श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 5 सितम्बर 2023। सोमवार को क्षेत्र के विधायक बीकानेर में ऊर्जा मंत्री से मुलाकात करते हैं और किसानों की समस्याओं के बारे में बताते है। इस पर मौके पर ही मंत्री द्वारा एलडी मैसेज के नाम पर कटौती बंद करने के निर्देश भी दिए जाते है एवं जिले भर में मीडिया के माध्यम से इन निर्देशों की खबरों को प्रसारित करवाया जाता है। लेकिन हकीकत मंत्री एवं विधायक के इस दावे से एकदम विपरित है और सोमवार रात को ही एलडी के नाम पर किसानों की बिजली सप्लाई के साथ खिलवाड़ किया गया। यह कोई पहला मामला नहीं है कि जब विद्युत निगम श्रीडूंगरगढ़ में, मंत्री व उच्चाधिकारी सहित सरकार, सभी के आदेशों को हवा में उड़ाते हुए मनमर्जी के आदेश जारी किए जा रहे है। इसी क्रम में एक ओर उदाहरण श्रीडूंगरगढ़ 132 केवी से निकले बींझासर फीडर पर देखने को मिला है। निगम के एसई द्वारा आदेश जारी किए जाते है कि खेतों की ढ़ाणियों में सिंगल फेस सप्लाई लगातार दी जाए। हालांकि इन आदेशों की पालना तो कभी हुई ही नहीं और हर दिन कई-कई घंटे सिंगल फेस सप्लाई काटी जा रही है। ऐसे में भी दुस्साहस की बात तो यह है कि क्षेत्र में एक जेईएन द्वारा लिखित आदेश निकाल कर सहायक अभियंता के निर्देशों पर सिंगल फेस सप्लाई पूरी तरह से बंद करने के निर्देश 33केवी जीएसएसों पर नियुक्त ठेका कार्मिकों को दे दिया जाता है। इस आदेश में बींझासर फीडर पर बने सभी जीएसएसों पर सिंगल फेस सप्लाई शाम 7 बजे से 8.30 बजे तक केवल 1.30 घंटे ही देने एवं इस दौरान भी लोढ़ 5एम्पीयर से अधिक आने पर सप्लाई बंद कर देने के निर्देश दिए गए है एवं यह आदेश नहीं मानने पर नियमानुसार कार्रवाई की चेतावनी भी कार्मिकों को दी जाती है। हालांकि हाथ से लिखे इस आदेश में कोई डिस्पैच नम्बर भी नहीं डाले गए है लेकिन फिर भी बींझासर, गुंसाईसर, लोढ़ेरा, डेलवां आदि गांवों में सिंगल फेस सप्लाई पिछले एक सितम्बर के बाद दी ही नहीं जा रही है। इस आदेश का कारण बींझासर फीडर पर ओवरलोढ़ होना बताया जा रहा है। कारण कुछ भी हो इस प्रकार का आदेश वायरल होना एवं ग्रामीणों को सप्लाई से वंचित रखने के कारण किसानों में खासा रोष व्याप्त है।
बींझासर फीड़र पर ओवरलोढ़ के कारण बार बार श्रीडूंगरगढ़ 132केवी का पूरा सिस्टम ठप्प पड़ रहा था। इसलिए उच्चाधिकारियों के निर्देशों पर सिंगल फेस सप्लाई बंद करने का निर्णय लिया गया है। 5-10 दिनों में स्थिति सुधार होने का अनुमान है।
श्रीनारायण शुक्ला, जेईएन।