श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 28 दिसम्बर 2021। श्रीडूंगरगढ़ वासी व कटक प्रवासी भीखी देवी सिंघी पत्नी स्व. मेघराज सिंघी ने अपने मरने के बाद भी किसी और की जिंदगी में उजाला भर दिया है। 72 वर्षीय भीखी देवी के पुत्र टेक्सटाइल मर्चेंट एसोसिएशन कटक के अध्यक्ष हनुमानमल तथा सूरज व मनोज सिंघी ने अपनी माता मरणोपरांत मानव सेवा में ये निर्णय लिया। भीखी देवी का निधन आज सुबह करीब पौने ग्यारह बजे हुआ तथा तेरापंथ युवक परिषद कटक के सहयोग से परिजनों ने किसी जरूरतमंद के लिए उनकी आंखों का दान दृष्टि दान आई हॉस्पिटल में कर दिया। हनुमानमल सिंघी ने बताया कि मातृत्व की छाया देने वाली उनकी माता सदैव मानव सेवा में विश्वास करती थी और नेत्रदान द्वारा मानव सेवा में मरणोपरांत भी उन्होंने अपना योगदान दर्ज करवाया है। समाजसेवी मोहनलाल सिंघी ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि नेत्रदान की सभी भ्रांतियों को तोड़ते हुए भाभी ने मानव सेवा की प्रेरणा दी है। श्रीडूंगरगढ़ से सिंघी परिवार के परिचित उन्हें सांत्वना दे रहें है तथा नेत्रदान के निर्णय की सराहना भी कर रहें है।