श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 30 अगस्त 2022। कई किलोमीटर तक गौवंश के फैले हुए शव, अधखाये शवों पर श्वानों और कीड़ो के घर, सड़कों को पार कर बस्ती तक आ रही बदबू, ये दृश्य श्रीडूंगरगढ़ शहर में कालू रोड पर तो नजर आ ही रहा है और करीब हर गांव का यही हाल हो गया है। मृत गौवंश को उठाने के लिए मुंहमांगी कीमत मांगते श्रमिक, दो दो दिन शव नहीं उठ पाने से आहत नागरिक और कमतर संसाधनों में पस्त प्रशासन ने गौवंश की स्थिति दयनीय नहीं द्रवित करने वाली हो गयी है। निजी चिकित्सकों से प्राप्त जानकारी के अनुसार क्षेत्र में अब 90 प्रतिशत से अधिक गौवंश लंपी ग्रस्त है और मौतों का आंकड़ा सैंकड़ो को पार कर गया है। ऐसे में सरकार व प्रशासन के भरोसे गौवंश को छोड़ देना हमारे क्षेत्र की पहचान के अनुकूल कतई नहीं है। बता देवें अब वक्त आ गया है कि हर घर गौवंश को बचाने में अपनी भागीदारी निभाए। आज से श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स भी ग्राउंड जीरो से रिपोर्ट आप सब पाठकों तक पहुंचाएगा।
ठेकेदार नहीं उठाना चाहते, सरकार द्वारा कोई मदद नहीं।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। किसी बीमारी को जब महामारी घोषित किया जाता है तो उस पर खर्च करने के लिए बड़ा बजट दिया जाता है। लंपी को लेकर राज्य सरकार केंद्र को महामारी घोषित करने को कह रही है और केंद्र अपने स्तर पर कार्य करने की सलाह दे रहा है। ऐसे में पालिकाओं या ग्राम पंचायतों के पास इस मद में कोई पैसा नहीं है। ठेकेदार जब मृत पशुओं का ठेका लेता है तो वह टेंडर के रुपए सामने से पालिका को जमा देकर आय देता है। लंपी में मृत शव की खाल या हड्डियां काम नहीं आ सकती क्योंकि सरकार इसे दफनाने की गाइडलाइन जारी कर रही है। परंतु केवल गाइडलाइन जारी करने से धरातल पर कार्य नहीं हो सकता वो भी तब जब हर कोई यहां आपदा में अवसर ढूंढता है। कांग्रेस के गुजरात प्रभारी रघु शर्मा ने रविवार को वीसी में कृषि पशुपालन विभाग के मंत्री लालचंद कटारिया को घेरा और शर्मा ने माना कि गौवंश मर रहा है। उन्होंने अपने क्षेत्र से पशु चिकित्सा कर्मियों को डेपुटेशन पर जोधपुर भेजें जाने का विरोध जताया।
पशुधन सहायकों की हड़ताल बनी कोढ़ में खाज, आमजन में हो रही है निंदा।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। राज्य भर में अपनी 11 सूत्रीय मांगो को मनवाने के लिए पशुधन सहायकों ने सोमवार को हड़ताल कर दी है। आज पहले ही दिन हालात कोढ में खाज की तरह बड़ी परेशानी खड़ी करने वाले सामने आए है। क्षेत्र भर में पशुधन सहायकों ने किसी पशुपालक के पशु को नहीं देखा और हड़ताल पर होने की बात कही। बता देवें विभाग के ब्लॉक पशुचिकित्सा अधिकारी ने आपणों गांव सेवा समिति को दो पशुधन सहायकों की सेवाएं दे रखी थी परंतु आज उनके द्वारा हड़ताल पर होने के कारण केवल शहर में 150 से अधिक पशुओं को ईलाज नहीं मिल पाया है। ग्रामीण इलाकों में पशुपालक बुरी तरह से परेशान हो रहें है। लंपी के कहर के इस कठिन समय में संघ के इस निर्णय की आमजन में निंदा हो रही है। नागरिकों का कहना है कि ऐसे समय में हड़ताल करना आपदा में अवसर तलाशने जैसा है।
आए कटारिया पर किसी ने नहीं उठाया मुद्दा।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। आज कृषि व पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया सोमवार को श्रीडूंगरगढ़ पहुंचे परंतु किसी ने लंपी वायरस को लेकर मुद्दा नहीं उठाया। पशुधन की हालत या पशुधन सहायकों की हड़ताल को लेकर किसी ने मंत्री से चर्चा तक नहीं की। बता देवें कई गौसेवक स्थानीय नेताओं व प्रशासन को इस बारे में लापरवाह होने का आरोप भी लगा रहें है।