May 1, 2024

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 21 फरवरी 2023। राज्य सरकार द्वारा प्रशासन शहरों के संग अभियान चलाया गया इस लक्ष्य के साथ कि पुराने बसे हुए लोगों को पट्टे मिल सके और नगर निकायों की आय भी हो सकें जिससे शहरी क्षेत्र में विकास के नए कार्य हो सकें। पूरे राज्य में भले ही सरकार के लक्ष्य अनुसार पट्टे बनाने का क्रम चल रहा हो लेकिन श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र में नगरपालिका केवल विवादों में ऐसी उलझी की ना तो क्षेत्रवासियों को पट्टे मिल पाए और ना ही सरकार को आय हो पाई। प्रशासन शहरों के संग अभियान आगामी मार्च में समाप्त होना है और अगर अब भी पालिका प्रशासन जागे और शहर के चारों और कुकुरमुत्तों की तरह विकसीत हुई कृषि भूमि की कालोनियों में पट्टे जारी कर दे तो जनता को राहत एवं पालिका को आय दोनों हो सकेंगे। आप भी विस्तार से पढें श्रीडूंगरगढ़ प्रशासन को जगाती हुई श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स की यह विशेष रिपोर्ट।
शहर के चारों और अवैध कालोनियां, 119 खसरों में बन सकते है पट्टे।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। श्रीडूंगरगढ़ शहर के चारों और कृषि भूमियों पर आवासीय प्लाटिंग कर दी गई है एवं धीरे धीरे इन कृषि भूमियों पर लोगों की आबादी पूरी तरह से बस चुकी है। हालांकि कुछ कालोनाईजरों द्वारा तो 90ए, 90बी के तहत प्लाटिंग की गई है तो उन कालोनियों में तो पट्टे मिल रहे थे। लेकिन अधिकांश कालोनियां आज भी सीधे कृषि भूमि की रजिस्ट्री के रूप में ही चल रही है। इन कालोनियों को किसी बड़े प्रोप्रटी डवलपर ने विकसित नहीं की बल्कि खेत मालिकों ने ही धीरे-धीरे प्लॉट काट दी। श्रीडूंगरगढ़ शहरी सीमा में ऐसे 119 खसरों की भूमि का उपयोग कृषि के बजाए आवासीय व व्यवसायिक हो रहा है। इन खसरों में नगरपालिका प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत पट्टे जारी कर सकता है। राजस्व प्रशासन द्वारा भी इन खसरों पर ध्यान दिया गया है एवं सभी नोटिस देकर स्टे कर दिया गया है।

सरकारी भूमि की बंदरबांट, इधर भी ध्यान दो सरकार।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। श्रीडूंगरगढ़ नगरपालिका क्षेत्र में नगरपालिका की सरकारी भूमि पर कब्जे करने, कब्जे बेचने, येन केन प्रकारेण पट्टे बनवा लेने का दौर तो श्रीडूंगरगढ़ नगरपालिका में जोरों शोरों पर चल रहा है। यह सुविधा भी राजनैतिक रूप से सक्षम लोगों द्वारा ही ली जा रही है। लेकिन क्षेत्र के जन सामान्य इन भूमियों का पट्टा बनने में आनी वाली अड़चनों के कारण और पट्टा बनने से पहले अतिक्रमण ही माने जाने, प्रशासन द्वारा समय समय पर अतिक्रमण हटाने के प्रयास करने आदि कारणों से पालिका भूमि पर कब्जा करने, उसे लेने, देने से बच ही रहे है। इस कारण ही कस्बे के आस पास के खेतों की कृषि भूमियों पर आवासीय प्लाटिंग हो गई है एवं क्षेत्र के आम जन वहां अपना मकान भी बना रहे है। ऐसे में इस ओर ध्यान दिया जाए तो प्रशासन शहरों के संग अभियान के पट्टे जारी करने का लक्ष्य, जनता को पट्टेशुदा भूमि का हक एवं नगरपालिका को आय, यह तीनों लक्ष्य ही साधे जा सकते है।
राजस्व प्रशासन आक्रामक रवैए पर, मिल सकेगी राहत।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। कृषि भूमि को बिना रूपांतरित किए गए गैर कृषि कार्य में उपयोग लेना नियमानुसार अपराध है एवं इस अपराध की सजा इन खेतों की खातेदारी निरस्त कर अराजीराज भूमि घोषित किया जा सकता है। श्रीडूंगरगढ़ शहर के चारों और बसी इन कालोनियों पर भी राजस्व प्रशासन का रवैया इन दिनों आक्रामक देखा जा रहा है। सिटी पटवारी की रिपोर्ट पर तहसीलदार एवं उपखण्ड अधिकारी द्वारा इन कालोनियों के खसरा नम्बरों में से सर्वे कर कईयों को नोटिस जारी कर स्टे दे दिया गया है। इन सभी खसरा नम्बर वाली कृषि भूमि के मालिकों से जवाब पेश करने को कहा गया है एवं इसके अभाव में उनकी खातेदारी निरस्त करने की कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी। हाल ही में सिटी पटवारी द्वारा श्रीडूंगरगढ़ रोही में खसरा नम्बर 1108, 1251/1109, 1727/1710, 1730/1701, 1644/1598, 1641/1291 एवं सालासर रोही में 600/584, 818/814, 529/127, 533/125 के लिए नोटिस जारी किए गए है।

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