April 24, 2024

श्रीडूंगरगढ टाइम्स 11 फरवरी 2020। सर्दियों में ठंड लगने से कान में दर्द होने आम बात है। कान का दर्द शरीर में होने वाले उन दर्द में शामिल हैं, जो इंसान को बेचैन करते देते हैं। एम्स के डॉ. अजय मोहन के अनुसार, कान में दर्द का मुख्य कारण संक्रमण होता है। समय रहते इलाज नहीं मिले तो सुनने की क्षमता जा सकती है। कान में संक्रमण के कई लक्षण हैं जैसे – दर्द होना, कान बजना, सिटी की आवाज सुनाई देना, कान में खुजली होना, कान के अंदर की त्वचा लाल होना, सुनने में तकलीफ होना, कान से खून आना, कान से पानी बहना। इसके अलावा कान की समस्या के कारण मरीज को बुखार आ सकता है, उल्टी हो सकती है और चक्कर आ सकते हैं।

सर्दी के दिनों में कान का विशेष ख्याल रखने की जरूरत होती है। ठंड घुसने से दर्द उठ सकता है। सर्दी जुकाम के कारण भी ऐसा होता है। सरसों का तेल गर्म करके कान में डालें। रात में तेल डालने के बाद सुबह कान साफ कर लें। इसी तरह लहसुन का उपयोग किया जा सकता है। लहसुन की एक या दो कलियों को तिल के तेल के साथ गर्म  करें। ठंडा होने पर एक या दो बूंद कान में डालें। प्याज के एंटीसेप्टिक और एंटी बैक्टीरियल गुणों का फायदा भी कान को मिल सकता है। प्याज का रस निकालकर गर्म करें और कान में डालें। नीम और तुलसी की पत्तियों का इसी तरह उपयोग किया जा सकता है। सर्दियों में अदरक कई बीमारियों का इलाज करता है और इसका रस कान दर्द में भी कारगर है।

कान के सफलतापूर्वक आजमाए घरेलू इलाजों में शामिल है सिकाई। गर्म कपड़े या गर्म पानी से सिकाई करें। नमक की पोटली बनागर सिकाई करने से भी फायदा होता है। कान दर्द से बचना है तो सर्दियों में इनका खास ख्याल रखें। अच्छी तरह सफाई करें। नहाने के बाद कान में जमा पानी को जरूर निकालें। सर्द हवा में कानों को ढक कर रखें। धूम्रपान न करें। कान दर्द हो रहा है तो उल्टा लेटने के बजाए सीधी लेटें। इससे काम पर दबाव कम पड़ेगा।

विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ जैसे नींबू, संतरा, पपीता और अमरूद कान दर्द में फायदा पहुंचाते हैं।

छोटे बच्चों के कान में दर्द-  
डॉ. अभिषेक गुप्ता बताते हैं कि निगलने में परेशानी या टॉन्सिलाइटिस के कारण भी कान का दर्द होता है। बच्चों में कान दर्द कई बार गंभीर हो जाता है। यदि कान दर्द के कारण बुखार आ जाए तो डॉक्टर को दिखाना चाहिए। दांतों का संक्रमण कान दर्द का कारण बन सकता है। छोटे बच्चों को नहलाते समय कान का खास ख्याल रखें। शैंपू या साबुन कान में चला जाए तो अच्छी तरह साफ करें। डॉक्टर की सलाह के बाद ही बच्चों के कान में कोई दवा डालें। तेल से मालिश करते समय कानों के आसपास भी अच्छी तरह मालिश करें। नवजात शिशुओं के कान को तेज आवाज से बचाएं। बड़े बच्चे यदि स्वीमिंग पूल में जा रहे हैं तो बाहर निकलने पर कान अच्छी तरह साफ करें।

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