प्रशासन की उदासीनता का शिकार हुआ गांव बिग्गाबास रामसरा का सौहार्द। सार्वजनिक भूमि को मुक्त करवाने के लिए लड़नी पड रही है रिटार्यड फौजी को लंबी लडाई।

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 14 अप्रेल 2020। क्षेत्र के हर गांव में स्थाई रूप से एक समस्या सामने आती है और वह है अतिक्रमण की, लेकिन समस्या खडी होने के साथ साथ प्रशासन द्वारा लगातार अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही से समस्या का समाधान करना भी हम सभी को देखने को मिल ही जाता है। श्रीडूंगरगढ़ तहसील के गांव बिग्गाबास रामसरा में इस अतिक्रमण की बीमारी का इलाज करने के संबध में प्रशासन की उदासीनता ने पूरे गांव का सौहार्द समाप्त कर दिया है। अतिक्रमण हटाने एवं करने के विवाद में गांव में दो पक्षों में सोमवार रात्रि को जम कर झगडा हुआ एवं पूरे गांव में तनाव का सन्नाटा पसर गया। मौके पर बंदुक से फायर भी हुए और बंधक बना कर मारपीट भी की गई। प्रशासन की लापरवाही के कारण आज गांव के हालात यह है कि गांव में कभी भी कोई भी बडी वारदात हो सकती है। गांव में कई गुट बन गए है एवं इन गुटों में आपसी तनाव के कारण गांव में आए दिन मुकदमेबाजी हो रही है। गांव में हो रहे अतिक्रमणों को हटाने की मुहिम चला कर गांव में शांति व्यवस्था स्थापित करता है या प्रशासन का लचर रवैया गांव में अभी और कानून व्यवस्था के बिगड़ने का इंतजार करता है यह तो भविष्य के गर्भ में ही छिपा है।
रिटार्यड फौजी को लड़नी पड रही है सिस्टम से लड़ाई।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। अमर शहीद कैप्टन चंद्रचौधरी के पैतृक गांव एवं श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र में सर्वाधिक सैन्यकर्मी देने वाला गांव बिग्गाबास रामसरा का नाम देशसेवा के लिए पूरे क्षेत्र में सम्मान के साथ लिया जाता है। लेकिन इसी गांव में एक रिटार्यड फौजी को देश के लिए लड़ने के बाद अब अपने सम्मान के लिए लडना पड़ रहा है। गांव में सेवानिवृत फौजी 61 वर्षीय कानाराम ओला ने अपने पडौसी द्वारा घर के आगे की जलदाय विभाग की भूमि, पंचायत की भूमि पर किए गए अतिक्रमण की शिकायत तीन वर्षों में सैंकडों बार प्रशासन से की है। ओला ने ग्राम पंचायत से लेकर जिला कलेक्टर तक, जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों तक अपनी बात पहुंचाई एवं गांव में सार्वजनिक भूमि पर हो रहे अतिक्रमण हटाने की मांग की। लेकिन प्रशासन द्वारा बात को गंभीरता से लेने के बजाए मामले को लटकाया गया और अतिक्रमियों द्वारा लगातार दी गई धमकियों के चलते रिटार्यड फौजी को सैनिक कल्याण बोर्ड में भी सुरक्षा व सम्मान दिलवाने के लिए पत्र देना पड़ा। सोमवार रात्रि को हुए झगडे में भी अतिक्रमणकारियों द्वारा कानाराम फौजी को बंधक बना कर पीटा गया। अब देखना यह है कि देश पर बलिदान देने के लिए तैयार रहने वाले फौजियों के सम्मान में स्थानीय प्रशासन कितना गंभीर है।
तीन सालों में सैंकडों शिकायतों के बाद भी कार्यवाही नहीं हुई तो पूरे गांव में बना अतिक्रमण का माहौल।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। मर्ज को समझाा नहीं तो बढता गया रोग, ऐसा ही देखने को मिला है गांव बिग्गाबास रामसरा में। यहां पर तीन वर्षों में सैंकडों बार शिकायतें करने के बाद भी प्रशासन ने जब अतिक्रमण हटाने एवं नहीं होने देने का प्रयास नहीं किया तो पूरे गांव में ही अतिक्रमण का माहौल बन गया है। हालात यह है कि अतिक्रमण हटाने के जिम्मेवार ग्राम पंचायत सरपंच लिच्छूराम जाखड़ के स्वंय के घर के आगे 24 फीट चौडी गली अब केवल 12 फीट चौडी ही बची है। ऐसे में पूरे गांव में लगातार हो रहे अतिक्रमणों पर प्रशासन आंखें मूंदे ही रहेगा तो यह प्रशासन की निष्ठा पर बडा सवाल खड़ा कर रहा है।
टीम भेजी है, रिपोर्ट आने के बाद कार्यवाही करेगें।
बिग्गाबास रामसरा में टीम भेजी गई है एवं टीम द्वारा मौके पर अतिक्रमण की पैमाईश की जा रही है। टीम की रिपोर्ट के बाद अतिक्रमण पाया गया तो अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही भी करवाई जाएगी। प्रथम दृष्टया जानकारी में आया है कि दोनो पक्षों द्वारा अतिक्रमण किया हुआ है। दोनो ही पक्षों से अतिक्रमण हटवाया जाएगा।
सुनिल कुमार छाबडा, विकास अधिकारी, श्रीडूंगरगढ़।