April 19, 2024

श्रीडूंगरगढ टाइम्स 14 नवबंर 2019। हमारे क्षेत्र में हर साल शुगर के मरीज भारी संख्या में बढ रहें है। तेजी से बदलती जीवनशैली, तनाव, डिप्रेशन और चिंता ने तमाम बीमारियों को जन्म दिया है और उन्ही में से एक गंभीर बीमारी है जिसे मधुमेह या आम भाषा में शुगर की बीमारी भी कहा जाता है। यह एक ऐसी बीमारी है जो सिर्फ बड़ों को ही नहीं बच्चोंक को भी तेजी से अपना शिकार बना रही है। भारत को डायबिटीज की राजधानी कहा जाने लगा है वहीं हमारे राजस्थान में हालांकि हरियाणा से डायबिटीज ग्रोथ कम है परंतु चिंतनीय अवश्य है। बीकानेर जिले में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ रही है।
हमारे श्रीडूंगरगढ में भी यह बीमारी लगातार पैर पसार रही है। प्रतिवर्ष मरीजों की संख्या में 17% बढ़ोतरी हो रही है। आज विश्व मधुमेह दिवस पर राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर मधुमेह के प्रति जागरूकता बढाने के लिए कई कार्यकमों का आयोजन किया गया। केन्द्र पर आज 120 रोगियों की शुगर व बीपी जांची गई। मधुमेह के रोगियों में जागरूकता के लिए एन.सी.डी. प्रभारी एस.के बिहानी ने मधुमेह रोग से संबंधित पोस्टर का विमोचन किया। डॉ. बिहानी ने बचाव के उपाय बताते हुए स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की बात कही व शुगर के खतरों के बारे में जानकारी दी। विद्यार्थियों द्वारा मधुमेह जागरूकता रैली निकाली गयी। मधुमेह रोग से संबंधित प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न विद्यालयों के बच्चों ने भाग लिया। प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय, तृतीय आने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया।
आइये जाने इस बीमारी के बारे में–
मधुमेह क्या है
जब हमारे शरीर की अग्न्याशय में इंसुलिन का स्त्राव कम हो जाने के कारण खून में ग्लूकोज स्तर समान्य से अधिक बढ़ जाता है तो उस स्थिति को डायबिटीज कहा जाता है। इंसुलिन एक हॉर्मोन है जो पाचक ग्रन्थि द्वारा बनता है और जिसकी जरूरत भोजन को एनर्जी बदलने में होती है। इस हार्मोन के बिना हमारा शरीर शुगर की मात्रा को कंट्रोल नहीं कर पाता है। इस स्थिति में हमारे शरीर को भोजन से ऊर्जा लेने में काफी कठिनाई होती है। जब ग्लूकोज का बढ़ा हुआ लेवल हमारे रक्त में लगातार बना रहता है तो यह शरीर के कई अंगों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है जिसमें आंखें, मस्तिष्क, हृदय, धमनियां और गुर्दे प्रमुख हैं।
डायबिटीज के लक्षण
• बार-बार पेशाब का आना
• आंखों की रोशनी कम होना
• ज्यादा प्यास लगना
• कमजोरी महसूस होना
• कोई भी चोट या जख्म देरी से भरना
• रोगी के हाथों, पैरों और गुप्तांगों पर खुजली वाले जख्म
• स्कि‍न पर बार बार इन्फेक्शन होना और बार-बर फोड़े-फुंसियां निकलना
• भूख ज्यादा लगना
• ज्यादा खाना खाने के बाद भी रोगी का भार कम होना
• चक्कर आना और हृदय गति अनियमित होने का खतरा
• किडनी खराब होना
डायबिटीज के कारण–
• आनुवांशिक – डायबिटीज एक अनुवांशिक रोग है यानी अगर किसी के माता पिता को डायबिटीज है तो उनके बच्चों को भी मधुमेह होने की सम्भावना ज्यादा होती है।
• खान पान और मोटापा – जंक फ़ूड या फास्ट फूड खाने वाले लोगों में मधुमेह की सम्भावना ज्यादा पाई जाती है क्योकि इस तरह के खाने में वसा ज्यादा पाया जाता है जिससे शरीर में कैलोरीज की मात्रा जरूरत से ज्यादा बढ़ जाती है और मोटापा बढ़ता है। इसके कारण इन्सुलिन उस मात्रा में नहीं बन पाता जिससे शरीर में शुगर लेवल में बढ़ोतरी होती है।
• ज्यादा शारीरिक श्रम न करना
• मानसिक तनाव और डिप्रेशन
• गर्भावस्थाज्यादा दवाइयों के सेवन
• ज्यादा चाय, दूध, कोल्ड ड्रिंक्स और चीनी वाले खाने के सेवन
• धूम्रपान और तम्बाकू का सेवन
मधुमेह का उपचार कैसे करें–
1. मधुमेह रोगी में आंखें कमजोर होने की आशंका लगातार बनी रहती है। यदि आप चाहते हैं कि मधुमेह के दौरान आपकी आंखों पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े तो आपको गाजर-पालक का रस मिलाकर पीना चाहिए। इससे आंखों की कमजोरी दूर होती है।
2. मधुमेह के रोगी को तौरी, लौकी, परमल, पालक, पपीता आदि का सेवन अधिक से अधिक मात्रा में करना चाहिए।
3. मधुमेह के दौरान शलगम के सेवन से भी रक्त में स्थित शर्करा की मात्रा कम हो जाती है। शलगम को न सिर्फ आप सलाद के जरिए बल्कि शलगम की सब्जी, परांठे आदि चीजों के रूप में भी ले सकते हैं।
4. जामुन मधुमेह रोगियों के लिए रामबाण है। मधुमेह रोगियों को जामुन को अधिक से अधिक मात्रा में सेवन करना चाहिए। जामुन की छाल, रस और गूदा सभी मधुमेह के दौरान बेहद फायदेमंद हैं।
5. जामुन की गुठली को बारीक चूर्ण बनाकर रख लेना चाहिए। दिन में दो-तीन बार, तीन ग्राम की मात्रा में पानी के साथ सेवन करने से मूत्र में शुगर की मात्रा कम होती है। यानी सिर्फ जामुन ही नहीं बल्कि जामुन की गुठली भी मधुमेह के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद है।
6. करेले का कड़वा रस मधुमेह रोगियों में शुगर की मात्रा कम करता है। मधुमेह के रोगी को इसका रस रोज पीना चाहिए। शोधों में भी साबित हो चुका है कि उबले करेले का पानी, मधुमेह को जल्दी ही दूर करने की क्षमता रखता है।
7. मेथी दानों का चूर्ण बनाकर प्रतिदिन खाली पेट दो चम्मच चूर्ण पानी के साथ लेना चाहिए। ये मधुमेह रोगियों के लिए बहुत लाभाकरी है।
8. शुगर कम करने का उपाय है त्रिफला एक गिलास गरम पानी के साथ एक चम्मच पाउडर का सेवन करें।
9. विजयसार पेड़ की छाल मधुमेह रोगियों के लिए वरदान से काम नहीं है। इसकी छाल का पाउडर बना के गरम पानी के साथ सेवन करें।

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