श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 28 जून 2019। श्रीडूंगरगढ़ तहसील क्षेत्र में विद्युत हादसों के बाद ग्रामीणों में रोष बढता ही जा रहा है। गत दिनों गांव लिखमीसर में जेईएन को बंधक बनाने के बाद शुक्रवार को गांव रीड़ी में ग्रामीणों ने जीएसएस का दिन भर घेराव रखा। गुरूवार रात्रि करीब 10 बजे गांव के रामनिवास नैण के खेत की सींव पर जमीन से केवल 7-8 फीट की ऊंचाई पर झूलते 11 हजार वोल्टेज के तारों की चपेट में आने से ग्रामीण तारनाथ सिद्ध की एक ऊंटनी की मृत्यू हो गई थी। हादसे के बाद से सप्लाई भी बंद हो गई व सप्लाई दुरूस्त करवाने के लिए मौका मुआयना करने गांव पहुंचें जेईएन मुकेश मालू के सामने ग्रामीणों ने जबरदस्त रोष जताया। ग्रामीणों ने मालू का जीएसएस में घेराव कर लिया व मांगें नहीं मानने तक वहां से लौटने नहीं दिया। ग्रामीणों का आक्रोश देख पुलिस को भी मौके पर बुलाया गया लेकिन ग्रामीण अड़े रहे व सुबह 10 बजे गांव पहुंचें जेईएन को शाम 4.30 बजे तक वहीं रोके रखा। दिन भर चले आक्रोश के घटनाक्रम के बाद इस सप्लाई लाईन में 55 नए पोल लगाने, सांड के मालिक को मुआवजा दिलवाने, जीएसएस पर विभागीय कार्मिक की नियुक्ति करने व लापरवाही के दोषी कार्मिकों के खिलाफ कार्यवाही करने की बात पर समझौता हुआ। हालांकी यह आश्वासन जेईएन ने घेराव करते ही दे दिए थे लेकिन ग्रामीण शुक्रवार से ही काम शुरू करवाने की मांग पर घेरे बैठे रहे। बाद में सहायक अभियंता, अधिषाशी अभियंता ने भी फोन पर ग्रामीणों से बातचीत की एवं शुक्रवार को ही कार्यादेश जारी करते हुए विद्युत लाईनें ऊंची करने के लिए श्रीडूंगरगढ़ स्थित विद्युत भंडार से 55 पोल रवाना करने की बात कही। इसके बाद ग्रामीणों ने जेईएन को जीएसएस से रवाना होने दिया। ग्रामीणों की अगुवाई करते हुए हेतराम जाखड़, मदनलाल जाखड, रामनिवास नैण, तारनाथ सिद्ध, गणेश जाखड, भानीनाथ आदि ने ग्रामीणों की आवाज बुलंद की।
1985 को बनाई गई लाईन, पूर्व में भी हो चुके थे हादसे।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। करीब 35 वर्ष पूर्व रिड़ी जीएसएस से गांव अभयसिंहपुरा को जोडने के लिए यह लाईन बनाई गई थी। और करीब आठ वर्ष पूर्व अभयसिंहपुरा में नया जीएसएस बनने से इस लाईन में केवल कृषि कुंओं के कनेक्शन रह गए। पुरानी लाईन होने के कारण इस पूरी लाईन के तार लंबे समय से नीचे झूलने लगे है एवं 11 हजार वोल्टेज के तारों की जमीन से ऊंचाई केवल सात-आठ फीट ही रह गई है। ऐसे में इस लाईन से पूर्व में भी हादसे हो चुके है व ग्रामीणों ने कई बार विभागीय अधिकारियों से लाईन को ऊंचा करने के लिए बीच बीच में विद्युत पोल लगाने की मांग की है। लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण हादसे दर हादसे हो रहे है व ग्रामीणों का भी अब हादसो के बाद सब्र का बांध टूट रहा है। अभी तक अपनी समस्याओं को केवल मांग के रूप में रखने वाले ग्रामीण अब आक्रोशित होकर विद्युत विभागीय अधिकारियों को बंधक बनाने, घेराव करने जैसे कदम उठाने लगे है। ऐसे में क्षेत्र में लगातार बढ़ रहे आक्रोश के कारण कानून व्यवस्था भंग ना हो इसलिए जरूरी है कि विद्युत विभाग द्वारा पूरे क्षेत्र का सर्वे करवा कर लाईनों की कमियों को दुरूस्त किया जाए।