गर्व- 8 महीने की गर्भवती सहित क्षेत्र के कोरोना योद्धा जो जान की बाजी लगा रहे हैं। शर्मनाक- न्यूनतम मजदूरी के साथ कोई साधन-सुविधा भी नहीं।

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 21 सितबंर 2020। ये हैं कोरोना योद्धा के सम्मान के असली हकदार है, जिन्हें कोई साधन नहीं, सुविधा नहीं और जिम्मेदारी सबसे अधिक दी गई है। जाने एक ऐसी योद्धा को जिसकी मात्र 15 दिन बाद डिलेवरी होने वाली है और रोजाना जा रही है कोरोना संक्रमितों की स्क्रीनिंग करने।
आज हम क्षेत्र के लिए कोरोना वॉल बनकर खड़े एक ऐसे वर्ग की बात कर रहें है जो कोरोना महामारी के काल में सरकार और विभाग के फ्रंट फुट के सैनिक साबित हो रहें है। संक्रमण रोकथाम में सर्वाधिक जिम्मेदारी इन्हें सौंपी गई है और मेहनताना दिया जाता है मात्र 6 हजार 800 रूपए। हमारे क्षेत्र में आए दिन घर-घर सर्वे करने वाले ये सभी एएनएम वर्ग जो कई बार सरकार से वेतन बढाने की मांग भी कर चुके है, आंदोलन कर चुके है पर सरकार के लिए शर्मनाक है कि उसकी नजर इन कोरोना योद्धाओं पर गई ही नहीं है। आज जब इस मेहनताने में किसी दुकान पर कोई लेबर भी काम नहीं करते और क्षेत्र में चिकित्सा विभाग के एएनएम जुटें कोरोना को रोकने में। और फ्रंट फुट के सभी सैनिक एएनएम के साथ अपने समर्पण भाव से कोरोना से लड़ने में अपना योगदान दे रही है गांव ठुकरियासर की एएनएम गोगादेवी कड़वासरा। गोगा की डिलेवरी में मात्र 15 दिन शेष है उनकी डॉक्टर द्वारा दी गई डिलेवरी तारीख 5 नवम्बर है। गोगा की ड्यूटी लगी है कोरोना के सबसे खतरनाक स्थानों पर कोरोना संक्रमितों के बीच। गोगा रोजाना उनकी कोरोना संक्रमितों की स्क्रीनिंग करने जाती है। गोगा के पति कृषि मंडी में ड्राइवर पद पर कार्यरत है और दोनों मिलजुल कर अपनी गृहस्थी चला रहे है। ये आज के युग की आवश्यकता भी है और जरूरत भी। गोगा को कोरोना वॉरियर्स का कोई अवार्ड नहीं मिला है परन्तु वे ठुकरियासर से रोजना सुबह श्रीडूंगरगएढ आती है और बाजार में बस से उतर कर पैदल ही कोरोना संक्रमितों के चिन्हित मकानों तक जाती है वहां मरीज की स्क्रिनिंग कर रिपोर्ट बना कर शाम को अपने गांव के लिए वापस लौट जाती है। जो विभाग बार बार कह रहा कि गर्भवती महिलाऐं कोरोना संक्रमण से बचें उस विभाग को गोगा का संघर्ष दिखाई नहीं दे रहा है। गोगा सहित सभी एएनएम को कोई वाहन सुविधा भी विभाग ने नहीं दी है जिससे वह क्षेत्र में कोरोना संक्रमितों के यहां घूम सकें। गोगा पैदल ही सारा कस्बा नापती है और नवें माह में अपनी इस मेहनत से अपने विभाग के लिए ही नहीं वरन सभी के लिए एक मिसाल कायम कर रही है। विभाग या सरकार के लिए शर्मनाक है कि किसी संविदा कर्मी की जान से खिलवाड़ कर रही है। सरकार इन्हें जो वेतन दे रहा है वह भी शर्मनाक है और इन्हें कोई सुविधा नहीं देना भी शर्मनाक है। श्रीडूंगरगढ टाइम्स को गोगा के विषय में कोरोना संक्रमित एक जागरूक पाठक ने जानकारी दी और हमारी छानबीन में वास्तव में रोजी-रोटी के लिए गोगा का संघर्ष प्ररेणादायी महसूस हुआ जिसे सभी पाठकों को भी जानना चाहिए। श्रीडूंगरगढ टाइम्स की टीम सलाम करती है मेहनत के इस जज्बे को और इस सच्ची कोरोना योद्धा को। संभवत यह देश ऐसे कर्मवीरों के कंधों पर ही टिका हुआ है।

“हमारा संगठन लगातार सरकार से वेतन बढोतरी व ओल्ड पेशंन योजना लागू करने की मांग के लिए संघर्ष कर रहा है। महामारी काल के इस दौर में हमारा वर्ग ही कोरोना से सीधे दो-दो हाथ करने में जुटा है बावजूद इसके हमारी कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। सरकार को अब इस वर्ग के हितों के लिए भी सोचना होगा।” नवीन महला, श्रीडूंगरगढ अध्यक्ष। (राजस्थान राज्य नर्सेज एसोशिएशन एकीकृत)

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। गोगादेवी कड़वासरा सोमवार को वार्ड 30 में टीकाकरण करते हुए।

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। गोगादेवी कस्बे के कोरोना संक्रमित की जांच करने रोजाना पैदल उनके घरों तक जा रही है।