श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 28 दिसम्बर 2019। कोटा के अस्पताल में दिसम्बर माह में अब तक 77 बच्चों की मौत हो चुकी है। रोजाना हो रही मौतों से अस्पताल में हड़कंप मचा हुआ है। बच्चों की मौत पर चिंता जताते हुए कोटा के सांसद और लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा है। चिकित्सा मंत्री की गैर मौजूदगी में मुख्यमंत्री गहलोत ने प्रदेश के स्वास्थ सचिव शिक्षा वैभव गालरिया की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित कर कोटा भेजा है। अब यह कमेटी मौत के कारणों का पता लगा रही है। प्राथमिक जांच पड़ताल के अनुसार बच्चों की मौत का कारण बच्चा वार्ड में इंफेक्शन बताया जा रहा है। कोटा के जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत इन दिनों मीडिया में सुर्खियां बनी हुई है। आरोप है कि सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों एवं चिकित्सा कर्मियों की लापरवाही और समुचित देखभाल नहीं होने की वजह से भी बच्चों की मौत हो रही है। रोजाना हो रही बच्चों की मौत से अभिभावकों में भी दहशत का माहौल है। धनाढ्य परिवार तो प्राइवेट अस्पताल में डिलीवरी करवा लेते हैें, लेकिन आर्थिक दृष्टि से कमजोर परिवर की महिलाएं तो सरकारी अस्पताल पर ही निर्भर रहती हैं। सरकारी अस्पताल में सुरक्षित डिलीवरी के लिए केन्द्र और राज्य सरकार करोड़ों रुपए खर्च करती है, लेकिन इसके बावजूद भी संभाग स्तरीय कोटा के अस्पताल में एक माह में 77 बच्चों की मौत होना बताना है कि सरकार की सुविधाओं का लाभ महिलाओं को नहीं मिल रहा है। जब संभाग स्तरीय अस्पताल के हालात ऐसे हैं तो उपखंड स्तरीय और ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी अस्पतालों के हालातों का अंदाजा लगाया जा सकता है।
राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा दुबई दौरे पर है और वहीं से कोटा के जेके लोन अस्पताल के हालातों का जायजा लिया।
सरकारी अस्पताल में बच्चों की मौत अस्वीकार्य-सचिन पायलट।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। 28 दिसम्बर को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कोटा के जेके लोन अस्पताल में दिसम्बर माह में 77 मौतों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। पायलट ने कहा कि सरकारी अस्पताल में बच्चों की मौत अस्वीकार्य है। उन्होंने उम्मीद जताई कि मुख्यमंत्री ने जो जांच कमेटी बैठाई है वह जल्द ही अपनी रिपोर्ट देगी और दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी। पायलट ने कहा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।