक तरल पदार्थ बनाए रखता है, जिससे वजन बढ़ने और पेट फूलने लगता है।

मधुमेह : जबकि सीधे रक्त शर्करा से जुड़ा नहीं है, बहुत अधिक नमक खाने से मधुमेह से जटिलताओं का खतरा बढ़ जाता है।

मोटापा : अध्ययनों में पाया गया है कि अत्यधिक नमक के सेवन से मोटापे का खतरा बढ़ जाता है। इसका तर्क यह दिया गया है कि बहुत ज्यादा नमक खाने से प्यास लगती है। प्यास को बुझाने के लिए मीठे पेय का सेवन करते हैं और जरूरत से ज्यादा कैलोरी ले लेते हैं।

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