April 23, 2024

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 22 सितम्बर 2022। श्रीडूंगरगढ़ कस्बे की आबादी के आस पास की खातेदारी भूमि को बिना किसी भूमि रूपांतरण के अवैध रूप से कॉलोनियां काट दी गई एवं जरूरतमंद लोगों ने बिना विधिक जानकारी के वहां सस्ते प्लाट खरीद भी लिए व बड़ी संख्या में इन कालोनियों में अपने मकान भी बना लिए है। लेकिन खातेदारी खेतों में कालोनियां विकसित करने वाले प्रोप्रटी डवलपरों ने इन कालोनियों को 90ए के तहत भूमि रूपांतरण नहीं करवाया एवं उन सभी प्लाटों की बतौर कृषि भूमि ही रजिस्ट्रियां छोटे छोटे प्लॉटों करवा दी। भूमि रूपातंरण नहीं होने के कारण इन पर कभी भी प्रशासन की गाज गिर सकती थी और अब वह गाज गिरती नजर आ रही है। प्रशासन ने अब सक्रिय होते हुए इन सभी कालोनियों के खिलाफ कार्रवाई प्रस्तावित कर दी है एवं अभी भी इन कालोनियों को कन्वर्ट नहीं करवाया गया तो इन कालोनियों की भूमि को अराजीराज सरकारी भूमि घोषित किया जा सकेगा। यदि ऐसा हुआ तो इन कालोनियों की भूमि सरकारी एवं यहां बने घर अतिक्रमण माने जाएगें। कस्बा पटवारी शंकरलाल जाखड़ ने बताया कि श्रीडूंगरगढ़ कस्बे के आसपास की भूमि में खसरा नम्बर 967 में 36.69 हैक्टेयर भूमि के खातेदार अन्नाराम, अमित कुमार, गीतादेवी की भूमि को, खसरा नम्बर 978 में रामचंद्र जाट की भूमि को, खसरा नम्बर 970 में अजीज, अलीशेर, इस्लाम की भूमि को, खसरा नम्बर 1074 में ओमप्रकाश जाट, गोपाल प्रजापत की भूमि को, खसरा नम्बर 1174 में देवाराम पुजारी की भूमि को, खसरा नम्बर 1557/980 में मोहम्मद सलीम की भूमि को, खसरा नम्बर 1365/1308 में स्थित एमएम निकेतन लिमिटेड कलकता की भूमि को, खसरा नम्बर 1247/1057 में स्थित रामनिवास जाट की भूमि को, खसरा नम्बर 907 में स्थित अब्दुल गफूर की भूमि को शामिल करते हुए नौ कालोनियों के खिलाफ कार्रवाही की जाएगी। इन नौ में क्षेत्र में काटी गई प्रताप बस्ती में मार्डन स्कूल के पास स्थित गणपति नगर, जैसलसर रोड़ स्थित हनुमान नगर, सरदारशहर रोड़ स्थित देवनारायण कालोनी, सांई नगर, कालेज के पीछे स्थित आदर्श कालोनी भी शामिल है। इन सभी के खिलाफ 175/177 की तहत कार्रवाई प्रस्तावित करते हुए रिपोर्ट कर दी है, अब तहसीलदार द्वारा इन कालोनियों के डवलपर्स को नोटिस दिया जाएगा एवं नियमों की पालना करते हुए भूमि रूपातंरण का मौका भी दिया जाएगा। लेकिन अगर इन्होने भूमि रूपांतरण नहीं करवाया तो इन कालोनियों को अराजीराज घोषित कर दिया जाएगा।

भूमि रूपातंरण होना ही आवश्यक प्रक्रिया है।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। किसी भी कृषि भूमि पर कृषि के अलावा अन्य उपयोग में लेने से पूर्व सरकारी नियमानुसार उसकी अनुमति लेनी पड़ती है एवं भूमि का रूपांतरण करवाना आवश्यक होता है। लेकिन श्रीडूंगरगढ़ में सस्ते प्लाट के चक्कर में भूमाफियाओं द्वारा खातेदारी भूमि के साथ साथ सरकारी भूमि पर भी प्लाट काट कर बेच दिया गए। लेकिन ऐसे में इन प्लाट धारकों के खिलाफ सरकार द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई, खातेदारी निरस्त किए जाने की कार्रवाई की जा सकती है। इसके अलावा किसी भी प्रकार की भूमि का पट्टा बनवाने, किसी भी बैंक से लोन लेने की सुविधा भी इन कालोनियों पर बसे हुए लोगों को नहीं मिलती है। इन कालोनियों के डवलपर्स द्वारा अगर अभी भी 90ए के तहत भूमि रूपांतरण करवा ली जाती है तो प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत इन कालोनियों में बसे लोगों को अपनी जमीन के पट्टे मिल सकेगें।

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