March 28, 2024

श्रीडूंगरगढ टाइम्स 18 मई 2020। कृषक कल्याण शुल्क के विरोध में जयपुर के उद्योग एवं व्यापार संघ द्वारा मुख्यमंत्री के दबाव में भले ही हथियार डाल दिए गए परन्तु श्रीडूंगरगढ का व्यापार संघ मजबुती से विरोध करने में डटा है। पूरे राज्य में श्रीडूंगरगढ कृषि मंडी ब्लॉक स्तर की श्रेष्ठ तीन मंडियों में शामिल है और इसके लगातार बंद से राज्य सरकार और केन्द्र सरकार को भी कोरोना के संकटकाल में राजस्व का जबरदस्त नुकसान हो रहा है। यहां के व्यापारी झुकने को तैयार नहीं और लगातार इस शुल्क का जोरदार विरोध सरकार तक दर्ज करवा रहें है। यहां व्यापारी भारी नुकसान झेलते हुए भी मंडी खोलना कतई स्वीकार नहीं कर रहे है और शुल्क वापस नहीं लेने के विरोध में अनिश्चय काल तक मंडी बन्द करने पर अड़े हुए है। व्यापारियों में मंडी प्रशासन द्वारा किसान को गुमराह करने का प्रेस वक्तव्य जारी करते हुए इस शुल्क को किसानों के हित में बताने के कारण भी आक्रोश व्याप्त है एवं व्यापारियों ने मंडी प्रशासन का भी इस विषय पर पूरजोर विरोध करते हुए किसान के साथ सरकार द्वारा छल नहीं करने देने का संकल्प दोहराया है।

हर रोज आती थी 400 से अधिक पिकअप, अब सूना पड़ा है मंडी प्रांगण।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। इस समय हर साल मंडी में करीब 400 पिकअप रोजाना अनाज खाली होता है आज मंडी प्रांगण सूनसान पड़ा है। व्यापारियों को यहां के उद्योग धंधो की कमर टूटने का आभास भी है। कृषि मंडी व्यापार संघ के अध्यक्ष श्यामसुन्दर पारीक ने प्रियंका गांधी से लेकर अशोक गहलोत और सचिन पायलट को भी ट्वीट कर किसानों के साथ किए इस छल के नाटक का पटाक्षेप शुल्क वापस लेकर करने की मांग की है। पारीक ने कहा अप्रत्यक्ष रूप से ये कर किसानों की जेब से ही निकलेगा। पारीक ने कहा कि सर्वाधिक चिंतनीय है कि आत्मनिर्भरता के स्थान पर राज्य सरकार पड़ौसी प्रदेशों को कच्चा माल ले जाने और फिर पक्का माल हमारे ही राज्य में महंगे दामों पर खरीदने को लोगों को मजबूर करने का काम कर रही है। सरकार कृषि मंडियों को समाप्त करने का उपक्रम कर चुकी है। पारीक ने कहा कि पूरे राजस्थान के विधायकों ने मुख्यमंत्री के साथ हुई वीसी में ये निर्णय वापस लेने की मांग की है। आज पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी कृषक कल्याण शुल्क के विरोध में ट्वीट करते हुए इसे किसानों के विरोध में बताया है। श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र में लगभग 25 हजार नलकूप है और यह समृद्ध कृषि मंडी जयपुर तक खासी तवज्जो पाती है। प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगलवार को बीकानेर से बी.डी. कल्ला के नेतृत्व में व्यापारी मुख्यमंत्री से मिलने जयपुर जाएंगे और कृषक कल्याण शुल्क को वापस लेने की मांग करेंगे। यहां का उद्योगों को मिलने वाला कच्चा माल भी टैक्स कम होने व भाव ज्यादा मिलने के कारण बाहर के प्रदेशों में जाकर विक्रय हो जायेगा व पक्का माल यंहा आकर विक्रय हो जायेगा। जिसके कारण कृषि उपज पर आधारित हमारे उधोग धन्धे भी दूसरे प्रदेशों के उधोग धन्धो से प्रतिस्पर्धा में पिछड़ जायेंगे। जिससे राज्य सरकार को भी G.S.T. व कृषि उपज मंडी टैक्स का बहुत बड़ा नुकसान होगा।

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