श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 20 फरवरी 2023, 🚩श्री गणेशाय नम:🚩शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।
नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।
योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।
*करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।
इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना, पढ़ना चाहिए ।
📜 आज का पंचांग 📜
☀ 20 – Feb – 2023
☀ Sri Dungargarh, India
☀ पंचांग
🔅 तिथि अमावस्या 12:38 PM
🔅 नक्षत्र धनिष्ठा 11:47 AM
🔅 करण :
नाग 12:38 PM
किन्स्तुघ्ना 12:38 PM
🔅 पक्ष कृष्ण
🔅 योग :
परिघ 11:02 AM
शिव 11:02 AM
🔅 वार सोमवार
☀ सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएँ
🔅 सूर्योदय 07:07 AM
🔅 चन्द्रोदय 07:18 AM
🔅 चन्द्र राशि कुम्भ
🔅 चन्द्र वास पश्चिम
🔅 सूर्यास्त 06:28 PM
🔅 चन्द्रास्त 06:37 PM
🔅 ऋतु वसंत
☀ हिन्दू मास एवं वर्ष
🔅 शक सम्वत 1944 शुभकृत
🔅 कलि सम्वत 5124
🔅 दिन काल 11:20 AM
🔅 विक्रम सम्वत 2079
🔅 मास अमांत माघ
🔅 मास पूर्णिमांत फाल्गुन
☀ शुभ और अशुभ समय
☀ शुभ समय
🔅 अभिजित 12:25:19 – 13:10:39
☀ अशुभ समय
🔅 दुष्टमुहूर्त 01:10 PM – 01:55 PM
🔅 कंटक 09:23 AM – 10:09 AM
🔅 यमघण्ट 12:25 PM – 01:10 PM
🔅 राहु काल 08:32 AM – 09:57 AM
🔅 कुलिक 03:26 PM – 04:11 PM
🔅 कालवेला या अर्द्धयाम 10:54 AM – 11:39 AM
🔅 यमगण्ड 11:22 AM – 12:47 PM
🔅 गुलिक काल 02:12 PM – 03:37 PM
☀ दिशा शूल
🔅 दिशा शूल पूर्व
☀ चन्द्रबल और ताराबल
☀ ताराबल
🔅 भरणी, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती
☀ चन्द्रबल
🔅 मेष, वृषभ, सिंह, कन्या, धनु, कुम्भ
📜 चोघडिया 📜
🔅अमृत 07:07:59 – 08:32:59
🔅काल 08:32:59 – 09:57:59
🔅शुभ 09:57:59 – 11:22:59
🔅रोग 11:22:59 – 12:47:59
🔅उद्वेग 12:47:59 – 14:12:59
🔅चल 14:12:59 – 15:37:59
🔅लाभ 15:37:59 – 17:02:59
🔅अमृत 17:02:59 – 18:28:00
🔅चल 18:28:00 – 20:02:53
🔅रोग 20:02:53 – 21:37:46
🔅काल 21:37:46 – 23:12:39
🔅लाभ 23:12:39 – 24:47:32
🔅उद्वेग 24:47:32 – 26:22:25
🔅शुभ 26:22:25 – 27:57:18
🔅अमृत 27:57:18 – 29:32:11
🔅चल 29:32:11 – 31:07:04
❄️ लग्न तालिका ❄️
🔅 कुम्भ स्थिर
शुरू: 06:49 AM समाप्त: 08:17 AM
🔅 मीन द्विस्वाभाव
शुरू: 08:17 AM समाप्त: 09:43 AM
🔅 मेष चर
शुरू: 09:43 AM समाप्त: 11:19 AM
🔅 वृषभ स्थिर
शुरू: 11:19 AM समाप्त: 01:15 PM
🔅 मिथुन द्विस्वाभाव
शुरू: 01:15 PM समाप्त: 03:30 PM
🔅 कर्क चर
शुरू: 03:30 PM समाप्त: 05:50 PM
🔅 सिंह स्थिर
शुरू: 05:50 PM समाप्त: 08:07 PM
🔅 कन्या द्विस्वाभाव
शुरू: 08:07 PM समाप्त: 10:23 PM
🔅 तुला चर
शुरू: 10:23 PM समाप्त: अगले दिन 00:43 AM
🔅 वृश्चिक स्थिर
शुरू: अगले दिन 00:43 AM समाप्त: अगले दिन 03:02 AM
🔅 धनु द्विस्वाभाव
शुरू: अगले दिन 03:02 AM समाप्त: अगले दिन 05:06 AM
🔅 मकर चर
शुरू: अगले दिन 05:06 AM समाप्त: अगले दिन 06:49 AM
🌺।। आज का दिन मंगलमय हो।।🌺
सोमवार के दिन भगवान शंकर की आराधना, अभिषेक करने से चन्द्रमा मजबूत होता है, काल सर्प दोष का प्रभाव कम होता है।
सोमवार का व्रत रखने से मनचाहा जीवन साथी मिलता है, वैवाहिक जीवन में लम्बा और सुखमय होता है।
जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए हर सोमवार को शिवलिंग पर पंचामृत या मीठा कच्चा दूध एवं काले तिल चढ़ाएं, इससे भगवान महादेव की कृपा बनी रहती है परिवार से रोग दूर रहते है।
सोमवार के दिन शिव पुराण के अचूक मन्त्र “श्री शिवाय नमस्तुभ्यम्’ का अधिक से अधिक जाप करने से समस्त कष्ट दूर होते है. निश्चित ही मनवाँछित लाभ मिलता है।
⭐सोमवती अमावस्या ⭐
आज अति पुण्यदायक सोमवती अमावस्या है । सोमवती अमावस्या के बारे में शिव महापुराण में भगवान शिव ने माता पार्वती को समझाया था, सोम को अमृत भी कहा जाता है, अमा का अर्थ है एकत्र करना और वस्या वास को कहा गया है।
यानि जिसमें सब एक साथ वास करते हों वह अमावस्या अति पवित्र सोमवती अमावस्या कहलाती है। माना जाता है की सोमवती अमावस्या में भक्तों को अमृत की प्राप्ति होती है।
इस दिन प्रात: काल पीपल की सेवा करने, मीठा जल से सींचने, पीपल की परिक्रमा करने से सहस्र गोदान का पुण्य फल प्राप्त होता है।
शास्त्रों के अनुसार में पीपल की छाया से, स्पर्श करने से और 108 बार प्रदक्षिणा करने से समस्त पापों का नाश, अक्षय लक्ष्मी की प्राप्ति और आयु में वृद्धि होती है।
इस दिन जो स्त्री तुलसी व माता पार्वती पर सिन्दूर चढ़ाकर अपनी माँग में लगाती है वह अखण्ड सौभाग्यवती बनी रहती है ।
आज पितरों की कृपा प्राप्त करने के लिए घर पर ब्राह्मण को भोजन कराएं एवं उसे यथा शक्ति दान – दक्षिणा प्रदान करें ।
अमावस्या के दिन घर पर खीर अवश्य बनायें फिर उसमें थोड़ी सी खीर दोने पर निकाल कर पित्रों के निमित पीपल पर रख आएं ।
हर अमावस्या को गहरे गड्ढे या कुएं में एक चम्मच दूध डालें इससे कार्यों में बाधाओं का निवारण होता है ।
इसके अतिरिक्त अमावस्या को आजीवन जौ दूध में धोकर बहाएं, आपका भाग्य सदैव आपका साथ देगा ।
पण्डित विष्णुदत्त शास्त्री
8290814026