श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 21 अप्रैल 2021। 🚩श्री गणेशाय नम:🚩
शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।
नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।
योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।
*करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।
इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना, पढ़ना चाहिए ।
📜 आज का पंचांग 📜
☀ 21 – Apr – 2021
☀ Sri Dungargarh, India
☀ पंचांग
🔅 तिथि नवमी 24:37:06
🔅 नक्षत्र पुष्य 07:59:13
🔅 करण :
बालव 12:47:29
कौलव 24:37:06
🔅 पक्ष शुक्ल
🔅 योग शूल 18:41:49
🔅 वार बुधवार
☀ सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएँ
🔅 सूर्योदय 06:03:36
🔅 चन्द्रोदय 12:56:59
🔅 चन्द्र राशि कर्क
🔅 चन्द्र वास उत्तर
🔅 सूर्यास्त 19:02:23
🔅 चन्द्रास्त 26:55:00
🔅 ऋतु ग्रीष्म
☀ हिन्दू मास एवं वर्ष
🔅 शक सम्वत 1943 प्लव
🔅 कलि सम्वत 5123
🔅 दिन काल 12:58:47
🔅 विक्रम सम्वत 2078
🔅 मास अमांत चैत्र
🔅 मास पूर्णिमांत चैत्र
☀ शुभ और अशुभ समय
☀ शुभ समय
🔅 अभिजित कोई नहीं
☀ अशुभ समय
🔅 दुष्टमुहूर्त 12:07:01 – 12:58:57
🔅 कंटक 17:18:32 – 18:10:27
🔅 यमघण्ट 08:39:21 – 09:31:16
🔅 राहु काल 12:32:59 – 14:10:20
🔅 कुलिक 12:07:01 – 12:58:57
🔅 कालवेला या अर्द्धयाम 06:55:31 – 07:47:26
🔅 यमगण्ड 07:40:56 – 09:18:17
🔅 गुलिक काल 10:55:38 – 12:32:59
☀ दिशा शूल
🔅 दिशा शूल उत्तर
☀ चन्द्रबल और ताराबल
☀ ताराबल
🔅 अश्विनी, कृत्तिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, रेवती
☀ चन्द्रबल
🔅 वृषभ, कर्क, कन्या, तुला, मकर, कुम्भ
📜 चोघडिया 📜
🔅लाभ 06:03:36 – 07:40:56
🔅अमृत 07:40:56 – 09:18:17
🔅काल 09:18:17 – 10:55:38
🔅शुभ 10:55:38 – 12:32:59
🔅रोग 12:32:59 – 14:10:20
🔅उद्वेग 14:10:20 – 15:47:41
🔅चल 15:47:41 – 17:25:02
🔅लाभ 17:25:02 – 19:02:23
🔅उद्वेग 19:02:23 – 20:24:54
🔅शुभ 20:24:54 – 21:47:26
🔅अमृत 21:47:26 – 23:09:58
🔅चल 23:09:58 – 24:32:30
🔅रोग 24:32:30 – 25:55:01
🔅काल 25:55:01 – 27:17:33
🔅लाभ 27:17:33 – 28:40:05
🔅उद्वेग 28:40:05 – 30:02:37
❄️लग्न तालिका ❄️
🔅 मेष चर
शुरू: 05:41 AM समाप्त: 07:20 AM
🔅 वृषभ स्थिर
शुरू: 07:20 AM समाप्त: 09:17 AM
🔅 मिथुन द्विस्वाभाव
शुरू: 09:17 AM समाप्त: 11:31 AM
🔅 कर्क चर
शुरू: 11:31 AM समाप्त: 01:52 PM
🔅 सिंह स्थिर
शुरू: 01:52 PM समाप्त: 04:09 PM
🔅 कन्या द्विस्वाभाव
शुरू: 04:09 PM समाप्त: 06:25 PM
🔅 तुला चर
शुरू: 06:25 PM समाप्त: 08:44 PM
🔅 वृश्चिक स्थिर
शुरू: 08:44 PM समाप्त: 11:03 PM
🔅 धनु द्विस्वाभाव
शुरू: 11:03 PM समाप्त: अगले दिन 01:07 AM
🔅 मकर चर
शुरू: अगले दिन 01:07 AM समाप्त: अगले दिन 02:50 AM
🔅 कुम्भ स्थिर
शुरू: अगले दिन 02:50 AM समाप्त: अगले दिन 04:19 AM
🔅 मीन द्विस्वाभाव
शुरू: अगले दिन 04:19 AM समाप्त: अगले दिन 05:41 AM
हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार, भगवान श्री विष्णु जी के सातवें अवतार, मर्यादा पुरुर्षोत्तम भगवान श्री राम जी का जन्म त्रेतायुग में चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को दोपहर के समय कर्क लग्न में अयोध्या नगर में राजा दशरथ की पत्नी कौशल्या के गर्भ से हुआ था। तभी से उस शुभ तिथि भगवान श्रीराम के जन्मदिवस को राम नवमी के रूप में मनाया जाता है।
राम नवमी अत्यंत मंगलकारी और शुभ तिथि मानी जाती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रामनवमी पर कोई भी मांगलिक कार्य बिना सोचे-विचारे, बिना मुहूर्त के किया जा सकता है।
राम नवमी के दिन भगवान श्री राम जी की पूजा करने, राम रक्षा स्रोत का पाठ करने से सुखी दाम्पत्य जीवन, सुख-समृद्धि, आरोग्य और सम्मान की प्राप्ति होती है।
राम नवमी के दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ भी अवश्य करना चाहिए ।
विशेष – आज के दिन सिद्धीदात्री की पूजा की जाती है
पूजन मुहूर्त :- प्रातः 11 से 12:15 बजे
पं. विष्णुदत्त शास्त्री ( 8290814026)